90 के दशक बाद ही भूतों का बंगला बन गया हाई स्कूल का छात्रावास
जब कैमूर जिला की स्थापना नहीं हुई थी तब यह क्षेत्र शाहाबाद जिला के नाम विख्यात था।
संवाद सूत्र, रामगढ़: जब कैमूर जिला की स्थापना नहीं हुई थी तब यह क्षेत्र शाहाबाद जिला के नाम विख्यात था। तब रामगढ़ में हाईस्कूल की स्थापना हुई थी। बाजार से सटे गोड़सरा मौजा में स्थापित इस हाई स्कूल की चर्चा राजधानी गलियारे तक थी। 1965 में जब इस हाई स्कूल की स्थापना हुई तब इलाके में शिक्षा की ज्योति जलाने के लिए कई शिक्षाविद् निकल पड़े थे। स्वतंत्रता आंदोलन के जनक पं दशरथ तिवारी उर्फ पगड़िया बाबा इस स्कूल के संस्थापक बने। उन्होंने शिक्षक के रुप में विद्यालय में पदस्थापित भी किया। वह भी नि:शुल्क। बाद में इस हाईस्कूल की व्यवस्था में चार चांद प्रधानाध्यापक रहे स्व. विद्या सागर सिंह ने लगाया। तब इस हाई स्कूल की सु²ढ़ शिक्षा व्यवस्था का लाभ दूरदराज के छात्र उठा रहे थे। विद्यालय भवन के साथ खुबसूरत छात्रावास का भी निर्माण हुआ। 80 बेड वाले इस छात्रावास को नरेंद्र देव छात्रावास की उपाधि प्राप्त हुई। मेस व कैंटिन संचालित इस छात्रावास में रहकर पढ़ने वाले छात्र शिक्षा जगत की कसौटी पर खरा उतरते थे। सुबह शाम छात्रावास में क्लास के लिए लगने वाली घंटी से बाजार व गोड़सरा के लोग भी समय से जगते थे। अब वही छात्रावास भूतों का बंगला बन गया है। न तो छात्रावास में एक भी चौकी रह गई और न ही छात्र। अब तो नई पीढ़ी को मालूम भी नहीं कि हाईस्कूल में छात्रावास भी था। 1990 तक किसी तरह यह छात्रावास जीवित रहा। उसके बाद तो बिल्कुल ही बंद हो गया। पहले इस छात्रावास में वैसे छात्र रहकर पठन पाठन करते जो टॉपर होते थे। उन्हें छात्रवृत्ति भी मिलती थी। जिले भर के प्रतिभावान छात्रों के लिए यह छात्रावास ज्योति का किरण भी बना रहता था। अब न तो वैसे छात्र ही यहां आ पा रहे हैं और न ही स्कूल प्रबंधन इस छात्रावास को पुर्नजीवित करने का प्रयास कर रहा है।
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