बिहार को मिलेगा पहला भव्य आदिवासी संग्रहालय, कैमूर की पहाड़ियों में संजोई जाएगी हजारों साल पुरानी विरासत
कैमूर में राज्य का पहला आदिवासी संग्रहालय बनेगा, जहाँ आदिवासी संस्कृति से जुड़ी वस्तुओं को संरक्षित किया जाएगा। तीन से पांच एकड़ भूमि पर बनने वाले इस संग्रहालय में पुरातात्विक अवशेष, प्राचीन मूर्तियाँ और ऐतिहासिक वस्तुएँ संग्रहित होंगी। कैमूर के अधौरा प्रखंड में आदिवासियों के उत्थान के लिए सरकार कल्याणकारी योजनाएँ चला रही है।

बिहार आदिवासी संग्रहालय
जागरण संवाददाता, भभुआ। कला संस्कृति एवं युवा विभाग की देखरेख में कैमूर में राज्य का पहला आदिवासी संग्रहालय बनाया जाएगा। संग्रहालय भवन बनाने को भूमि की उपलब्धता का प्रयास किया जा रहा है। आदिवासी जनजाति संग्रहालय बनने से आदिवासी जनजाति संस्कृति से जुड़ी वस्तुओं को संग्रहालय में संरक्षित किया जाएगा।
इस संबंध में जिला कला संस्कृति एवं विभाग के पदाधिकारी सुमन सौरभ ने बताया कि कैमूर जिले में तीन से पांच एकड़ भूमि पर राज्य का पहला आदिवासी जनजाति संग्रहालय बनाया जाएगा।
आदिवासी संस्कृतिक जनजीवन को संग्रहित
उन्होंने कहा कि बनाए जाने वाले संग्रहालय में पुरात्विक, प्राचीन मूर्तियों के अलावा ऐतिहासिक वस्तुओं के साथ ही स्थानीय आदिवासी संस्कृतिक जनजीवन से जुड़ी वस्तुओं व उनके रीति रिवाज की भी वस्तुओं को संग्रहित किया जाएगा।
पदाधिकारी ने बताया कि आदिवासी जनजाति संग्रहालय के भवन निर्माण के लिए तीन से पांच एकड़ भूमि की आवश्यकता है। भवन के निर्माण को भूमि को चिह्नित की जा रही है।
कैमूर पहाड़ी में कई जनजाति समुदाय के परिवारों का निवास
बता दें कि कैमूर जिले के पहाड़ी प्रखंड अधौरा में आदिवासियों की कई जनजाति समुदाय के परिवार निवास करते हैं। केंद्र व राज्य सरकार के द्वारा इन परिवारों के उत्थान के लिए कल्याणकारी योजनाओं को संचालित किया जा रहा है।
आदिवासी समुदाय के उत्थान के लिए कई तरह की योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है। जिले का अधौरा प्रखंड पूरी तरह से पहाड़ी क्षेत्र है। यहां के विकास के लिए स्थानीय स्तर पर जनप्रतिनिधियों ने भी कई कार्य किए हैं।
चुनाव से पूर्व भभुआ आए सीएम नीतीश कुमार ने अधौरा प्रखंड में डिग्री कॉलेज खोलने की भी घोषणा की है। ताकि यहां के छात्र-छात्राओं को उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए कहीं अन्य जगह न जाना पड़े।
इसके अलावे अधौरा प्रखंड के गांवों में बिजली की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए कार्य शुरू कर दिया गया है। इसके साथ ही पेयजल की समस्या को दूर करने के लिए भी अधौरा प्रखंड में कई योजनाएं स्वीकृत की गई हैं।

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