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    हादसे को दावत दे रहे जीटी रोड-मोहनियां-जिगिना पथ के गड्ढे, ग्रामीण कार्य विभाग की लापरवाही उजागर

    Updated: Sun, 05 Oct 2025 02:53 PM (IST)

    मोहनियां में जीटी रोड-जिगिना पथ खस्ताहाल है जिससे दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ गया है। चार साल पहले बनी इस सड़क की मरम्मत नहीं होने से गड्ढे भर गए हैं जिससे वाहन चालकों को परेशानी हो रही है। ग्रामीण कार्य विभाग की लापरवाही और ठेकेदार की मनमानी के कारण सड़क की हालत जर्जर हो गई है जिससे ग्रामीणों में नाराजगी है।

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    जिगिना पथ के गड्ढों में भरा पानी, दुर्घटना की आशंका

    संवाद सहयोगी, मोहनियां। जिले में बीते दिनों हुई वर्षा से जीटी रोड-जिगिना पथ में झील का नजारा है। पानी भरे गड्ढे दुर्घटना को दावत दे रहे हैं। यह पथ मोहनियां-व रामगढ़ विधानसभा के कई गांवों को जीटी रोड से जोड़ता है। चार साल पूर्व बने इस पथ की एक बार भी मरम्मत नहीं हुई। लंबे समय से यह पथ बदहाल है।

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    ग्रामीण कार्य विभाग का इस पथ पर ध्यान नहीं है। संवेदक की मनमानी यात्रियों पर भारी पड़ रही है। इस पथ में गड्ढों की भरमार है। जिसमें पानी भर जाने के कारण चालकों को गड्ढों के गहराई का पता नहीं चलता। वाहन हिचकोले खाते हुए चलते हैं।

    आए दिन दोपहिया व तिपहिया वाहन पलट रहे हैं। यात्री घायल हो रहे हैं। उक्त पथ की बदहाली से किसी दिन बड़ा हादसा हो सकता है। यह पथ मोहनियां व रामगढ़ विधानसभा के कई गांवों को राष्ट्रीय राजमार्ग से जोड़ता है।

    जीटी रोड से उतरते ही इस पथ में गहरे गड्ढे नजर आने लगते हैं। वर्षा होते ही इस पथ पर झील का नजारा होता है। किसी सड़क के निर्माण के बाद पांच साल तक उसके अनुरक्षण की जिम्मेदारी संवेदक की होती है। लेकिन इस पर संवेदक का ध्यान नहीं है। जाहिर है बिना विभागीय अधिकारियों की मिली भगत से ऐसा संभव नहीं है।

    निर्माण के बाद से नहीं हुई है मरम्मत

    जीटी रोड से उत्तर सौ फीट की दूरी पर बोर्ड लगा है। जिस पर इस सड़क से संबंधित जानकारी अंकित है। इस पथ का नाम टी 04 दोघरा लिखा गया है। इसकी लंबाई 2.70 किलोमीटर है।

    एकरारनामा की राशि 103.67 लाख तथा पांच साल तक रख रखाव के लिए की राशि 22.856 लाख रुपये निर्धारित है। संवेदक का नाम मनीष कुमार सिंह आरा है। कार्यकारी एजेंसी के रूप में कार्यपालक अभियंता ग्रामीण कार्य विभाग, कार्य प्रमंडल मोहनियां का नाम बोर्ड पर लिखा है।

    सात जनवरी 2021 से उक्त पथ का निर्माण कार्य प्रारंभ होकर 15 मई 2022 को समाप्त हुआ। वर्ष 2021-22 से 2025-26 हर वर्ष पथ रख रखाव करना है। वित्तीय वर्ष 2025-26 चल रहा है। पांच वर्ष के कार्यकाल में एक बार भी उक्त पथ की मरम्मत नहीं हुई।

    दस माह पूर्व एक बार जगह जगह गिट्टी भरकर खानापूर्ति की गई है। दुघरा के बाद दूसरे संवेदक द्वारा जिगिना अर्रा तक पथ निर्माण कराया गया है। आगे दुर्गावती मुख्य नहर पथ तक इस पथ का बुरा हाल है।

    डेढ़ साल पहले चंदा के पैसे से मरम्मत

    डेढ़वर्ष पूर्व दुघरा के ग्रामीणों ने चंदे के पैसे से इस पथ की मरम्मत कराई थी। जगह जगह बने गड्ढों में ईंट की टुकड़ी डालकर समतल बनाया गया था। बरसात होने के बाद पुनः सड़क गड्ढों से पट गई है। जिसमें हिचकोले खाते हुए वाहन चल रहे हैं।

    जीटी रोड से कई गांवों को जोड़ता है यह पथ

    यह पथ मोहनियां प्रखंड के अकोढ़ी, कुर्रा, दुघरा, जिगिना, लुरपुरवा, इदिलपुर, पट्टी, भनखनपुर, हसनपुरा, रजियाबांध, बेर्रा, तुलसीपुर, बम्हौर खास, अर्रा, आलाडाही, टेकारी कला, सियापोखर तथा रामगढ़ प्रखंड के देवहलिया, मटियारी, लबेदहां इत्यादि गांवों को जीटी रोड से जोड़ता है। सियापोखर गांव के समीप दुर्गावती नदी पर बने पुल को पार कर वाहन देवहलिया, नुआंव होते हुए यूपी की सीमा में प्रवेश कर जाते हैं।

    ऐसे में यह पथ दो विधान सभा के साथ दो राज्यों को जोड़ने का काम करता है। ग्रामीणों का कहना है कि जीटी रोड दुघरा पथ दो विधान के साथ साथ बिहार को यूपी से जोड़ता है। इस महत्वपूर्ण पथ की बदहाली ग्रामीण कार्य विभाग की कार्यशैली पर सवाल खड़ा करने को काफी है। विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से ही संवेदक सड़क की मरम्मत नहीं कर रहे हैं। सड़क में जगह जगह बड़े बड़े गड्ढे बन गए हैं। जिसमें बारिश का पानी जमा हो रहा है। इससे पैदल यात्रियों को परेशानी होती है।

    ग्रामीण पथों के रखरखाव पर ग्रामीण कार्य विभाग को ध्यान देना है। इस संबंध में अधिकारियों को निर्देश दिया गया है। इसके बाद भी पथों की मरम्मत नहीं होना अधिकारियों की उदासीनता को दर्शाता है। दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी।-संगीता कुमारी, विधायक