लीड: पंडित मदन मोहन मालवीय की जयंती पर निकली अद्भुत झांकी
फोटो फाइल 25 बीएचयू 05, 06 - भारत माता व मां सरस्वती की झांकी बनी आकर्षण का केंद्र -
फोटो फाइल 25 बीएचयू 05, 06
- भारत माता व मां सरस्वती की झांकी बनी आकर्षण का केंद्र
- चार स्कूल के हजारों छात्र-छात्राओं ने प्रभात फेरी में लिया हिस्सा
संवाद सूत्र रामगढ़: काशी ¨हदू विश्वविद्यालय के संस्थापक व भारत रत्न से विभूषित पंडित मदन मोहन मालवीय की जयंती सोमवार को रामगढ़ की धरती पर उत्साह पूर्वक मनाई गई। पिछले कुछ वर्षों से इनवेटिव एकेडमी के तत्वावधान में मनाई जाने वाली महामना की जयंती को यादगार बनाने के लिए कई दिनों से रिहर्सल चल रहा था। अद्भुत झांकी की प्रस्तुति को ले कलाकर अपने अपने ढंग से सजाने संवारने में जुटे हुए थे। झांकी व परेड में हिस्सा लेने के लिए चार विद्यालय इनवेटिव एकेडमी, सांई कन्वेंट तथा सरस्वती शिशू मंदिर के बच्चे अपने-अपने परिधानों में सज धज कर ग्राम भारती कॉलेज में कतारबद्ध हो गए थे। सुबह की लालिमा के साथ ही स्कूली बच्चों का जयघोष शुरु हो गया था। झांकी व प्रभात फेरी को विधायक अशोक कुमार ¨सह व बीएचयू के प्रोफेसर जेपी ¨सह के द्वारा संयुक्त रुप से फीता काटकर रैली को रवाना किया गया। खुली जिप्सी गाड़ी पर भारत माता अदिति कुमारी, सरस्वती खुशी ¨सह व महामना का रुप लिए शौर्य ¨सह सरस्वती शिशु मंदिर के पात्र की आकर्षित झांकी लोगों के लिए मनमोहक बनी हुई थी। गाजे-बाजे के साथ जीबी कॉलेज से निकल कर पूरे बाजार का भ्रमण करते हुए थाना के पास पहुंची। इस दौरान भारत माता का जयघोष व वंदे मातरम् की गूंज से पूरा माहौल ही बदला-बदला सा नजर आ रहा था। मालवीय जी अमर रहें। हम सबों ने ठाना है दहेज मुक्त राष्ट्र बनाना है। साफ सफाई का रखना ध्यान तभी बनेगा देश महान आदि नारों के साथ इन स्कूली छात्र-छात्राओं का जोश व जज्बा देखते ही बन रहा था। पुलिस पदाधिकारी भी दल बल के साथ बाजार की सड़क पर झांकी व प्रभात फेरी के दौरान चुस्त दिखे। इस दौरान कृपाशंकर पांडेय, अशोक पांडेय, प्रज्ञा कुमारी, अजय उपाध्याय, मुकेश ¨सह आदि शिक्षक पूरी तत्परता से लगे रहे। झांकी के गाड़ी का सारथी आर्मी के जवान अमलेश कुमार पांडेय रहे। आगामी 30 दिसंबर को भव्य समारोह होगा। जिसमें 121 जानी मानी हस्तियों को विभिन्न उपाधियों से नवाजा जाएगा।
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देश को शिखर पर पहुंचाने में महामना की भूमिका अहम : विधायक
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संवाद सूत्र रामगढ़: वैभवशाली भारत के निर्माण में पंडित मदन मोहन मालवीय के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। यह बातें सोमवार को महामना जयंती के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान रामगढ़ के भाजपा विधायक अशोक कुमार ¨सह ने कही। उन्होंने जीबी कॉलेज में स्थापित उनके तैल्य चित्र पर पुष्प अर्पित करने के पश्चात लोगों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि दुनिया में भारत की संस्कृति का व्याख्यान होने व उसके गौरव गाथा को याद करने के पीछे पंडित मदन मोहन मालवीय हैं। दुनिया के चर्चित काशी ¨हदू विश्वविद्यालय की स्थापना ऐसे समय में उन्होंने की थी, जब भारत जैसे संप्रभुता वाले देश को भारतीय संस्कृति की जरूरत थी। आज उनकी बदौलत भारत की संस्कृति की पहचान विश्व में बनी हुई है। आज उसी काशी ¨हदू विश्वविद्यालय से निकल कर हमारे बच्चे विश्व में अपनी काबिलियत का डंका बजा रहें हैं। बीएचयू के प्रोफेसर जेपी ¨सह ने कहा भारतीय संस्कृति के पराकाष्ठा पर पहुंचाने के लिए उनका विशेष योगदान रहा। शिक्षा के साथ-साथ संस्कृति को एक नई दिशा उन्होंने देकर भारत को एक नई राह दिखाया। इस मौके पर केंद्रीय मार्ग दर्शक मंडल के अध्यक्ष डॉ. एम के उपाध्याय, रविशंकर अग्रवाल, राजीव कुमार ¨सह, अत्रि भारद्वाज, डॉ. पूजा उपाध्याय, रामाधार पांडेय, आशुतोष पांडेय, ओपी पांडेय, राजीव रंजन, केके ¨सह, जीवन राठौर, नागेश चौबे, लता कुमारी, दिलीप खरवार, उषा कुमारी सहित कई शिक्षाविद् ने महामना के जीवनी पर प्रकाश डाला।
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