27 प्रजातियों के लकड़ी के लिए नहीं लेना पड़ेगा परिवहन परमिट
गत फरवरी माह में जारी वन एवं पर्यावरण व्यवस्था के अधिसूचना के अनुसार सरकार द्वारा 1
कैमूर। गत फरवरी माह में जारी वन एवं पर्यावरण व्यवस्था के अधिसूचना के अनुसार सरकार द्वारा 17 वृक्ष प्रजातियों की लकड़ी को परिवहन परमिट व्यवस्था से मुक्त कर दिया गया है। पूर्व से ही दस 10 वृक्ष प्रजातियों की लकड़ी परिवहन परमिट से मुक्त चल रही थीं। बिना परमिट के इन प्रजातियों की लकड़ी को लोग राज्य में कहीं भी परिवहन कर सकते हैं। यह निर्णय हरितावरण भौगोलिक क्षेत्रफल बढ़ाने को लेकर किया गया है।
बता दें कि निजी जमीन में लगाए गए वृक्षों के लकड़ियों के परिवहन के लिए भी लोगों को वन विभाग से परिवहन परमिट लेना पड़ता था। बिना परमिट परिवहन कानूनन अपराध के श्रेणी में आता था। लेकिन वर्ष 2009 में पर्यावरण एवं वन विभाग के अधिसूचना के अनुसार 10 वृक्षों के प्रजातियों की लकड़ी परिवहन परमिट से मुक्त की गई थी। जिसमें आम, देशी बांस, कदम्ब, गम्हार, सेमल, खजूर, ताड़, लीची, यूकलिप्टस तथा पोपुलन वृक्ष की लकड़ी शामिल थी।
इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार सरकार द्वारा फरवरी 2017 में जारी नई अधिसूचना के अनुसार 17 और वृक्षों के प्रजातियों की लकड़ी परिवहन परमिट व्यवस्था से मुक्त कर दी गई हैं। निजी जमीन पर लगाए गए इन वृक्ष प्रजातियों की लकड़ी वृक्ष मालिक बिना परिवहन परमिट के राज्य में कहीं भी ले जा सकता है।
इस संबंध में पूछे जाने पर भभुआ रेंजर ने बताया कि राज्य में हरितावरण भौगोलिक क्षेत्र को 9.79 से बढ़ाकर वित्तीय वर्ष 2016-17 तक 15 प्रतिशत तक सरकार का लाने का लक्ष्य है। जिसे ले कर वर्ष 2012-15 में हरियाली मिशन चरण एक की गई थी। इस मिशन के तहत कृषि वानिकी योजना चलाई गई है। जिसके तहत किसानों के निजी भूमि पर बड़े पैमाने पर पौधरोपण किया जा रहा है। इसे और गति प्रदान करने की जरूरत समझी जा रही थी। जिसे ले कर नीतिगत सहायता के अंतर्गत यह निर्णय लिया गया है।
----------------------
इंसेट
परिवहन परमिट से मुक्त किए गए वृक्ष
क्रमांक वृक्ष का नाम
1 इजरायली बबूल
2 विलायती बबूल
3 गुलमोहर
4 बेर
5 अमरूद
6 मीठी नीम
7 जेकरंडा
8 सुबबूल
9 शहतूत
10 अशोक
11 कैसूरिना
12 सिल्वर ओक
13 पाम
14 नींबू, संतरा, मौशमी
15 पेल्टाफोरम
16 रबर
17 सफेद बबूल
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।