Jamui: सदर अस्पताल में दो घंटे Oxygen Supply बंद होने से युवक की मौत, कोरोना काल में लगे थे दो-दो प्लांट
जमुई सदर अस्पताल में रविवार को एक मरीज की ऑक्सीजन के अभाव में मौत हो गई। मरीज को जैसे ही ऑक्सीजन पाइप लगाया तो पता चला कि ऑक्सीजन का सप्लाई नहीं हो रहा है। दो घंटे तक ऑक्सीजन आपूर्ति नहीं हुई जिससे अस्पताल में अफरा तफरी मच गई।
जमुई, संवाद सहयोगी। मरीजों की सुविधा के लिए सदर अस्पताल में निर्माण किये गए दो ऑक्सीजन प्लांट के बावजूद रविवार को सदर अस्पताल में ऑक्सीजन आपूर्ति अचानक बंद हो जाने से एक युवक की मौत हो गई है। दो घंटे तक इमरजेंसी, ओटी और प्रसव कक्ष सहित पूरे अस्पताल में ऑक्सीजन नदारत रहा और जिम्मेदार भी लापरवाह बने रहे।
नतीजतन, ऑक्सीजन सपोर्ट पर भर्ती कई अन्य मरीजों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ा। मृतक मरीज की पहचान खैरा थाना क्षेत्र के धोवघट गांव निवासी स्व नंद किशोर प्रसाद सिंह के 38 वर्षीय पुत्र गौतम कुमार सिंह के रूप में हुई है।
ऑक्सीजन पाइप से ऑक्सीजन सप्लाई नहीं होने की वजह से दो घंटे तक स्वास्थ्यकर्मियों व मरीजों के स्वजन में हड़कंप मचा रहा। काफी मशक्कत के बाद लगभग दो घंटे बाद पाइप लाइन से ऑक्सीजन का सप्लाई शुरू हो पाया। तब जाकर स्वास्थ्य कर्मी सहित मरीजों ने राहत की सांस ली।
बताया जाता है कि रविवार को खैरा थाना क्षेत्र के धोवघट गांव निवासी गौतम कुमार सिंह को गंभीर अवस्था में स्वजन के द्वारा इलाज के लिए सदर अस्पताल लाया गया, जहां डा. बिनोद कुमार ने मरीज को ऑक्सीजन लगाने का निर्देश दिया था। हालांकि, जैसे ही स्वास्थ्यकर्मी ने ऑक्सीजन पाइप उक्त मरीज को लगाया तो देखा ऑक्सीजन का सप्लाई नहीं हो रहा है।
बचाई जा सकती थी मरीज की जान
इस दौरान चिकित्सक, स्वास्थ्यकर्मी सहित मरीज के स्वजन भी सकते में आ गए। चिकित्सक द्वारा इसकी जानकारी सिविल सर्जन डा. कुमार महेंद्र प्रताप को फोन पर दी गई। सूचना मिलते ही सिविल सर्जन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए अस्पताल प्रबंधक को इसे अभिलंब दुरुस्त करने का निर्देश दिया, लेकिन तब तक उक्त मरीज की मौत हो चुकी थी। स्वजन ने बताया कि यदि सही समय पर मरीज को ऑक्सीजन मिलता तो शायद उसकी जान बच जाती। हालांकि, मरीज की मौत के बाद सदमे में स्वजन शव को लेकर घर चले गए।
कोरोना काल में लगे दो-दो ऑक्सीजन प्लांट
मरीजों को ऑक्सीजन की कमी न हो, इसको लेकर केन्द्र सरकार द्वारा कोरोना काल के समय ही सदर अस्पताल में एक 500 एलपीएम तथा दूसरा 950 एलपीएम का आक्सीजन प्लांट लगवाया गया था। साथ ही सदर अस्पताल के इमरजेंसी कक्ष के सभी बेड पर ऑक्सीजन पहुंचाने की व्यवस्था भी की गयी थी। बावजूद इस प्लांट का संचालन व देख-रेख सही तरीके से नहीं हो पा रहा है।
एक स्वास्थ्यकर्मी के कंधे पर दो प्लांट की जिम्मेदारी
दो प्लांट की जिम्मेदारी सिर्फ एक स्वास्थ्यकर्मी के कंधों पर दे दी गई है। एक ही कर्मी के द्वारा दोनों प्लांट की देखरेख की जाती है। ऐसे में बेहतर ऑक्सीजन सप्लाई की कल्पना करना गलत होगा। यहां के जिम्मेदार से लेकर विभाग तक लापरवाह बनी हुई है तभी तो एक कर्मी के सहारे दोनों प्लांट का संचालन किया जा रहा है।