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    Bihar News: सस्पेंड होने के बाद भी नहीं सुधरा शिक्षक, अकाउंटेंट और वेंडर की मिलीभगत से निकाला सरकारी फंड

    Updated: Sat, 13 Dec 2025 12:42 PM (IST)

    बिहार के जमुई में एक निलंबित शिक्षक ने अकाउंटेंट और वेंडर के साथ मिलकर सरकारी धन का दुरुपयोग किया। शिक्षक के निलंबन के बाद भी, उन्होंने मिलीभगत से राश ...और पढ़ें

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    निलंबित शिक्षक ने किया फ्रॉड। फाइल फोटो

    अमित कुमार राय, चंद्रमंडी (जमुई)। जिले के शिक्षा विभाग में अनियमितताएं आम बात हो गई हैं। खासकर जब बात पैसे या फंड की हो, तो निलंबित शिक्षक भी लेखापाल और वेंडर के सहयोग से पैसे की निकासी कर लेते हैं और संबंधित पदाधिकारियों को इसकी भनक तक नहीं लगती।

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    यह मामला चकाई प्रखंड के रेनुआडीह उत्क्रमित मध्य विद्यालय से जुड़ा है। यहां निलंबित शिक्षक वासुदेव दास ने 60 हजार रुपये की निकासी कर ली है। यह शिक्षक पिछले दो महीनों से निलंबित चल रहे हैं।

    पैसे की निकासी के संबंध में प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी संजय कुमार ने पत्र जारी कर निलंबित शिक्षक वासुदेव दास, बीआरसी लेखापाल रतन आचार्य और वेंडर मुकेश दास से स्पष्टीकरण मांगा है।

    पर्दे के पीछे से लगातार चल रहा खेल

    यह ध्यान देने योग्य है कि स्कूल विकास और बच्चों की विकास राशि को हजम करने का यह खेल पर्दे के पीछे ही रह जाता, यदि ग्रामीण और तदर्थ शिक्षा समिति सतर्क नहीं होती।

    स्पष्टीकरण मांगने के बाद शिक्षा विभाग और संबंधित लोगों में खलबली मच गई है। तीन दिन पूर्व, उत्क्रमित मध्य विद्यालय, रेनुआडीह की विद्यालय शिक्षा समिति के सचिव रूपा मरांडी और बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने जिला शिक्षा पदाधिकारी से मिलकर आवेदन दिया था।

    इसमें आरोप लगाया गया था कि निलंबित प्रधानाध्यापक वासुदेव दास ने विभागीय कर्मियों की मिलीभगत से 12 नवंबर को विद्यालय शिक्षा समिति के खाते से फर्जी हस्ताक्षर कर 60,000 रुपये की अवैध निकासी की थी।

    अनियमितता के आरोप में हुआ था सस्पेंड

    उल्लेखनीय है कि 3 अक्टूबर को ही प्रधानाध्यापक वासुदेव दास को विभिन्न अनियमितताओं के आरोप में जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा निलंबित किया गया था।

    ग्रामीणों और शिक्षा समिति के आवेदन पर वरीय पदाधिकारी के निर्देश पर प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी ने तीनों से स्पष्टीकरण मांगा है। पूर्व में भी निलंबित शिक्षक से स्पष्टीकरण मांगा गया था, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। यदि इस बार भी संतोषजनक उत्तर नहीं मिलता है, तो कार्रवाई के लिए वरीय पदाधिकारी को लिखा जाएगा। -संजय कुमार, प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी, चकाई