राशन कार्ड बनाने के नाम पर शिविरों में खानापूर्ति, सिर्फ कागजों पर चल रहा अभियान
चकाई प्रखंड में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत राशन कार्ड निर्माण अभियान कागजों पर ही सिमटता दिख रहा है। चंद्रमंडी और रामसिंहडीह पंचायतों में शिविरों में कर्मियों की अनुपस्थिति और प्रचार-प्रसार की कमी के कारण लाभुकों को परेशानी हो रही है। अधिकारियों की उदासीनता के कारण यह अभियान विफल होता नजर आ रहा है।

संवाद सूत्र, चंद्रमंडी(जमुई)। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत छूटे हुए पात्र लाभुकों के लिए पंचायत वार राशन कार्ड निर्माण अभियान चकाई प्रखंड में सिर्फ कागजों पर ही चलता दिख रहा है। शनिवार को चंद्रमंडी और रामसिंहडीह पंचायत में जागरण पड़ताल में यह सच सामने आया।
चंद्रमंडी पंचायत में कैंप स्थल पर सिर्फ विकास मित्र राजेश दास मौजूद थे। पंचायत सचिव और डाटा इंट्री आपरेटर अनुपस्थित रहे। शिविर की जानकारी के अभाव में केवल एक लाभुक ही आवेदन देने पहुंचा। विकास मित्र ने मात्र एक आवेदन प्राप्त होने की पुष्टि की।
कैंप स्थल पर कोई अधिकारी पहुंचे ही नहीं
रामसिंहडीह पंचायत में तो हाल इससे भी अधिक लापरवाही भरा रहा। यहां कैंप के लिए तय स्थल पर कोई कर्मी-कर्मी या अधिकारी पहुंचे ही नहीं, जबकि जिलाधिकारी के स्पष्ट निर्देश थे कि शिविर में पंचायत कर्मी, कंप्यूटर आपरेटर लैपटाप सहित उपस्थित रहेंगे और मौके पर ही आनलाइन एंट्री कर रसीद दी जाएगी।
स्थानीय स्तर पर प्रचार-प्रसार नहीं होने और अधिकारी निरीक्षण से नदारद रहने के कारण यह महत्वपूर्ण अभियान धरातल पर फेल साबित होता दिख रहा है। जिलाधिकारी के पत्र के आलोक में 22 सितंबर से ही पंचायत वार कैंप संचालन का निर्देश प्रखंड आपूर्ति कार्यालय से जारी हुआ था।
राशन कार्ड बनाने के लिए शिविर का आयोजन
इसके आधार पर शनिवार को चंद्रमंडी और रामसिंहडीह पंचायत भवन में कैंप का आयोजन किया किया था। प्रखंड आपूर्ति कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, 06 अक्टूबर को कियाजोड़ी और डढ़वा, 0 7 अक्टूबर को कल्याणपुर, 08 अक्टूबर को घुटवे, 09 अक्टूबर को पेटारपहरी तथा 10 अक्टूबर को पोझा और ठाड़ी पंचायत में राशन कार्ड बनाने के लिए शिविर का आयोजन किया गया है।
ऐसे में देखना होगा कि शिविर का संचालन किस तरह किया जाता है या फिर कागजों पर ही खानापूर्ति की जाती है। आश्चर्य की बात यह है कि प्रखंड के कोई अधिकारी भी इन कैंप का निरीक्षण करते नहीं देखे जा रहे हैं, जिससे कई सवाल खड़े हो रहे हैं।
कैंप में विकास मित्र, पंचायत सचिव और डेटा ऑपरेटर को मौजूद रहना है। कल से ही इस मामले को गंभीरता से देखता हूं और शिविर को नियमित रूप से संचालित करता हूं। - मुकेश कुमार, प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी, चकाई
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