जातिवाद की राजनीति में अवरुद्ध हो रहा है विकास
जमुई। बिहार में विधानसभा चुनाव की घोषणा के बाद नामांकन की तिथि समाप्त होते ही जैसे-जैसे मतदान की तारीख नजदीक आती जा रही है वैसे-वैसे क्षेत्र में मतदान ...और पढ़ें

जमुई। बिहार में विधानसभा चुनाव की घोषणा के बाद नामांकन की तिथि समाप्त होते ही जैसे-जैसे मतदान की तारीख नजदीक आती जा रही है, वैसे-वैसे क्षेत्र में मतदान को लेकर तपिश बढ़ने लगी है। लोग बाग चौक-चौराहा, गली-मुहल्ला, खेत-खलिहान में मतदान को लेकर आपस में विचार-विमर्श कर रहे हैं। ऐसे में बिहार में जातिवाद की राजनीति को लेकर भी चर्चा का बाजार गर्म है।
इसी को लेकर दैनिक जागरण द्वारा चकाई बाजार के मां ललिता प्ले स्कूल में एक परिचर्चा का आयोजन किया गया। जिसमें प्रखंड क्षेत्र के कई प्रबुद्ध लोग, समाजसेवी एवं बुद्धिजीवी वर्ग के लोगों ने सम्मिलित होकर जातिवाद एवं विकास की राजनीति को लेकर अपने अपने विचार व्यक्त किए। परिचर्चा के दौरान लोगों ने कहा कि बिहार में जातिवाद के कारण ही अब तक विकास अवरुद्ध है। यही कारण है कि आजादी के सात दशक बाद भी ग्रामीण इलाकों में लोग अब भी मूलभूत सुविधा के लिए परेशान हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल, बिजली, शौचालय, सिचाई आदि के लिए लोग आज भी लालायित हैं। आज भी इन्हें मूलभूत आवश्यकताओं के लिए आंदोलन करना पड़ रहा है। इस दौरान लोगों ने कहा कि जातिवाद के कारण ही विकास अवरुद्ध है। लोगों को अब जातिवाद से ऊपर उठकर मतदान करने का समय आ गया है। जातिवाद से ऊपर उठकर ही सही प्रत्याशी का चयन करने से जातिवाद हटेगा और विकास का पैमाना घर घर पहुंचेगा। इसके लिए खासकर युवा पीढ़ी को आगे आने की जरूरत है।
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परिचर्चा में क्या कहा लोगों ने
बिहार में गहराई तक जातिवाद है। यह जातिवाद विकास रूपी गंगा को घर-घर तक पहुंचने में अवरोधक का काम कर रहा है, जिसे निकालने के लिए अथक प्रयास की आवश्यकता है। जातिवाद के कारण ही विकास अवरुद्ध है। इसे मतदाताओं को जानना और समझना होगा तथा सही प्रत्याशी का चयन करना होगा तभी विकास घर-घर तक पहुंचेगा।
- डॉ. धर्मेंद्र सिन्हा, शिक्षाविद
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जातिवाद से ऊपर उठकर मतदान करने का समय आ गया है। इसके लिए योग्य और अयोग्य प्रत्याशियों में फर्क ढूंढना होगा और उन्हें अपना मतदान करना होगा। इसके लिए युवा पीढ़ी को आगे आने की जरूरत है। लोकतंत्र में स्वस्थ मतदान और योग्यता के आधार पर मतदान आवश्यक है तभी योग्य जनप्रतिनिधि जनता की समस्याओं को सदन में उठा सकेंगे।
- पवन कुमार केशरी, वार्ड पार्षद, चकाई बाजार
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राज्य में जातिवाद आज भी पूरी तरह हावी है। यही कारण है कि सही से विकास नहीं हो पाता है। आज भी लोगों को मूलभूत सुविधा के लिए तरसते देख कर मन दुखी हो जाता है। अब समय आ गया है कि जातिवाद से ऊपर उठकर मतदान किया जाए। इसके लिए सभी वर्ग के लोगों को एक होना आवश्यक है।
- रोहित कुमार, छात्र नेता, चकाई
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आज जब लोग चांद पर घर बनाने की बात कर रहे हैं वैसे मैं आज भी जब लोग जातिवाद पर मतदान करते हैं तो यह देखकर काफी दुख होता है। सिर्फ बिहार में ही यह विशेष रूप से लागू है। दूसरे प्रदेशों में योग्यता और विकास के आधार पर मतदान होता है। यहां के लोगों को भी दूसरे प्रदेशों का अनुसरण करना चाहिए और विकास के नाम पर मतदान करना चाहिए।
- प्रदीप राय, प्रखंड अध्यक्ष, भूमिहार ब्रह्मण एकता मंच
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बिहार में जब तक जातिवाद पर मतदान होता रहेगा तब तक सही से विकास धरातल पर नहीं हो सकेगा। इसके लिए जातिवाद को छोड़कर योग्य और दृढ़ इच्छाशक्ति वाले प्रत्याशी को मतदान करने की आवश्यकता है। इसके लिए सभी वर्ग के लोगों को सामूहिक रूप से एकजुट होकर निर्णय लेने की आवश्यकता है। इसके लिए आवश्यक प्रयास किया जाना चाहिए।
- चंद्रेश्वर प्रसाद सिन्हा, समाजसेवी

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