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    चिलखारी नरसंहार में नामजद नक्सली कोल्हा गिरफ्तार, पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी के बेटे की हत्या में है आरोपी

    By Arvind KumarEdited By: Yogesh Sahu
    Updated: Thu, 02 Feb 2023 06:57 PM (IST)

    साल 2007 में झारखंड के गिरिडीह के चिलखारी फुटबाल मैदान में 20 लोगों की गोली मारकर नक्सलियों ने हत्या कर दी थी। नक्सलियों ने यहां आयोजित कार्यक्रम के दौरान मंच पर चढ़कर अंधाधुंध फायरिंग कर दी थी। इसमें पूर्व मुख्यमंत्री के बेटे की भी मौत हो गई थी।

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    चिलखारी नरसंहार में नामजद नक्सली कोल्हा गिरफ्तार, पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी के बेटे की हत्या में है आरोपी

    संवाद सूत्र, सोनो(जमुई)। झारखंड के गिरिडीह जिले के बहुचर्चित चिलखारी नरसंहार कांड में शामिल नक्सली कोल्हा यादव को एसएसबी व पुलिस की टीम ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए चरकापत्थर थाना क्षेत्र के रजौन पंचायत के विशनपुर स्थित उसके घर से गिरफ्तार कर लिया है।

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    सशस्त्र सीमा बल चरकापत्थर के सहायक कमांडेंट आशीष वैष्णव के नेतृत्व में चरकापत्थर और भेलवाघाटी पुलिस व एसएसबी के संयुक्त अभियान में यह सफलता मिली। इस बाबत एसएसबी चरकापत्थर के सहायक कमांडेंट आशीष वैष्णव ने बताया कि नक्सली कोल्हा यादव के उसके घर विशनपुर में होने की सूचना मिली थी।

    सूचना के आधार पर चरकापत्थर थानाध्यक्ष जितेंद्र कुमार, भेलवाघाटी थानाध्यक्ष अवधेश कुमार, एसएसबी व पुलिस जवानों के साथ विशनपुर में छापेमारी की गई और आरोपी नक्सली कोल्हा यादव को उसके घर से गिरफ्तार कर लिया गया।

    गिरफ्तारी के बाद पुलिस उसे भेलवाघाटी ले गई, जहां से पूछताछ के बाद उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। गौरतलब है कि 26 अक्टूबर 2007 की रात भाकपा माओवादियों ने गिरिडीह के चिलखारी फुटबाल मैदान में 20 लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी थी।

    इसमें झारखंड के प्रथम मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी के बेटे अनूप मरांडी की भी मौत हो गई थी। चिलखारी में फुटबाल टूर्नामेंट के फाइनल के दिन आदिवासी यात्रा कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि बाबूलाल मरांडी के छोटे भाई नुनूलाल मरांडी थे। यात्रा कार्यक्रम के दौरान सोरेन ओपेरा के कलाकारों का कार्यक्रम जारी था। इसी दौरान माओवादियों के एक दस्ते ने कार्यक्रम स्थल पर पहुंचकर मंच कब्जे में ले लिया।

    कोई कुछ समझ पाता, इससे पहले ही पुलिस की वर्दी में आए माओवादी ने मंच पर चढ़कर माइक से नुनुलाल मरांडी को सामने आने की चेतावनी दी और अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। अगली पंक्ति में बैठे अनूप मरांडी, सुरेश हांसदा, अजय सिन्हा, आयोजक मनोज किस्कू, मुन्ना हेम्ब्रम, चरकू हेम्ब्रम, केदार मरांडी, उस्मान अंसारी, सुशील मरांडी समेत 20 लोगों की इस हमले में मौत हो गई थी।