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    पत्रकार हत्याकांड का पुलिस ने किया पर्दाफाश, चुनावी रंजिश में गई जान

    By JagranEdited By:
    Updated: Wed, 17 Aug 2022 05:00 PM (IST)

    संवाद सूत्र झाझा (जमुई) चुनावी रंजिश में पत्रकार गोकुल यादव की हत्या की गई। पुलिस ने हत्याकांड का पर्दाफाश करते हुए एक और आरोपित को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपित चंद्रमंडी थाना क्षेत्र के नोनियातरी गांव का योगेंद्र यादव है। उसकी निशानदेही पर घटना में प्रयुक्त बाइक चार मोबाइल एवं कपड़ा बरामद किया गया है।

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    पत्रकार हत्याकांड का पुलिस ने किया पर्दाफाश, चुनावी रंजिश में गई जान

    फोटो- 17 जमुई- 9

    - हत्या में सात लोग हैं शामिल, पांच सलाखों के पीछे

    - हत्या में उपयोग होने वाली बाइक, कपड़ा एवं मोबाइल बरामद

    - अन्य मामले पर चल रही जांच

    संवाद सूत्र, झाझा (जमुई): चुनावी रंजिश में पत्रकार गोकुल यादव की हत्या की गई। पुलिस ने हत्याकांड का पर्दाफाश करते हुए एक और आरोपित को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपित चंद्रमंडी थाना क्षेत्र के नोनियातरी गांव का योगेंद्र यादव है। उसकी निशानदेही पर घटना में प्रयुक्त बाइक, चार मोबाइल एवं कपड़ा बरामद किया गया है।

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    बुधवार को एसडीपीओ रविशंकर प्रसाद ने प्रेसवार्ता कर बताया कि पुलिस अब तक चार आरोपितों को जेल भेज चुकी है। एक अन्य आरोपित ने न्यायालय में समर्पण किया है। हत्याकांड में सात लोग शामिल हैं। मृतक के पिता ने छह पर मामला दर्ज कराया था। तकनीकी जांच में एक अन्य योगेंद्र यादव की संलिप्तता पाई गई। घटना के दिन गोकुल सड़क से गुजर रहा था। इसी दौरान पूर्व मुखिया भूषण यादव के पुत्र पंकज यादव ने अपने सहयोगी योगेंद्र यादव के साथ घटना को अंजाम दिया। योगेंद्र बाइक चला रहा था और पंकज यादव पीछे बैठा था। एक टीवीएस बाइक पर योगेंद्र और पंकज यादव सवार था। गोकुल पैदल जा रहा था। इसी दौरान योगेंद्र ने बाइक रोकी और पंकज यादव ने पिस्टल से लगातार पांच गोली गोकुल को मार दी। योगेंद्र की निशानदेही पर बांका जिले के आनंदपुर गांव से टीवीएस बाइक बरामद किया गया। घटना के दिन आरोपित लोगों द्वारा पहना गया कपड़ा एवं चार मोबाइल भी बरामद हुआ। मुख्य आरोपित पंकज यादव अभी फरार चल रहा है। उन्होंने कहा कि विगत दिनों संपन्न पंचायत चुनाव के दौरान ही भूषण यादव एवं गोकुल यादव के बीच दुश्मनी हुई थी। पूर्व मुखिया के पुत्र पंकज यादव ने हत्या की धमकी दी थी। घटना के तुरंत बाद ही एसपी डा. शौर्य सुमन ने झाझा थानाध्यक्ष राजेश शरण, पुलिस निरीक्षक नीरज कुमार, सिमुलतला थानाध्यक्ष विद्यानंद कुमार, खैरा थाना के जीतेंद्र कुमार एवं तकनीकी सेल की एक टीम गठित कर छापेमारी अभियान में लगाया था। 11 अगस्त को लीलावरण के बीरबल यादव, मुनेश्वर यादव एवं अजय यादव को गिरफ्तार कर लिया गया, जबकि 16 को सरफराज मियां ने न्यायालय में आत्मसमर्पण कर दिया। बीरबल, मुनेश्वर एवं अजय ने घटना की रूप-रेखा तैयार की थी एवं लाइनर का भी काम किया था। अजय यादव से इन लोगों का प्रगाढ़ संबंध है। अजय गोकुल के व्यवहार एवं आचरण से नाराज रहता था। मौके पर पुलिस निरीक्षक नीरज कुमार, थानाध्यक्ष राजेश शरण, सिमुलतला थानाध्यक्ष विद्यानंद कुमार उपस्थित थे।