Bihar Election: जब जमुई विधानसभा सीट पर थीं देशभर की नजरें, चुनाव प्रचार करने आए थे प्रधानमंत्री
1977 में प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई ने जमुई में जनता पार्टी के उम्मीदवार त्रिपुरारी सिंह के लिए चुनावी सभा की जो उस समय एक असाधारण बात थी। इंदिरा गांधी ने भी कांग्रेस उम्मीदवार के लिए प्रचार किया। त्रिपुरारी सिंह ने चुनाव जीता और बाद में विधानसभा अध्यक्ष बने जिससे जमुई राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा में आया।

डॉ. विभूति भूषण, जमुई। उस दौर में विधानसभा चुनाव लड़ने वाले किसी प्रत्याशी विशेष के पक्ष में शायद ही चुनाव प्रचार अथवा जनसभा को संबोधित करने के लिए प्रधानमंत्री का आगमन होता था, किंतु 1977 के विधानसभा चुनाव में जमुई से जनता पार्टी प्रत्याशी त्रिपुरारी सिंह से गहरे राजनीतिक ताल्लुकात की वजह से प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई ने उनके पक्ष में चुनावी सभा को संबोधित किया था।
उस समय यह बहुत बड़ी बात थी। प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई दिल्ली से सेवन सीटर चार्टर प्लेन से बिठलपुर स्थित एयर स्ट्रीक पर उतरे थे और उसके बाद सड़क मार्ग से जमुई टाउन के महाराजगंज स्थित गांधी पार्क मैदान में पहुंचकर चुनावी सभा किया था।
जमुई के लोगों को पहली बार नजदीक से प्रधानमंत्री के चुनावी भाषण को सुनने का अवसर मिला था। समाजवादी पृष्ठभूमि से जुड़े कई लोगों ने बताया कि प्रधानमंत्री के भाषण को सुनने और उन्हें देखने के लिए लोगों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी थी।
यह जिले के लोगों के लिए किसी सुखद आश्चर्य से कम नहीं था। इसी चुनाव में जमुई विधानसभा क्षेत्र से ही कांग्रेस प्रत्याशी पंचानन सिंह के पक्ष में भी पूर्व प्रधानमंत्री और विपक्ष की नेता इंदिरा गांधी का हेलिकाप्टर से केकेएम कालेज मैदान में आगमन हुआ था।
उस वक्त के चुनाव में त्रिपुरारी सिंह के पक्ष में जनता पार्टी के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर, पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर, रामकृष्ण हेगड़े और आचार्य कृपलानी ने भी जनसभा किया था। यह चुनाव समाजवादी और कांग्रेसी विचारधारा के बीच सीधी लड़ाई थी।
जमुई विधानसभा क्षेत्र में सत्ता पक्ष और विपक्ष के कई कद्दावर नेताओं के ताबड़तोड़ चुनाव प्रचार और जनसभा ने इस चुनाव को काफी अहम बना दिया था। यह चुनाव काफी गहमागहमी भरा हुआ था।
जमुई पर थीं देशभर की नजरें
जमुई विधानसभा क्षेत्र के चुनाव परिणाम पर राष्ट्रीय से लेकर राज्य स्तरीय बड़े-बड़े नेताओं और कई हस्तियों की नजरें टिकी हुई थी। हालांकि, कांग्रेसी प्रत्याशी के पक्ष बड़े नेताओं की सभा कोई काम नहीं आई और त्रिपुरारी सिंह जनता पार्टी की सिंबल से भारी मतों से चुनाव जीतकर विधायक निर्वाचित हुए।
त्रिपुरारी सिंह को 45,943 मत प्राप्त हुआ था और उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी कांग्रेसी प्रत्याशी पंचानन सिंह को 27,154 वोट से करारी शिकस्त दी थी।
विधानसभा चुनाव संपन्न होने के बाद कर्पूरी ठाकुर के नेतृत्व में बिहार में जनता पार्टी की सरकार बनी और त्रिपुरारी सिंह विधानसभा अध्यक्ष चुने गए। विदित हो कि 1977 के राष्ट्रीय आपातकाल के बाद आम चुनाव और बिहार विधानसभा के चुनाव हुए थे।
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