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    नीतीश राज में ये क्या हो रहा... 3 महीने में 2 बार मरा 1 आदमी, आखिर क्या है पूरा 'खेल'?

    Updated: Thu, 09 Jan 2025 06:53 PM (IST)

    तीन महीने में दो बार मरने वाले गुलो के मामले ने जमुई में भ्रष्टाचार का खुलासा किया है। श्रम विभाग के अधिकारियों बिचौलियों और लाभुक के स्वजनों की मिलीभगत से यह खेल खेला गया। गुलो तांती की मौत 20 दिसंबर 2023 को हुई थी लेकिन बाद में श्रम विभाग से लाभ दिलाने के लिए उनका दूसरा मृत्यु प्रमाण-पत्र निर्गत कराया गया जिसमें मौत की तिथि नौ फरवरी 2024 दर्शाई गई।

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    3 महीने में 2 बार मरा 1 आदमी, आखिर क्या है पूरा 'खेल'? (प्रतीकात्मक तस्वीर)

    अरविंद कुमार सिंह, जमुई। इस संसार में एक बार ही जन्म और मृत्यु का विधान है। इसे झुठलाते हुए जमुई में एक आदमी तीन महीने में दो बार मर गया। मौत के मुआवजे के लिए एक मुर्दे को फिर से मरना पड़ा। यह तथ्य उभरकर सामने आया कि भ्रष्टाचार के तिकड़म में कागज का 'खेल' हुआ है।

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    इस 'खेल' में श्रम और सांख्यिकी विभाग के अधिकारियों के साथ बिचौलियों और लाभुक के स्वजन की सहभागिता से मना नहीं किया जा सकता है। मामला गिद्धौर प्रखंड स्थित गुगुलडीह पंचायत के छेदलाही गांव निवासी गुलो तांती से जुड़ा है।

    बार-बार मौत, आखिर क्या है खेल?

    उनकी मौत 20 दिसंबर, 2023 को हुई। बाद में श्रम विभाग से लाभ दिलाने के लिए उनका दूसरा मृत्यु प्रमाण-पत्र निर्गत कराया गया। इसमें मौत की तिथि नौ फरवरी, 2024 दर्शाई गई। इसके पहले एक फरवरी, 2024 को उनके मजदूर कार्ड का नवीकरण कराया गया। उनके नाम पर कुल 2,05,000 रुपये का लाभ दिया गया।

    श्रम अधीक्षक ने मामले की जांच कर विधिसम्मत कार्रवाई की बात कही है। गुलो का निर्माण कर्मी के रूप में श्रम विभाग में 17 दिसंबर, 2015 को निबंधन हुआ था। नियमानुसार दिसंबर, 2020 में नवीकरण कराया जाना था, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। इस बीच 20 दिसंबर, 2023 को गुलो की मौत हो गई।

    दलालों ने बनवाया दूसरा मृत्यु प्रमाण-पत्र, स्वजन को दिलाया मुआवजा

    दलाल सक्रिय हुए और दूसरा मृत्यु प्रमाण-पत्र निर्गत कराकर उनके स्वजन को मुआवजा दे दिया गया। इस खेल में श्रम और सांख्यिकी विभाग के अधिकारी भी शामिल बताए जा रहे हैं। नौ फरवरी, 2024 को निर्गत मृत्यु प्रमाण पत्र के क्यूआर कोड को स्कैन करने पर कोई रिप्लाई नहीं मिलता। मतलब, यह जाली है।

    दो किस्तों में 2,05,000 रुपये दिया लाभ

    बावजूद, श्रम विभाग ने किन परिस्थितियों में गुलो की आश्रित पारो देवी को दो किस्तों में 2,05,000 रुपये का लाभ दिया, यह जांच का विषय है। भाकपा माले जिला कमेटी के सदस्य बाबू साहब सिंह कहते हैं कि श्रम विभाग में ऐसे मामलों की भरमार है। इन मामलों की गंभीरता से जांच होनी चाहिए।

    मामला मीडिया के माध्यम से मेरे संज्ञान में आया है। संबंधित प्रखंड सांख्यिकी पदाधिकारी से रिपोर्ट तलब की गई है। गहन जांच के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी। - सुशील कुमार चौधरी, सहायक जिला सांख्यिकी पदाधिकारी, जमुई

    नवीकरण में आनलाइन व्यवस्था के कारण अधिकारियों की कोई भूमिका नहीं होती है, लेकिन लाभ देने के पहले मृत्यु प्रमाण पत्र सहित लाभुक के घर जाकर जीपीएस लोकेशन की तस्वीर के साथ श्रम निरीक्षक जांच करते हैं। गुलो तांती के मामले में हकीकत की पड़ताल की जा रही है। इसमें दोषी पदाधिकारी के खिलाफ विधिसम्मत कार्रवाई की जाएगी। - रतीश कुमार, श्रम अधीक्षक, जमुई

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