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    Bihar Chunav: दुर्गा पूजा में वादा करके भी पंडाल में नजर नहीं आए नेताजी, कार्यकर्ताओं का दशहरा रहा फीका

    Updated: Sat, 04 Oct 2025 03:23 PM (IST)

    जमुई में चुनाव नजदीक आते ही दुर्गा पूजा के दौरान कई नेता गायब रहे जिससे समर्थक निराश हुए। कार्यकर्ताओं का मानना है कि नेताजी खर्च से बचने के लिए दूर रहे। चकाई और जमुई विधानसभा क्षेत्र के कुछ नेता टिकट के लिए दिल्ली चले गए और पूजा के बाद भी नहीं लौटे जिससे कार्यकर्ताओं की उम्मीदें टूट गईं। नेताओं की इस अंडरग्राउंड राजनीति की चर्चा अब पूरे बाजार में है।

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    प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर। (जागरण)

    डॉ. विभूति भूषण, जमुई। चुनाव की तारीख नजदीक आने के बावजूद दुर्गा पूजा के दौरान कई नेता क्षेत्र से गायब रहे। उनके न दिखने से समर्थक और कार्यकर्ता मायूस रहे। लोग मजाक में कहने लगे हैं कि नेताजी तो दूज का चांद हो गए हैं।

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    वहीं, कार्यकर्ताओं का कहना है कि नेताजी पूजा के दौरान खर्च से बचने के लिए क्षेत्र से दूर हो गए, जबकि दुर्गा पूजा जैसे बड़े त्योहार पर नेताजी ने पहले वादा किया था कि इस बार वे कार्यकर्ताओं और समर्थकों के साथ ही पर्व मनाएंगे, क्योंकि चुनाव करीब है।

    लेकिन, अचानक गायब हो जाने से उनके साथ दिन-रात झंडा बुलंद करने वाले कार्यकर्ताओं का सपना टूट गया। चकाई विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने की इच्छा रखने वाले एक नेताजी दुर्गा पूजा के बीच टिकट सेट करने की कोशिश में दिल्ली चले गए। वे पूजा के बाद न तो क्षेत्र लौटे और न ही घर पहुंचे।

    नतीजा यह हुआ कि उनके कार्यकर्ताओं और समर्थकों को उम्मीद के सहारे ही त्योहार मनाना पड़ा। जमुई विधानसभा क्षेत्र का हाल भी कुछ ऐसा ही रहा। यहां एक नेताजी टिकट पाने के लिए दिल्ली दौड़ गए। कार्यकर्ता पूजा के दौरान उनकी वापसी का इंतजार करते रह गए, लेकिन नेताजी का आना तो दूर, फोन तक न मिल सका।

    उनकी अनुपस्थिति से खास समर्थकों को भी कार्यकर्ताओं के कोपभाजन का सामना करना पड़ा। कुछ कार्यकर्ताओं ने अलग-अलग नंबर से भी संपर्क साधने की कोशिश की, लेकिन नेताजी ने फोन उठाना मुनासिब नहीं समझा।

    परिणामस्वरूप, अधिकांश नेता पूजा के दौरान क्षेत्र से पूरी तरह गायब हो गए। नेताओं की इस अंडरग्राउंड राजनीति की चर्चा अब पूरे बाजार में है। लोगों का मानना है कि इसका असर चुनावी समीकरण पर भी पड़ सकता है। अब देखना यह होगा कि नेताजी की चुनावी नैया आखिर कैसे पार लगती है।