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    जमुई: खुशबू हत्याकांड में ममेरे भाई को सात साल की सजा, ममेरे भाई ने शव को छिपाया था

    Updated: Mon, 22 Dec 2025 06:39 PM (IST)

    जमुई में, जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश-6 डा. अतुल कुमार सिन्हा ने नाबालिग खुशबू हत्याकांड में खुशबू के ममेरे भाई गोपाल तमोली को लाश छुपाने के आरोप में ...और पढ़ें

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    प्रतीकात्मक नजर

    संवाद सहयोगी, जमुई। जमुई के जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश-6 डा. अतुल कुमार सिन्हा ने जमुई के सोनो में चर्चित नाबालिग खुशबू हत्याकांड मामले में खुशबू के ममेरे भाई गोपाल तमोली को खुशबू की लाश छुपाने के आरोप में सात साल की सजा सुनाई और 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया। आरोपित गोपाल तमोली की पत्नी कुंती देवी के बयान पर दर्ज सोनो थाना कांड सं. 102/18 में उसने कहा है कि गोपाल तमोली के मामा और मामी की मृत्यु हो जाने के बाद उसकी बेटी 16 साल की खुशबू को गोपाल तंबोली और वह अपने घर पर सोनो में रखकर पढ़ाने लगी।

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    अपने ही ममेरे भाई ने लाश को घर की टंकी में छिपाया

    कई बार वह घर से चली गई, लेकिन वापस लौट आई, लेकिन जब 09 अप्रैल 2018 को गई तो वापस नहीं लौटी। इस मामले में अज्ञात के खिलाफ दर्ज केस दर्ज कराया गया था। पुलिस ने अनुसंधान किया तो गुप्तचर से यह जानकारी मिली कि खुशबू की किसी लड़के से बातचीत को लेकर नाराज होकर हत्या करके लाश को छुपा दिया गया। पुलिस ने सख्ती दिखाई तो गोपाल तंबोली टूट गया।

    उसने अपने स्वीकारोक्ति बयान में पुलिस के समक्ष बताया कि सभी ने मिलकर खुशबू कुमारी की हत्या कर अपने ही घर की टंकी में लाश को डालकर उस पर नमक डाल दिया है। इस बयान पर टंकी से लाश को निकाला गया। मामले में कुल सात लोगों को नामजद करके आरोप-पत्र दाखिल किया गया, जिसमें पांच लोगों के खिलाफ ट्रायल चला।

    गवाह के समर्थन नहीं करने और साक्ष्य उपलब्ध नहीं होने के कारण अन्य आरोपितों को रिहा कर दिया गया, जबकि गोपाल तंबोली को अपनी ममेरी बहन खुशबू की लाश को छुपाने की धारा-201 भादवि में दोषी पाकर अधिकतम सात साल की सजा सुनाई गई। अभियोजन की ओर से अपर लोक अभियोजक बेणु मंडल ने अपनी दलीलें पेश की और साक्ष्य प्रस्तुत किए।