फिर से प्रारंभ होगी दोबघाट पेयजलापूर्ति योजना, चकाई बाजार को मिलेगा भरपूर पानी
चकाई। चकाई के बड़े पेयजलापूर्ति योजना में शुमार और वर्तमान में बंद पड़े दोबघाट पेयजलापूति

चकाई। चकाई के बड़े पेयजलापूर्ति योजना में शुमार और वर्तमान में बंद पड़े दोबघाट पेयजलापूर्ति योजना के फिर से चालू होने की संभावना बढ़ गई है। इससे पेयजल की समस्या से जूझ रहे चकाई बाजार के लोगो को भरपूर पानी मिलेगा। इसको लेकर लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के मुख्य कार्यपालक अभियंता विजय कुमार ने विभाग के पदाधिकारियों के साथ बंद पड़े धोबघाट पेयजलापूर्ति योजना का स्थलीय निरीक्षण किया। इस दौरान मुख्य अभियंता ने वहां पूर्व से बने कुआं का निरीक्षण किया। स्थानीय लोगों से पूर्व में हो रहे पेयजल आपूर्ति की जानकारी ली।
उन्होंने बताया कि इसको लेकर विभाग को वहां चेकडैम का निर्माण कराने का प्रस्ताव दिया गया है ताकि पानी का जलस्तर बना रहे। साथ ही पुराने कुएं की साफ-सफाई एवं मरम्मत कराने तथा यहां से तीन किलोमीटर दूर चकाई बाजार तक पाइप बिछाकर अत्याधुनिक तरीके से बाजार में टंकी बनाकर फिल्टर के साथ पानी आपूर्ति करने की योजना बनाई गई है। उन्होंने कहा कि इस पर करोड़ों का बजट खर्च होने की संभावना है जिसके लिए डीपीआर बनाकर सरकार को प्रस्ताव भेजा जाएगा। जैसे ही वहां से प्रशासनिक स्वीकृति मिलेगी, इस दिशा में कार्य आगे बढ़ेगा। इस अवसर पर सहायक अभियंता प्रवीण कुमार, लोजपा नेता भास्कर सिंह, समाजसेवी कन्हैया लाल गुप्ता, पंचायत समिति सदस्य दिवाकर चौधरी आदि मौजूद थे।
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पूर्व में दोबघाट से होती थी बाजार में पानी आपूर्ति
चंद्रमंडीह : तीन दशक पूर्व दोबघाट से ही पूरे चकाई बाजार को भरपूर पानी की आपूर्ति होती थी। बाजार निवासी अशोक लहेरी बताते हैं कि तत्कालीन मंत्री श्रीकृष्णा सिंह के अथक प्रयास से दोबघाट में पेयजलापूर्ति संयंत्र स्थापित किया गया था जिससे बाजार के लोगों को भरपूर पानी मिलता था। इसके लिए यहां से पाइप लाइन बिछाया गया था जिससे काफी दिनों तक पानी की आपूर्ति होती रही। सालों भर दोबघाट का जलस्तर बेहतर होने के कारण लोगों को पानी की समस्या नहीं होती थी लेकिन बाद के वर्षों में उचित रखरखाव के अभाव में स्थापित संयंत्र खराब हो गया जिसके बाद पानी आपूर्ति बंद हो गई। हालांकि, तत्कालीन विदेश राज्य मंत्री दिग्विजय सिंह ने अपने स्तर से यहां पर फिर से जनरेटर लगाकर पानी आपूर्ति प्रारंभ करने का प्रयास किया था लेकिन उनकी मौत के बाद यह योजना ठप पड़ गई। बाद के वर्षों में सड़क निर्माण कार्य के दौरान सड़क किनारे पानी आपूर्ति के लिए बिछाया गया पाइप उखड़ गया जिससे यह योजना एक तरह से मृतप्राय होकर रह गई।
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सालोभर बना रहता है दोबघाट का जलस्तर
चकाई-जमुई मुख्य मार्ग पर चकाई मोड़ से तीन किलोमीटर की दूरी पर स्थित दोबघाट नदी में सालों भर पानी बहता रहता है। स्थानीय लोग बताते हैं कि दोबघाट नदी की विशेषता यह है कि गर्मी के भी कठिन मौसम में यहां का जलस्तर कम नहीं होता है। इसलिए यहां स्थापित जलापूर्ति योजना सफल रहती है लेकिन उचित रखरखाव के अभाव में योजना विफल हो गई।
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