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    जमुई में बनेगा बिहार का दूसरा फ्लोटिंग रेस्टोरेंट, पर्यटन विभाग ने दी मंजूरी; 40 करोड़ होंगे खर्च

    Updated: Mon, 22 Dec 2025 05:04 PM (IST)

    जमुई में गरही जलाशय पर बिहार का दूसरा फ्लोटिंग रेस्टोरेंट बनेगा। जिलाधिकारी नवीन के अनुसार, यह पर्यटकों के लिए आकर्षक भोजनालय होगा जहां जैविक बिहारी व ...और पढ़ें

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    डॉ. विभूति भूषण, जमुई। राज्य सरकार के पर्यटन विभाग के निर्देशानुसार डेस्टिनेशन स्ट्रैटजी डेवलपमेंट प्लान के तहत पर्यटकों को भारी तायदाद में पूरे वर्ष भर आकर्षित करने के लिए जिले के खैरा प्रखंड में स्थित गरही जलाशय में बिहार का दूसरा और जिले का पहला फ्लोटिंग, यानी तैरता हुआ रेस्टोरेंट बनेगा।

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    जिलाधिकारी नवीन ने बताया कि यह पानी पर तैरता हुआ बहुत ही खूबसूरत और आकर्षक माडल का भोजनालय होगा। यहां पर लोग पानी के बीच बैठकर स्वयं, स्वजनों अथवा मित्रों के साथ बैठकर नाश्ता, भोजन अथवा पेय पदार्थ का लुत्फ खूबसूरत नजारा का आनंद लेते हुए ले सकेंगे। यहां पर्यटकों को सरकार द्वारा निर्धारित दर पर जैविक विधि से उत्पादित बिहारी व्यंजन परोसा जाएगा।

    इसके अलावा इस डैम के आसपास पहाड़ की तराई में लकड़ी के छोटे-छोटे काटेज का भी निर्माण किया जाएगा, जहां स्थानीय अथवा दूर-दराज से आने वाले पर्यटक परिवार के साथ सुकून का पल बिता सकेंगे, क्योंकि इस ओर से होकर काफी संख्या में तकरीबन छह माह तक देश-विदेश से जैन और गैर-जैन धर्मावलंबी लोगों का क्षत्रिय कुंडग्राम तथा लछुआड़ आवागमन होता है, इसलिए इस जलाशय और इसके आसपास के क्षेत्र का विशेष तौर पर विकास किया जाएगा।

    टूरिज्म हब के रूप में विकसित होगा जिले का सभी पर्यटक स्थल

    क्षत्रिय कुंडग्राम, लछुआड़, पंचभूर झरना, कुकुरझप जलाशय, सिमुलतला और बटिया जंगल, नारोदह झरना तथा नागी पक्षी आश्रयणी में समेकित रूप से कई प्रकार के अत्याधुनिक पर्यटक सुविधाओं का विकास किया जाएगा। इन सभी क्षेत्रों में आवश्यकता के अनुरूप ट्री-हाउस, यानी पेड़ पर लकड़ी का घर बनाया जाएगा जो लोगों को जंगल का अनुभव कराएगा।

    इसके अलावा यहां पर पहुंचने वाले टूरिस्ट के खानपान के बाद कचरा के प्रबंधन के लिए अपशिष्ट प्रबंधन इकाई का निर्माण किया जाएगा। साथ ही बिजली की उपलब्धता को लेकर सोलर सिस्टम लगाया जाएगा। सभी स्थलों पर सामुदायिक केंद्र बनाए जाएंगे, जहां पर स्थानीय संस्कृति और परंपरा का प्रदर्शन किया जाएगा।

    इसके अलावा बर्ड वाचिंग टावर्स बनाया जाएगा, जहां पर वन्य जीव और पक्षियों को परेशान किए हुए बिना लोग देखने का आनंद ले सकेंगे। पर्यटक सुविधाओं के विकास के दौरान इस बात का हर हाल में ख्याल रखा जाएगा कि पर्यावरण, वन संपदा, अथवा खनिज संपदा को किसी भी प्रकार से नुकसान नहीं पहुंचे।

    पर्यटक सूचना केंद्र की स्थापना की जाएगी, जहां पर पर्यटकों को स्थानीय संस्कृति के बारे में जानकारी दी जाएगी और इन केंद्रों के माध्यम से इंटरनेट मीडिया के सभी प्लेटफॉर्म के जरिये सभी पर्यटक केंद्र की सकारात्मक और आकर्षक छवि पेश करने का प्रयास किया जाएगा।

    इसके अलावा अन्य सांस्कृतिक और ऐतिहासिक स्थलों को भी चिह्नित करके नए पर्यटक स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा। पर्यटन स्थलों के विकास के पीछे एक उद्देश्य यह भी है कि आर्थिक समृद्धि के साथ-साथ स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिले।

    जिले के सभी चिह्नित पर्यटन स्थलों के विकास के लिए पर्यटन विभाग द्वारा अंतिम रूप से स्वीकृति प्रदान कर दी गई है। 40 करोड़ से भी अधिक राशि से इन सभी स्थलों का विकास होगा। इस दौरान ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व से जुड़े अन्य स्थलों को भी नए पर्यटक स्थल के रूप में चिह्नित करके विकसित करने का कार्य किया जाएगा। - नवीन, जिलाधिकारी, जमुई