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    बिहार के अभिषेक ने कर दिया कमाल, Google में मिला 2 करोड़ का पैकेज; कहा- मैं एक्साइटेड हूं

    Updated: Tue, 17 Sep 2024 08:16 PM (IST)

    जमुई के सॉफ्टवेयर इंजीनियर अभिषेक कुमार को गूगल के लंदन ऑफिस में सालाना 2 करोड़ रुपये का पैकेज मिला है। अभिषेक कुमार इससे पहले अमेजन कंपनी में 1.08 करोड़ के पैकेज पर अपनी सेवाएं दे चुके हैं। अभिषेक कुमार ने कहा कि मैं गूगल में काम करने को लेकर एक्साइटेड हूं। उन्होंने कहा कई लोगों का गूगल में काम करने का सपना होता है। मेरा सपना पूरा हो गया है।

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    अभिषेक कुमार को गूगल में 2 करोड़ का पैकेज मिला। जागरण

    डिजिटल डेस्क, जमुई/पटना। Jamui Abhishek Kumar Google जमुई निवासी अभिषेक कुमार की इन दिनों पूरे बिहार में चर्चा है। वह एक कंप्यूटर इंजीनियर हैं और उनको गूगल में दो करोड़ का पैकेज मिला है। वह गूगल के लंदन ऑफिस को जल्द ही ज्वाइन करेंगे। अभिषेक कुमार ने एनआईटी पटना से बीटेक की पढ़ाई की है।

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    बता दें कि अभिषेक कुमार जमुई जिले के जामू खरिया गांव के निवासी हैं। अभिषेक के पिता इंद्रदेव यादव जमुई सिविल कोर्ट में वकील हैं और उनकी मां मंजू देवी एक गृहिणी हैं। अभिषेक का गूगल तक का सफर बेहद शानदार रहा। अभिषेक के घर में हमेशा से ही शिक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाती थी। इसी को अभिषेक अपनी सफलता का कारण भी मानते हैं।

    अभिषेक ने एक न्यूज चैनल से बातचीत में कहा, "यह मेरी सबसे बड़ी उपलब्धि है और मैं बहुत उत्साहित हूं। गूगल में काम करना कई सॉफ्टवेयर इंजीनियरों के लिए एक सपना होता है और मैं इस अवसर को पाकर रोमांचित महसूस कर रहा हूं"।

    पहले 1.08 करोड़ का पैकेज, अब 2 करोड़ पार

    अभिषेक कुमार ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा जमुई से पूरी और बाद में एनआईटी पटना से सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल की। अभिषेक को साल 2022 में अमेजन कंपनी से 1.08 करोड़ रुपये का पैकेज मिला था। उन्होंने अमेजन में 2023 तक काम किया। अब उन्हें गूगल से लंदन ऑफिस से 2 करोड़ का पैकेज मिला है।

    बता दें कि अभिषेक की सफलता की राह आसान नहीं थी। गूगल के इंटरव्यू की तैयारी के दौरान उनको खुद को काफी संतुलित रखना पड़ता था। अभिषेक ने बताया, "मैं पहले से ही दूसरी कंपनी में काम कर रहा था और काम करते हुए इंटरव्यू की तैयारी करना एक बड़ी चुनौती थी"।

    'इंटरव्यू के लिए बनाई खास स्ट्रेटजी'

    अभिषेक ने कहा कि मुझे अपनी नौकरी के लिए कम से कम 8-9 घंटे देने होते थे, वहीं बचे हुए समय में मैंने इंटरव्यू के लिए तैयारी की। इंटरव्यू के लिए एक सही स्ट्रेटजी को भी बनाया चुनौतीपूर्ण था। मेरे पास जो भी समय था, उसमें मैंने अपनी कोडिंग स्किल्स को बेहतर किया। अंततः मुझे सभी इंटरव्यू को क्रैक करने में मदद मिली।

    अभिषेक ने यह भी कहा कि भले ही मैं एक छोटे शहर से आता हूं और मेरी जड़ें एक गांव में हैं जहां मेरा घर मिट्टी से बना था, अब सही संसाधन मिलने के बाद, मैं एक नया घर बना रहा हूं। उन्होंने अपने जैसे युवाओं को भी संदेश दिया।

    अभिषेक ने कहा- सब कुछ संभव है। मेरा दृढ़ विश्वास है कि कोई भी बच्चा, चाहे वह कहीं भी हो (छोटे शहर से हो या बड़े शहर से) अगर उसमें उचित समर्पण है, तो वो बड़े से बड़े मुकाम को हासिल कर सकता है। अभिषेक अपनी उपलब्धियों के लिए अपने परिवार को श्रेय देते हैं। उन्होंने कहा, "मेरे माता-पिता और भाई मेरी सबसे बड़ी प्रेरणा हैं। वह दो भाइयों में छोटा है"।

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