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    Jamui News: झाझा-किऊल रेलखंड पर ROB की उम्मीद, तीसरी-चौथी लाइन से खुलेंगे जाम के ताले

    Updated: Wed, 17 Dec 2025 03:39 PM (IST)

    जमुई में झाझा-किऊल रेलखंड पर आरओबी बनने की उम्मीद है। तीसरी और चौथी रेलवे लाइन के निर्माण से झाझा में लगने वाले जाम से मुक्ति मिलेगी। रेलवे ओवरब्रिज ब ...और पढ़ें

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    झाझा-किऊल रेलखंड पर ROB की उम्मीद, तीसरी-चौथी लाइन से खुलेंगे जाम के ताले

    सत्यम कुमार सिंह, झाझा (जमुई)। झाझा-किऊल रेलखंड पर तीसरी एवं चौथी रेलवे लाइन के विस्तार की प्रक्रिया शुरू होते ही क्षेत्र के कई रेलवे फाटकों पर रोड ओवरब्रिज (आरओबी) निर्माण की तैयारी तेज हो गई है। इसके तहत इस रेलखंड के प्रमुख रेलवे फाटकों को या तो बंद किया जाएगा, अथवा वहां आरओबी का निर्माण कर यातायात को निर्बाध बनाया जाएगा। इससे वाहन चालकों को लंबे इंतजार से राहत मिलेगी और घंटों का सफर मिनटों में पूरा हो सकेगा।

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    रेलवे प्रशासन द्वारा झाझा-जमुई रेलखंड के चार महत्वपूर्ण रेलवे फाटकों पर आरओबी निर्माण की योजना तैयार की जा रही है। जल्द ही इन रेलवे फाटकों पर आरओबी निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण समेत अन्य प्रक्रियाएं शुरू की जाएंगी। हालांकि, इस रेलखंड के एक अत्यंत महत्वपूर्ण रेलवे फाटक बाराजोर (गुमटी सं. 38) को फिलहाल आरओबी योजना में शामिल नहीं किया गया है, जबकि इसी फाटक पर सबसे अधिक वाहनों का दबाव रहता है।

    वहीं, रानीकुरा रेलवे फाटक सं. 39, दादपुर रेलवे फाटक सं. 40, रतनपुर रेलवे फाटक सं. 43 तथा जमुई रेलवे फाटक सं. 46 पर आरओबी निर्माण का प्रस्ताव है। इसकी स्वीकृति मिलने की जानकारी सांसद अरुण भारती एवं विधायक दामोदर रावत द्वारा पूर्व में इंटरनेट मीडिया के माध्यम से दी गई थी, लेकिन अब तक इस पर कार्य प्रारंभ नहीं हो सका है।

    अब तीसरी और चौथी रेलवे लाइन के विस्तार के साथ इस रेलखंड के अन्य रेलवे फाटकों पर भी आरओबी निर्माण की संभावना बढ़ गई है, जबकि कई रेलवे फाटकों को बंद भी किया जा सकता है। झाझा से किऊल रेलखंड के बीच कुल 16 रेलवे फाटक हैं। ये सभी फाटक हावड़ा-नई दिल्ली मुख्य रेलखंड पर स्थित हैं, जहां ट्रेनों का अत्यधिक दबाव रहता है।

    बताया जाता है कि आइओडब्लू की ओर से तीन रेलवे फाटकों पर आरओबी निर्माण का प्रस्ताव तैयार कर स्वीकृति के लिए रेलवे बोर्ड को भेजा गया है। जिन रेलवे फाटकों पर आरओबी प्रस्तावित है, उनमें 38/सी रेलवे फाटक बाराजोर, 39/सी रेलवे फाटक रानीकुरा तथा 40/सी रेलवे फाटक दादपुर शामिल हैं। इनमें से बाराजोर और दादपुर फाटकों पर वाहनों का दबाव सबसे अधिक रहता है।

    बिहार और झारखंड राज्य से जुड़ता है यह मार्ग

    ये मार्ग बिहार एवं झारखंड के मुंगेर, भागलपुर, कोसी क्षेत्र, बांका, देवघर सहित कई जिलों को जोड़ते हैं। इसके अलावा यही सड़क बिहार के रामसर साइड से होकर प्रसिद्ध नागी-नकटी पक्षी आश्रयणी तक जाती है, जिससे पर्यटकों और स्थानीय लोगों की आवाजाही बनी रहती है। हालांकि, रेलवे बोर्ड से औपचारिक स्वीकृति को लेकर अभी स्थिति पूरी तरह स्पष्ट नहीं है।

    इससे क्षेत्रवासियों में उम्मीद जगी है कि जल्द ही शेष आरओबी को भी मंजूरी मिल जाएगी। यदि यह योजना धरातल पर उतरती है तो झाझा-किऊल रेलखंड के आसपास के इलाकों में जाम की समस्या से बड़ी राहत मिलेगी तथा सड़क और रेल यातायात दोनों अधिक सुरक्षित एवं सुगम होंगे।

    दादपुर और बाराजोर रेलवे फाटक पर लगती है वाहनों की लंबी कतार

    दादपुर और बाराजोर रेलवे फाटकों पर लगातार वाहनों की लंबी कतार लगी रहती है। आम लोगों से लेकर भारी वाहनों को आधे-आधे घंटे तक खड़ा रहना पड़ता है। ट्रेन के गुजरने के बाद ही फाटक खुलता है। यदि इन दोनों फाटकों पर आरओबी का निर्माण हो जाता है तो बिना रुके वाहन अपने गंतव्य की ओर बढ़ सकेंगे।

    इससे जहां जाम से निजात मिलेगी, वहीं घंटों का सफर मिनटों में तब्दील हो जाएगा। इस रेलखंड पर अप और डाउन लाइनों में ट्रेनों का दबाव सबसे अधिक है।

    छोटे आरओबी में 20, बड़े में लगभग 35 करोड़ की आएगी लागत

    आरओबी के निर्माण में करोड़ों रुपये खर्च होंगे। रेल प्रशासन के अनुसार एक छोटे आरओबी के निर्माण में लगभग 20 करोड़ रुपये का बजट आता है। दादपुर रेलवे गुमटी पर बड़े आरओबी का निर्माण प्रस्तावित है, जिस पर 35 करोड़ रुपये तक खर्च होने की संभावना है।

    हालांकि, अभी आरओबी के आकार को लेकर अंतिम निर्णय नहीं हुआ है। फिलहाल, केवल नक्शा बनाकर भेजा गया है। स्वीकृति मिलने के बाद ही अंतिम प्राक्कलन तैयार किया जाएगा।

    तीन रेलवे फाटकों पर आरओबी निर्माण के लिए नक्शा रेलवे के वरीय अधिकारियों को कई माह पूर्व भेजा गया है, लेकिन अब तक किसी प्रकार की स्वीकृति या आदेश प्राप्त नहीं हुआ है। - ओमप्रकाश, आइओडब्लू, झाझा