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    Bihar Politics: 25 साल से इस सीट पर NDA का कब्जा, लालू के सारे प्लान फेल; अब क्या करेगी RJD?

    जमुई जिले के झाझा विधानसभा क्षेत्र में एनडीए का दबदबा कायम है जहाँ पिछले ढाई दशक से महागठबंधन को सफलता नहीं मिली है। राजद ने कई बार प्रत्याशी बदले पर परिणाम नहीं बदला। 2020 में जदयू के दामोदर रावत ने राजद के राजेंद्र यादव को हराया जबकि चुनावी पंडित राजद की जीत का अनुमान लगा रहे थे। झाझा में 2020 में रिकॉर्ड मतदान हुआ।

    By Satyam Kr Singh Edited By: Rajat Mourya Updated: Thu, 21 Aug 2025 04:28 PM (IST)
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    ढाई दशक से झाझा विधानसभा पर एनडीए का कब्जा, राजद अब तक नाकाम

    सत्यम कुमार सिंह, झाझा (जमुई)। समाजवाद की धरती कहलाने वाला झाझा विधानसभा क्षेत्र का राजनीतिक परिदृश्य भले ही महागठबंधन का रहा हो, लेकिन पिछले ढाई दशक से एनडीए यहां बाजी मारता आ रहा है। महागठबंधन का यह पारंपरिक सीट राजद की झोली में जाने की उम्मीद रहती है। हर बार प्रत्याशी और राजनीतिक योद्धा भी बदले जाते हैं, बावजूद इसके राजद को सफलता नहीं मिल रही है।

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    इस बार की होड़ ने राजद को और बेचैन कर रखा है, जबकि एनडीए की ओर से एक ही चेहरा लोगों के सामने रहा है। 1980 के दशक में झाझा विधानसभा की राजनीति दो चेहरों के इर्द-गिर्द घूमती रही।

    एक ओर कांग्रेस से शिवनंदन यादव तो दूसरी ओर जनता दल से शिवनंदन झा आमने-सामने रहते थे। दोनों प्रतिद्वंदी की पहचान स्वतंत्रता सेनानी, समाजवादी नेता तथा गरीबों के मसीहा के रूप में होती थी।

    झाझा की राजनीति लंबे समय तक इन्हीं दो दलों के बीच सिमटी रही। वर्ष 2000 से इस विधानसभा पर एनडीए प्रत्याशी लगातार जीत दर्ज करते आ रहे हैं। 2015 में जदयू ने एनडीए गठबंधन से नाता तोड़कर महागठबंधन के साथ चुनाव लड़ा था।

    उस समय भाजपा प्रत्याशी डॉ. रविंद्र यादव ने महागठबंधन के उम्मीदवार दामोदर रावत को हराया था। राजद शीर्ष नेतृत्व ने कई बार प्रत्याशी बदलने की रणनीति अपनाई, बावजूद सफलता हाथ नहीं लगी। इस बार के चुनाव में मतदाताओं का रूझान किस ओर होगा, यह आने वाले समय में स्पष्ट होगा।

    वर्ष पार्टी विजेता
    1985 कांग्रेस शिवनंदन यादव
    1990 जनता दल शिवनंदन झा
    1995 कांग्रेस डॉ. रविंद्र यादव
    2000 समता पार्टी दामोदर रावत
    2005 जदयू दामोदर रावत
    2010 जदयू दामोदर रावत
    2015 भाजपा डॉ. रविंद्र यादव
    2020 जदयू दामोदर रावत

    राजद के चक्रव्यूह को भेदती रही जदयू

    2020 के चुनाव में राजद ने प्रत्याशी बदलते हुए राजेंद्र यादव को मैदान में उतारा। वहीं, जदयू ने पांचवीं बार दामोदर रावत पर भरोसा जताया। इस चुनाव में न तो जदयू के मुखिया नीतीश कुमार और न ही अन्य स्टार प्रचारक वोट मांगने झाझा पहुंचे। इसके बावजूद जदयू ने राजद के चक्रव्यूह को भेदने का काम किया। मतदान प्रक्रिया पूरी होने के बाद मतदाताओं में चर्चा थी कि इस बार राजद जीत रहा है।

    चुनावी पंडित और राजनीतिक विश्लेषक भी राजद के पक्ष में दावा कर रहे थे, लेकिन सभी संभावनाओं को ध्वस्त करते हुए दामोदर रावत ने चौथी बार जीत दर्ज की। 2020 में पहली बार झाझा विधानसभा क्षेत्र के 1,94,609 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया, जबकि 2015 में मात्र 54 प्रतिशत मतदान ही दर्ज किया गया था।