द्विवेदी युग के बड़े कवि थे मैथिलीशरण गुप्त : प्राचार्य
जमुई। राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त द्विवेदी युग के सबसे बड़े कवि थे। उन्होंने अपनी कविताओं के माध्यम से विदेशी पराधीनता से राष्ट्र को मुक्त करने के लिए सुप्त जनमानस को झकझोर कर राष्ट्र गौरव की चेतना जगाई।
जमुई। राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त द्विवेदी युग के सबसे बड़े कवि थे। उन्होंने अपनी कविताओं के माध्यम से विदेशी पराधीनता से राष्ट्र को मुक्त करने के लिए सुप्त जनमानस को झकझोर कर राष्ट्र गौरव की चेतना जगाई। उक्त बातें सिमुलतला आवासीय विद्यालय में महाकवि राम इकबाल सिंह राकेश साहित्य परिषद के तत्वावधान में आयोजित राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त की जयंती के अवसर पर विद्यालय के प्राचार्य डॉ. राजीव रंजन ने कही।
उन्होंने कहा कि आज के समय में जब युवाओं के मन में राष्ट्रीय चेतना का लोप होता जा रहा है, राष्ट्र कवि मैथिली शरण गुप्त की कृतियां और कविताएं उन्हें भारतीय सनातन संस्कृति और राष्ट्रवाद के गौरव से भर सकती है। आज जरूरत है कि स्कूल-कॉलेजों के पाठ्यक्रमों में गुप्त की रचना को शामिल किया जाए। व्यंग्यकार डॉ. सुधांशु कुमार ने कहा कि गुप्त की रचनाएं भारतीय सनातन संस्कृति की झांकी और राष्ट्रीयता का उद्घोष है। द्विवेदी युग के वह सबसे बड़े कवि थे। उन्होंने खड़ी बोली हिदी को काव्यभाषा के आसन पर बिठाया और अत्यंत सहज-सरल काव्य शैली से सामान्य सुप्त जनमानस को झकझोरा। डॉ. शिप्रा ने कहा कि रामचरित मानस के बाद साकेत सबसे महान प्रबंध काव्य है जिसमें भारतीय वैज्ञानिक सनातन संस्कृति और उज्ज्वल परंपरा संरक्षित है। रंजय कुमार और राधाकांत दुबे ने मैथिली शरण गुप्त की कविताओं को भारतीय गौरव की आधारशिला बताया। शिक्षिका कुमारी नीतू ने कहा कि मैथिलीशरण गुप्त बड़े कवि थे। उन्होंने अपनी कविताओं के माध्यम से विदेशी पराधीनता से राष्ट्र को मुक्त करने के लिए जनमानस को जगाने का काम किया।
कार्यक्रम के दूसरे सत्र में अंत्याक्षरी एवं श्रुतिलेख प्रतियोगिता आयोजित की गई जिसमें स्तुति, सुरुचि, शिवानी, ऋतिक, अंकित व अंकेश ने प्रथम तथा आर्या, शिवानी, राजवंश, धीरज, आदित्य ने द्वितीय एवं अक्षिता, विद्यासागर और रोशन ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। इनके अलावा प्रियांशु, दयानन्द, मासूम, अंशी आदि छात्र-छात्राओं ने भी बेहतर प्रदर्शन किया। इस अवसर पर विजय कुमार, सुनीता कुमारी, डॉ. प्रवीण कुमार सिन्हा, जीतेंद्र कुमार पाठक, विनोद कुमार, प्रजेश वाजपेयी, राकेश पांडेय, वर्षा कुमारी, सोनाली बसाक, राधाकांत दुबे सहित शिक्षक भी मौजूद थे।
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