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    इस चुनाव में वामपंथी हो गए राजनीतिक बेरोजगार

    By JagranEdited By:
    Updated: Mon, 01 Apr 2019 07:06 PM (IST)

    जमुई। 1957 में जमुई विधानसभा तथा 1972 में जमुई लोकसभा क्षेत्र से परचम लहराने वाला भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी एवं अन्य वामपंथी दल के कार्यकर्ता इस चुनाव में राजनीतिक बेरोजगारी के दौर से गुजर रहे हैं।

    इस चुनाव में वामपंथी हो गए राजनीतिक बेरोजगार

    जमुई। 1957 में जमुई विधानसभा तथा 1972 में जमुई लोकसभा क्षेत्र से परचम लहराने वाला भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी एवं अन्य वामपंथी दल के कार्यकर्ता इस चुनाव में राजनीतिक बेरोजगारी के दौर से गुजर रहे हैं। दरअसल उनका कोई उम्मीदवार जमुई में नहीं है और न ही राष्ट्रीय अथवा प्रांतीय स्तर पर किसी के साथ गठबंधन कायम हो सका है। वामपंथियों के लिए एक ओर धुर विरोधी दक्षिणपंथी भारतीय जनता पार्टी का एनडीए गठबंधन तो दूसरी ओर ताजातरीन जख्म देने वाले राजद नेता तेजस्वी यादव के नेतृत्व में महागठबंधन कुआं और खाई के समान है। ऐसे में वामपंथी संगठन किस ओर जाएंगे इसको लेकर अलग-अलग दलों की अलग-अलग राय है। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी जहां सांप्रदायिक ताकतों को शिकस्त देने के लिए मजबूत उम्मीदवार को समर्थन देने की बात कर रही है। वहीं भाकपा माले का फैसला पटना में 2 अप्रैल को आयोजित होने वाले कन्वेंशन में लिया जाना है।

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    1957 में पहली बार मिली थी जीत : भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के उम्मीदवार भोला मांझी को 1957 में पहली बार जमुई सिकंदरा सीट से विधानसभा में जीत मिली थी। 1972 में भोला मांझी जमुई संसदीय क्षेत्र से जीत हासिल कर लाल झंडा का परचम लहराने में कामयाब हुए थे। इसके बाद से सिकंदरा और जमुई विधानसभा क्षेत्र में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी मजबूत स्थिति दर्ज कराती रही।खासकर सिकंदरा में लगातार संघर्ष के बाद 90 और 95 के चुनाव में भाकपा को सफलता भी मिली। जिले में तकरीबन 20 से 25 हजार कैडर वोट भाकपा के खाते में तथा लगभग उतना ही वोट भाकपा माले और माकपा के खाते में होने से इनकार नहीं किया जा सकता है। ऐसे में कैडर वोटरों के समक्ष भी असमंजस की स्थिति बनी है।

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    वामपंथी नेताओं ने कहा :

    भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के जिला सचिव नवल किशोर सिंह ने कहा की सांप्रदायिक शक्तियों को परास्त करने के लिए उनकी पार्टी एनडीए गठबंधन के खिलाफ मतदान की अपील करती है। इधर भाकपा माले नेता बासुदेव राय ने कहा कि लोकसभा चुनाव में किस गठबंधन के साथ जाना है। यह फैसला मंगलवार को कन्वेंशन में लिया जाएगा।