Jamui News: विवादों से घिरा रहा दारोगा नौशाद रिजवी, यौन शोषण के गंभीर आरोप में भेजा गया जेल
जमुई में दारोगा नौशाद रिजवी यौन शोषण के आरोप में जेल भेजे गए। उन पर महिलाओं को धोखा देने और शोषण करने का आरोप है। पहले भी उनकी आपत्तिजनक तस्वीरें वायर ...और पढ़ें

विवादों से घिरा रहा दारोगा नौशाद रिजवी, यौन शोषण के गंभीर आरोप में भेजा गया जेल (जागरण)
संवाद सहयोगी, जमुई। महिलाओं को झूठी पहचान दिखाकर विश्वास में लेने और उनका यौन शोषण करने के आरोप में फंसे दारोगा मु. नौशाद रिजवी का विवादों से पुराना रिश्ता रहा है। पूर्व में भी उनकी हरकतों को लेकर कई बार सवाल उठ चुके हैं, लेकिन हर बार मामला दबता रहा।
अब अनुसूचित जाति-जनजाति थाना में दर्ज केस की सुनवाई के दौरान विशेष अदालत ने उनकी जमानत अर्जी खारिज कर उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
इंटरनेट मीडिया पर वायरल हुई थी आपत्तिजनक तस्वीरें
चरकापत्थर थाना में पदस्थापित रहने के दौरान दारोगा की कुछ आपत्तिजनक तस्वीरें इंटरनेट मीडिया पर वायरल हुई थी। उन तस्वीरों में वह शराब की बोतल और गिलास में शराब जैसा पेय पदार्थ लिए नजर आए थे। उस समय भी दारोगा के आचरण पर सवाल उठे थे, लेकिन विभागीय कार्रवाई की बात आगे नहीं बढ़ी।
बुलेट चलाते हुए युवक को रौंदने का भी लगा था आरोप
सोनो थाना क्षेत्र के सारेबाद गांव के पास भी दारोगा विवादों में घिरा था। आरोप है कि बुलेट पर तेज रफ्तार से सवार दारोगा ने सरकंडा निवासी काशी यादव के पुत्र त्रिलोकी यादव को जोरदार टक्कर मार दी थी। हादसे में त्रिलोकी गंभीर रूप से घायल हो गया था और उसकी पैर की हड्डी टूट गई थी। इस मामले में भी कार्रवाई ठंडे बस्ते में डाल दी गई थी।
पीड़ित महिला ने न्यायालय में खोला तीन वर्षों का दर्द
वर्तमान मामले में एक अनुसूचित जाति की महिला ने न्यायालय में बताया कि वर्ष 2020 में एक केस की जांच के दौरान दारोगा उसकी जिंदगी में आया। आरोप है कि उसने अधिकारियों की वर्दी का दबदबा दिखाकर उसे अपने क्वार्टर में रहने के लिए मजबूर कर दिया। तीन वर्षों तक वह लगातार शोषण का शिकार होती रही। विरोध करने पर दारोगा उसकी तस्वीरें वायरल करने की धमकी देता था।
पीड़िता ने यह भी बताया कि दारोगा ने न केवल उसे बल्कि उसकी नाबालिग बेटी की गतिविधियों पर भी नजर रखना शुरू कर दिया था, जिससे उसका परिवार दहशत में रहने लगा। महिला ने कई बार थाना जाकर शिकायत दर्ज कराने की कोशिश की, लेकिन उसे हर बार टाल दिया गया।
चार एसपी से लेकर आईजी तक लगाई गुहार, लेकिन नहीं हुई कोई कार्रवाई
पीड़िता ने अपने बयान में कहा कि तीन वर्षों में उसने चार एसपी, डीआईजी और आईजी तक अपनी फरियाद पहुंचाई। इंटरनेट मीडिया पर फैलाई गई तस्वीरें भी अधिकारियों को भेजीं, परंतु किसी भी स्तर पर ठोस कार्रवाई नहीं हुई। अंततः 2024 में उसने न्यायालय का सहारा लिया और एससी-एसटी विशेष न्यायालय में परिवाद दर्ज कराया।
कोर्ट ने जमानत खारिज कर भेजा जेल
मामले की गंभीरता देखते हुए विशेष अदालत ने सुनवाई में दारोगा मु. नौशाद रिजवी की जमानत याचिका खारिज कर दी। दोनों महिलाओं के साथ यौन शोषण के आरोपों पर अदालत ने कठोर रुख अपनाया है। अब मामले की अगली सुनवाई में पुलिस से विस्तृत रिपोर्ट और जांच की प्रगति संबंधी जानकारी मांगी जाएगी।

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