Move to Jagran APP

Bihar News: जमुई के गर्भ में छिपा है 51 मिलियन टन कच्चा लोहा, जल्द शुरू होगी नीलामी प्रक्रिया

Jamui News In Hindi खान एवं भूतत्व विभाग सचिव धर्मेंद्र सिंह ने शुक्रवार को बताया कि आचार संहिता समाप्त होते ही मंजोष की धरती के दो ब्लॉक में नीलामी प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। धर्मेंद्र सिंह ने बताया कि मंजोष और भट्टा खंड में न्यूनतम मान्यता से दो गुना लौह अयस्क की मात्रा पाई गई है जो कि एक शुभ संकेत है।

By Arvind Kumar Edited By: Mohit Tripathi Published: Fri, 26 Apr 2024 08:56 PM (IST)Updated: Fri, 26 Apr 2024 08:56 PM (IST)
खान एवं भूतत्व विभाग के सचिव ने दी जानकारी। (सांकेतिक फोटो)

संवाद सहयोगी, जमुई। मंजोष की धरती से लोहा निकालने की इंतजार की घड़ी अब समाप्त होने वाली है। आचार संहिता समाप्त होते ही दो ब्लाक में नीलामी की प्रक्रिया प्रारंभ हो जाएगी। यहां की धरती में 51 मिलियन टन लौह अयस्क होने का अनुमान है, जिसकी अनुमानित कीमत 2500 करोड़ बताई जाती है।

loksabha election banner

खान एवं भूतत्व विभाग के सचिव धर्मेंद्र सिंह ने शुक्रवार को बताया कि मंजोष और भट्टा खंड में न्यूनतम मान्यता से दो गुना लौह अयस्क की मात्रा पाई गई है, जो कि इलाके और जिले के साथ-साथ राज्य के लिए शुभ संकेत है। यहां अच्छी गुणवत्ता के मैग्नेटाइट मौजूद हैं।

इसकी रिपोर्ट जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया द्वारा भारत सरकार को सौंपी गई। इसके बाद ही केंद्र सरकार ने राज्य सरकार को नीलामी की प्रक्रिया प्रारंभ करने की अनुमति दी है। नीलामी प्रक्रिया पूर्ण करने के लिए पूर्व की तमाम तैयारी एसबीआई कैप द्वारा लगभग पूरी के ली गई है।

स्थानीय स्तर पर जिला प्रशासन द्वारा भी जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी की जा रही है। फिलहाल 84 हेक्टेयर अर्थात 210 एकड़ जमीन मंजोष खंड में चिन्हित की गई है।

सचिव ने बताया कि स्थानीय लोगों की आपत्ति की स्थिति में आबादी वाले क्षेत्र को छोड़कर खनन की कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने मुआवजा के साथ ही विस्थापित लोगों के पुनर्स्थापना की प्रक्रिया प्रारंभ करने को लेकर शुरू की गई आवश्यक कार्रवाई से भी अवगत कराया।

सचिव ने सिकंदरा प्रखंड अंतर्गत अवस्थित प्रस्तावित खनन स्थल मंजोष एवं भट्टा खंड का निरीक्षण किया तथा अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिया।

यहां यह बताना लाजिमी है कि सिकंदरा प्रखंड अंतर्गत मंजोष गांव में वर्ष 2003 में खेल-खेल में चुंबक से पत्थर चिपकने का वाक्या हुआ था। उसके बाद से ही लगातार प्रयास के पश्चात जीएसआई का सर्वे इसी वर्ष मार्च महीने में पूर्ण हुआ।

इसके बाद ही वहां से लौह अयस्क निकालने की तैयारी सरकार के स्तर पर जोर पकड़ने लगी। इसी कड़ी में भू अर्जन के लिए जमीन चिन्हित करने का कार्य भी अंतिम दौर में है।

यह भी पढ़ें: Chirag Paswan: 'मैं अपने पापा की कसम खाता हूं...', PM Modi के सामने चिराग पासवान का बड़ा एलान

Bihar Sand Mining: 731 बालू कलस्टर घाटों में से 329 की नीलामी पूरी, ACS ने कहा- एक हफ्ते के अंदर...


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.