Jamui News: बारिश से हुई तबाही में दर्जनों घर ध्वस्त, खेतों में पानी भरने से 100 एकड़ से अधिक फसल बर्बाद
जमुई के भगवाना गांव में बारिश से बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं। महादलित बस्ती के कई घर पानी में डूब गए और कुछ गिर भी गए जिससे लोग सड़क पर रहने को मजबूर हैं। जल निकासी की व्यवस्था न होने और नहरों पर अतिक्रमण के कारण यह स्थिति हुई है। ग्रामीणों ने प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है।

संवाद सहयोगी, जमुई। पूर्व में सरकार द्वारा चलाई गई नहर व पईन को अतिक्रमणमुक्त कराने का अभियान की हकीकत दो दिनों की बारिश में ही सामने आ गई है। पानी का निकास नहीं रहने की वजह से सदर प्रखंड के भगवाना गांव का पूरा इलाका डूब चुका है। महादलित बस्ती के एक दर्जन से अधिक घर ध्वस्त हो चुका है तो अधिकांश घरों में पानी प्रवेश कर गया है। लोगों का जीना दुश्वार हो चुका है।
करीब 100 एकड़ से अधिक जमीन में लगा धान बर्बाद हो गया है। पूरी तरह इस इलाके में बाढ़ आ गई है। सभी लोग घर छोड़कर सड़क पर रह रहे हैं। महादलित बस्ती के चारों ओर हाहाकार मचा हुआ है। विडंबना देखिए कि मुख्यालय से महज 10 किलोमीटर की दूरी होने के बावजूद 48 घंटे के बाद भी कोई पदाधिकारी देखने के लिए नहीं पहुंचे हैं।
पदाधिकारियों के आने की लोग आस लगाए बैठे हैं, लेकिन रविवार की दोपहर तक भी कोई पदाधिकारी महादलित की स्थिति को देखने नहीं पहुंचे हैं और न ही सरकार व जिला प्रशासन द्वारा किसी प्रकार की सहायता अब तक मिल पाई है। अब लोगों के बीच खाने पर भी आफत आ गई।
पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि धीरज मोदी और सरपंच विजय ठाकुर द्वारा पानी में प्रवेश कर घूम-घूमकर हालात का जायजा लिया गया है और अंचलाधिकारी को मौजूदा स्थिति से अवगत कराया गया है।
साथ ही महादलितों को हर संभव मदद का भरोसा भी दिलाया गया है। वहीं ग्रामीणों ने जिला प्रशासन व विधायक, मंत्री के खिलाफ आक्रोश भी जताया है और महादलित के साथ उदासीन रवैया अपनाने की बात कही है।
न नाला और न है पानी का निकास
महादलित टोले के ग्रामीण कारु मांझी, इंद्रदेव मांझी, राजकुमार मांझी, सलखु मांझी, रतन मांझी, मलक मांझी, महादेव पासवान, गौतम पासवान, सुरनी देवी, सुरनी देवी, सुषमा देवी, सुगिया देवी, रेखा देवी, दुलारी देवी सहित अन्य लोगों ने बताया कि यहां न रोड और न ही नाला का निर्माण कराया गया। पानी के निकास के लिए एक पुलिया भी नहीं बनाया गया है।
चारों ओर सड़क बनने और नहर व पईन का अतिक्रमण करने की वजह से बाढ़ आ गई है। पानी को निकालने के लिए भी नहीं दिया जा रहा है। जिससे सभी महादलित टोले वासियों का जीना दुश्वार हो चुका है। पानी के बीच रहने को मजबूर हैं।
ग्रामीणों ने इस क्षेत्र में एक छोटा पुल का निर्माण करने और सड़क वह नल का निर्माण करने की मांग की है। साथ ही जल्द से जल्द इस बाढ़ की समस्या से निजात दिलाने की भी मांग की है।
जहरीली कीट से भी भयभीत हैं ग्रामीण
महादलित टोला के लोगों ने बताया कि दो दिनों के मूसलाधार बारिश की वजह से अचानक पानी का दबाव बढ़ गया और घर में प्रवेश कर गया। जबतक घर से सामानों को निकाला जाता तबतक अनाज व अन्य सामान पानी में डूब गया और घर गिरने की वजह से कई समान मलवा में दब गए।
कई लोगों को चोटें भी आई हैं। ग्रामीणों ने बताया कि पानी भरे होने की वजह से भय का माहौल बना हुआ है। सांप, बिच्छू व अन्य जहरीली कीट के काटने की भी आशंका से लोग भयभीत हैं।
आधा दर्जन गांव का पानी हो गया जमा
मुखिया प्रतिनिधि धीरज मोदी ने बताया कि यहां आहर और नाला का अतिक्रमण कर लिया गया है। हम लोगों ने पूरे गांव का सर्वेक्षण किया है। अतिक्रमण की वजह से पानी का निकास नहीं हो पा रहा है। मूसलाधार बारिश की वजह से आधा दर्जन गांव के पानी का ठहराव भगवाना गांव में हो गया है।
नतीजतन गांव डूब रहा है। हम लोगों द्वारा अंचलाधिकारी को भी यहां की हालात से अवगत कराया गया है। सरपंच विजय ठाकुर ने कहा कि पानी में डूब कर लोगों का आनाज, राशन खत्म हो गया है। रहने के लिए घर नहीं है। सरकार व जिला प्रशासन को भी इसपर ध्यान देना चाहिए।
महादलित बस्ती के कुछ घरों में पानी प्रवेश होने और घर गिरने की बातें सामने आई हैं। आमीन को हालात का जायजा लेने के लिए भेजा गया था। पानी का निकास नहीं रहने की वजह से घर डूबने की बातें सामने आ रही हैं। जिनका घर गिरा है उन लोगों को मुआवजा भी दिया जाएगा। फिलहाल पानी निकालने की व्यवस्था की जा रही है। -ललिता कुमारी, अंचलाधिकारी जमुई।
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