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    Jamui News: जमुई में पानी के तेज बहाव से बरमसिया पुल ध्वस्त, कई गांवों का संपर्क टूटा; आवागमन बाधित

    By Madhbendra Kumar Edited By: Rajesh Kumar
    Updated: Sat, 02 Aug 2025 12:08 PM (IST)

    जमुई के झाझा-परासी मार्ग पर उलाई नदी का बरमसिया पुल तेज बहाव में टूट गया जिससे यातायात बाधित है। झाझा और सोनो प्रखंड के कई गांव प्रभावित हैं। 2000 में बना यह पुल पिछले तीन सालों से क्षतिग्रस्त था पर मरम्मत नहीं हुई। विभाग अब नया पुल बनाएगा। बांका जिले के पकरिया गांव में बारिश का पानी घुसने से भारी नुकसान हुआ है खेत और घर डूब गए हैं।

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    झाझा-परासी मुख्य मार्ग पर उलाई नदी पर बना बरमसिया पुल पानी के तेज बहाव के कारण टूट गया। जागरण

    जागरण संवाददाता, जमुई। झाझा-परासी मुख्य मार्ग पर उलाई नदी पर बना बरमसिया पुल पानी के तेज बहाव के कारण टूट गया। जिससे आवागमन पूरी तरह बाधित हो गया है। अब आम लोगों का पुल पर पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है। इससे झाझा और सोनो प्रखंड के दर्जनों गांवों के लोग प्रभावित हुए हैं।

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    मालूम हो कि गुरुवार रात से हो रही मूसलाधार बारिश के कारण नदी में पानी का दबाव काफी बढ़ गया है। जिससे पुल प्रभावित हुआ। क्षतिग्रस्त पुल को देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। इस दौरान ग्रामीणों में ग्रामीण कार्य विभाग समेत जनप्रतिनिधियों के प्रति आक्रोश देखा गया।

    बरमसिया कॉजवे पुल का निर्माण वर्ष 2000 में पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वर्गीय दिग्विजय सिंह के प्रयास से पथ निर्माण विभाग द्वारा कराया गया था। पुल की लंबाई 350 मीटर और चौड़ाई 20 फीट है। जिससे झाझा प्रखंड के चार पंचायतों के दर्जनों गांव और सोनो प्रखंड के कई पंचायतों के गांव झाझा बाजार से जुड़ गए थे।

    पिछले तीन वर्षों से पुल का एक हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया था। जिससे पुल की स्थिति दिन-प्रतिदिन खराब होती गई। इस दौरान व्यवसायियों और ग्रामीणों ने कई बार आवाज उठाई और विरोध प्रदर्शन किया। बावजूद इसके किसी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। जबकि झाझा और जमुई के विधायक पुल का निरीक्षण करने आए थे।

    मरम्मत नहीं होने के पीछे का कारण पथ निर्माण विभाग और ग्रामीण कार्य विभाग के बीच मतभेद बताया जाता है। दोनों विभाग के अधिकारी पुल को अपना बताकर पल्ला झाड़ते रहे। हालांकि कुछ दिनों बाद पुल की जिम्मेदारी ग्रामीण कार्य विभाग को सौंप दी गई।

    विभाग अब 6.25 करोड़ की लागत से नया पुल बनाएगा। इसके अलावा आवागमन के लिए नदी में वैकल्पिक रास्ते की व्यवस्था करनी है। नदी में पानी अधिक होने के कारण यह कार्य शुरू नहीं हो सका। पुल के ध्वस्त होने से दर्जनों गांवों के लोगों के सामने बड़ी समस्या उत्पन्न हो गई है। पुल के ध्वस्त होने से झाझा बाजार पर काफी असर पड़ा है। व्यवसायियों को लाखों का नुकसान हो रहा है।

    इधर, गिद्धौर-कोल्हुआ होते हुए जमुई जाने वाली बाईपास सड़क पर जखराज स्थान के पास बनी पुलिया उलाई नदी में आई बाढ़ में डूब गई है। पुलिया के ऊपर से पानी बह रहा है। इससे बाईपास सड़क पर आवागमन बंद है और लोगों को परेशानी हो रही है।

    पकरिया गांव में घुसा बारिश का पानी

    वहीं, बांका जिले में लगातार हो रही बारिश के कारण विभिन्न छोटी नदियों का जलस्तर काफी बढ़ गया है। इन नदियों का पानी खेत-खलिहानों को पार करते हुए सीधे गांव में प्रवेश कर रहा है। शंभूगंज प्रखंड क्षेत्र के पकरिया पंचायत अंतर्गत पकरिया और रामपुर दाढ़ी में लगातार हो रही बारिश के कारण पानी सीधे गांव में प्रवेश कर गया है। शनिवार को इस गांव का मंजर काफी भयावह दिखा।

    तीन घर क्षतिग्रस्त

    कई घरों में घुटनों से ऊपर बारिश का पानी बह रहा था। इसके कारण लाल बहादुर सिंह के घर का सारा अनाज पानी में डूबकर बर्बाद हो गया। छट्ठू सिंह का मिट्टी का घर भी ढह गया। वहीं, उत्तम सिंह के घर की दीवार गिर गई।

    200 एकड़ धान की फसल डूबी

    इस गांव में किसानों को बड़ा नुकसान हुआ है। करीब 200 एकड़ में लगी धान की फसल बारिश के पानी में डूब गई है। रमणी मोहन सिंह, डगलस सिंह, अजय सिंह, सुबोध प्रसाद सिंह आदि किसानों का कहना है कि लोहागढ़ नदी के पानी के कारण गांव और खेत दोनों बर्बाद हो रहे हैं।

    उन्होंने कहा कि अगर समय रहते पानी की निकासी नहीं की गई तो धान की फसल सड़ कर बर्बाद हो जाएगी, जिससे किसानों को भारी आर्थिक नुकसान हो सकता है।