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    जमुई सीट पर चुनाव में टिकट की टिक-टिक, राजनीतिक दलों में मची होड़; कांटे का रहेगा मुकाबला

    जमुई विधानसभा सीट पर टिकट के लिए राजनीतिक दलों में घमासान मचा हुआ है। BJP में श्रेयसी सिंह का टिकट बरकरार रहने की संभावना है। वहीं राजद में विजय प्रकाश के टिकट पर तलवार लटक रही है। अजय प्रताप जैसे लोकप्रिय चेहरे भी मैदान में हैं। जनसुराज भी अपने उम्मीदवारों के साथ तैयार है। सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि आखिर किस पार्टी से किसको टिकट मिलता है।

    By Arvind Kumar Edited By: Piyush Pandey Updated: Fri, 22 Aug 2025 03:54 PM (IST)
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    समाजवादियों की धरती पर किसकी लगेगी लॉटरी। (जागरण फोटो)

    अरविंद कुमार सिंह, जमुई। समाजवाद की उर्वर धरती जमुई विधानसभा क्षेत्र पर 2020 के चुनाव में पहली बार भारतीय जनता पार्टी का कमल खिला। उक्त सीट पर भारतीय जनता पार्टी की श्रेयसी सिंह का कब्जा है। इसलिए यहां भी जिले की अन्य सीटों की तरह एनडीए में नो वैकेंसी का बोर्ड लगा है।

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    इसके बावजूद एकाध संभावित उम्मीदवार श्रेयसी की सीट ट्रांसफर की चर्चा को हवा देकर राजनीतिक चौपाल में सुर्खियां बटोर रहे हैं लेकिन, श्रेयसी सिंह का टिकट काटकर शायद ही भारतीय जनता पार्टी इस सीट पर कोई जोखिम लेना चाहेगी।

    श्रेयसी के अलावा भाजपा से जिन नाम की चर्चा है उनमें लक्ष्मीपुर के पूर्व अंचलाधिकारी निर्भय प्रताप सिंह, विकास सिंह और प्रकाश भगत का नाम शामिल है।

    हमेशा राजद के खाते में रही है सीट

    इधर महागठबंधन में यह सीट हमेशा से राजद के खाते में रही है। लिहाजा उसके ही खाते में जमुई विधानसभा क्षेत्र का रहना लगभग तय है, यह मानकर आधा दर्जन से अधिक उम्मीदवार नेताओं के दरवाजे पर चक्कर लगा रहे हैं।

    अब तक इस सीट पर राजद में पूर्वांचल के कद्दावर नेता जयप्रकाश नारायण यादव के अनुज पूर्व मंत्री विजय प्रकाश चुनाव लड़ते रहे हैं लेकिन राष्ट्रीय जनता दल में तेजस्वी युग आने से उनके टिकट पर खतरा मंडराने की बात चर्चा में है।

    बताया जाता है कि जयप्रकाश नारायण यादव के परिवार में एक सीट जो दी जाएगी, वह झाझा की सीट होगी। यह भी कहा जा रहा है कि नरेंद्र सिंह के पुत्र अजय प्रताप राजद के टिकटार्थियों में सबसे ऊपर चल रहे हैं। इसकी वजह भी है।

    अजय प्रताप पर सबकी नजर

    स्थानीय स्तर पर अजय प्रताप एकमात्र चेहरा हैं जिनका सभी जाति और धर्म में पकड़ है और हर गांव में 10-20 लोगों को यह नाम से जानते और पहचानते हैं। उनकी यह छवि चुनाव में भी असर डालेगा, इससे इनकार नहीं किया जा सकता है।

    वैसे राष्ट्रीय जनता दल से एक और नाम बड़ी तेजी से इन दिनों उभर रहा है। कुशवाहा खेमे से ऐसी चर्चा है कि जमुई सीट कुशवाहा खाता में ही जाएगी और इसमें पप्पू मंडल की पत्नी सुजाता सिंह भारी पर रही है।

    कट्टर हिंदूवादी चेहरा नहीं छोड़ रहा पीछा

    हालांकि, पप्पू मंडल का कट्टर हिंदूवादी चेहरा उनका पीछा नहीं छोड़ रहा है। सुजाता सिंह पिछले चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार थी और तकरीबन 20 हजार वोट मिले थे। इसके अलावा शमशाद आलम, रविंद्र मंडल सहित और भी कई ऐसे नाम हैं जो राजद से टिकट लेने के लिए कतार में हैं।

    यहां से पिछली बार राजद की टिकट पर विजय प्रकाश चुनाव लड़े थे और तकरीबन 40 हजार से अधिक मतों से उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। तब शमशाद आलम ने 18 हजार वोट लेकर विजय प्रकाश की बड़ी हार की पटकथा लिख दी थी।

    जनसुराज से ये हैं उम्मीदवार

    जनसुराज में भी अधिवक्ता रूपेश सिंह, जिला पार्षद अनिल साह, संजीव सिंह, कुशवाहा समाज के ज्योतिष कुमार सहित आधा दर्जन संभावित नाम है जो अपनी अपनी दावेदारी पक्की मानकर क्षेत्र में जनसंपर्क अभियान भी चला रहे हैं।

    देखने वाली बात यह है कि बिहार विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष समाजवादी नेता त्रिपुरारी प्रसाद सिंह तथा पूर्व मंत्री नरेंद्र की धरती से इंडी गठबंधन का टिकट हासिल करने में किसे कामयाबी मिलती है।