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    Jamui News: 'DM साहब, कभी भी हो सकता है हादसा', स्कूली बच्चों ने लगाई गुहार

    Updated: Sat, 09 Aug 2025 02:31 PM (IST)

    जमुई जिले के एक प्राथमिक विद्यालय के छात्र जर्जर भवन में पढ़ने को मजबूर हैं। छात्रों का कहना है कि कक्षाओं में सांप-बिच्छू घुस आते हैं और भवन में जगह-जगह छेद हैं। खेल के मैदान और शुद्ध पानी की भी सुविधा नहीं है। बच्चे डीएम से स्कूल को नई जगह बनवाने की अपील कर रहे हैं।

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    जमुई जिले के एक प्राथमिक विद्यालय के छात्र जर्जर भवन में पढ़ने को मजबूर हैं। फाइल फोटो

    विश्वजीत सिंह विक्की, बरहट (जमुई)। डीएम साहब, कक्षा में सांप-बिच्छू घुस आते हैं, भवन में कई जगह छेद हो गए हैं, दीवारों में कई जगह दरारें आ गई हैं, जिससे हम लोगों को खतरा बना हुआ है। विद्यालय भवन कभी भी गिर सकता है। बरसात के दिनों में भवन गिरने का डर बना रहता है।

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    उक्त बातें प्रखंड के नुमर पंचायत के प्राथमिक विद्यालय जावतरी में पढ़ने वाले पांचवीं कक्षा के छात्र सुजीत कुमार ने कही। दरअसल, शुक्रवार को दैनिक जागरण द्वारा चलाए जा रहे अभियान 'कितने सुरक्षित हैं स्कूल' की पड़ताल की गई तो विद्यालय की आंतरिक व्यवस्था की स्थिति काफी खराब पाई गई।

    विद्यालय में कक्षा एक से पांचवीं तक की कक्षाएं चलती हैं। कुल 114 छात्र-छात्राएं नामांकित हैं। करीब 100 से 105 बच्चे विद्यालय में पढ़ने आते हैं। विद्यालय भवन में दो कमरे और एक कार्यालय है। बरामदे में मध्याह्न भोजन बनता है। बरसात के दिनों में एक कक्षा में मध्याह्न भोजन बनाना जरूरी हो जाता है और दूसरी कक्षा में कक्षा एक से पांच तक के बच्चों की कक्षाएं चलती हैं।

    अब कक्षा एक से पाँच तक के बच्चे एक ही कक्षा में एक साथ पढ़ते हैं। अलग-अलग पाठ्यक्रम, साथ-साथ पढ़ाई। कक्षा एक से तीन और चार से पाँच तक के बच्चे एक साथ बैठकर पढ़ाई करते नज़र आए। सभी कक्षाओं का पाठ्यक्रम और किताबें अलग-अलग हैं। ऐसे में बच्चों का भविष्य भी अधर में है।

    बच्चों में खेलने की लालसा

    विद्यालय के छात्रों में अमन कुमार, शिवानी कुमारी, बबली कुमारी, सुजीत कुमार ने बताया कि हमारा खेलने का मन करता है, लेकिन विद्यालय में खेल का मैदान नहीं है। दूसरे विद्यालयों के बच्चे खेलकूद प्रतियोगिताओं में भाग लेते हैं, लेकिन खेलने के संसाधन होने के बावजूद, खेल का मैदान न होने के कारण हम खेल नहीं पाते।

    उन्होंने बताया कि विद्यालय में हम सभी हैंडपंप का गंदा पानी पीने को मजबूर हैं। बोरिंग और मोटर तो लग गई है, लेकिन टंकी, नल और स्टार्टर न होने के कारण हम शुद्ध पानी पीने से वंचित हैं। विद्यालय में चारदीवारी भी नहीं है। आवारा जानवर लगभग हर रोज़ विद्यालय में आते हैं। बरसात में विद्यालय के सामने पानी जमा हो जाता है और विद्यालय में घुस जाता है। बच्चों ने एकमत होकर डीएम श्री नवीन से स्कूल को नई जगह बनवाने की अपील की है।

    कुछ दिन पहले ही मैंने स्कूल का कार्यभार संभाला है। कक्षा-कक्षों के अभाव में समस्या आ रही है। स्कूल भवन के लिए विभाग को पत्र लिखा जाएगा।

    - रिंकू कुमारी, प्रधानाध्यापिका, प्राथमिक विद्यालय, जावतारी।