बरगद का वृक्ष है ऑक्सीजन का प्राकृतिक कारखाना
जमुई। बरगद एक ऐसा वृक्ष है जिसे ऑक्सीजन का प्राकृतिक कारखाना कहा जाता है वहीं अन्य पेड़ों की तुलना में इसमें कई गुना अधिक ऑक्सीजन निकलता है।

जमुई। बरगद एक ऐसा वृक्ष है जिसे ऑक्सीजन का प्राकृतिक कारखाना कहा जाता है वहीं, अन्य पेड़ों की तुलना में इसमें कई गुना अधिक ऑक्सीजन निकलता है। यह लंबी आयु का वृक्ष है। इसमें क्रॉउन एरिया (फैलाव क्षेत्र) अधिक होने के चलते इनके आसपास की हवा में नमी बनी रहती है।
गर्मी के दिनों में बरगद छाया के साथ ठंडक प्रदान करता है। वट वृक्ष दिन ही नहीं, बल्कि रात में भी ऑक्सीजन उत्सर्जित करता है। वट वृक्ष मैं फैलाव अधिक होने के चलते ऑक्सीजन अधिक मात्रा में मिलती है। इसके अलावा वैज्ञानिक और धार्मिक दृष्टिकोण से वट वृक्ष यानि बरगद के पेड़ का विशेष महत्व है। विज्ञानियों का कहना है कि बरगद पेड़ अन्य पेड़-पौधे की अपेक्षा चार-पांच गुना अधिक ऑक्सीजन देता है। शुद्ध हवा और प्रकृति ऑक्सीजन से शरीर निरोगी रहता जिस जगह बरगद पेड़ होता है उसके आसपास के 200 मीटर का क्षेत्र ठंडा रहता है। कोरोना काल में ऑक्सीजन के महत्व को हर कोई समझ रहा है। 10 तारीख गुरुवार को महिलाएं वट सावित्री का व्रत रखेंगी। इस दिन अपने पति के मंगल स्वास्थ्य की कामना के साथ साथ एक पौधा भी लगाएंगी। घर-परिवार की सुख-समृद्धि के साथ कोरोना काल में समाज प्रदेश और देश के स्वास्थ्य की मंगल कामना भी करेंगी।
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मिलकर लेते हैं संकल्प
वट सावित्री पूजा महिलाएं पति की लंबी आयु के लिए करती हैं। वट वृक्ष अमराव बोध का प्रतीक है। सनातन संस्कृतिक में बरगद पेड़ की पूजा की जाती है। ऐसी कथा है कि सावित्री के पति की मृत्यु हो गई थी तब उसने बरगद पेड़ के नीचे शव रखकर वृक्ष की पूजा करके अपने पति सत्यवान के प्राण को यमराज से वापस लौटा लाने में सफल रही थी। इस मान्यता के चलते वट वृक्ष को पूजा जाता ग्रंथों में यह भी लिखा है कि बरगद पेड़ की छाल में विष्णु, जड़ में ब्राह्माण और शाखाओं में शिव का वास है। इसके अलावा इस पेड़ में ऑक्सीजन देने की क्षमता भी अधिक होती है। इसलिए इस बार बट सावित्री पूजा के बाद मैं एक बरगद का पेड़ जरूर लगाऊंगी।
रिकी कुमारी
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बदलते जमाने के साथ लोग पेड़-पौधे लगाना भूल चुके हैं। खासकर बरगद और पीपल के पौधे में काफी कमी देखने को मिलती है। इस वर्ष वट सावित्री पूजा के दिन खुद भी एक बरगद का पेड़ लगाऊंगी और दूसरे को भी प्रेरित करूंगी।
सीमा कुमारी
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बरगद की पूजा तो होती ही है ऑक्सीजन भी प्रचुर मात्रा में उपलब्ध कराता है। इस बार कोरोना की दूसरी लहर में कई लोगों की मौत हो चुकी है। इसलिए इस वर्ष में पांच बरगद के पौधे लगाने जा रही हूं।
लक्ष्मी देवी, जविप्र विक्रेता
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प्राचीनकाल से ही बरगद को ईश्वर तुल्य भी माना जाता है। देवीय विशेषताओं के साथ इसके सारे भाग, छाल, तना, जड़, पत्ती आदि में औषधीय गुण होते हैं। कोरोना ने पेड़ पौधे के महत्व को पूरा एहसास करा दिया है। कई समस्याओं का समाधान है। बरगद का पेड़ वायुमंडल को प्रदूषण से बचाते हुए ऑक्सीजन उपलब्ध कराता है। दैनिक जागरण के इस अभियान की प्रशंसा करती हूं और सन कब लेती हूं कि एक बरगद का पौधा अवश्य लगाऊंगी और दूसरे को भी प्रेरित करूंगी।
शबनम देवी
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