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    उलाई नदी में अवैध सड़क बनाकर बालू का अवैध खनन जारी, किसानों की खेती और नदी का अस्तित्व खतरे में

    Updated: Sat, 22 Nov 2025 03:41 PM (IST)

    गिद्धौर में उलाई नदी पर बालू संवेदकों द्वारा अवैध सड़क निर्माण से ग्रामीणों में आक्रोश है। प्रशासन की कथित लापरवाही के कारण नदी की धारा अवरुद्ध हो गई है, जिससे जल स्तर गिर गया है और सिंचाई बाधित हो रही है। किसानों को गेहूं की खेती पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की आशंका है। ग्रामीणों का आरोप है कि संवेदक डीएसआर टैक्स भरकर अवैध खनन कर रहे हैं, जिससे नदी का अस्तित्व खतरे में है।

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    उलाई नदी में बालू का अवैध खनन जारी

    संवाद सूत्र, गिद्धौर(जमुई)। थाना क्षेत्र से होकर बहने वाली उलाई नदी के दुर्गा मंदिर घाट से लेकर कलाली पुल तक बालू संवेदकों द्वारा बनाई गई अवैध सड़क इन दिनों क्षेत्र में चर्चा का मुख्य विषय बनी हुई है। 

    ग्रामीणों का आरोप है कि स्थानीय प्रशासन और जिला प्रशासन की लापरवाही के कारण संवेदकों द्वारा नदी की धारा को अवरुद्ध कर बनाई गई यह सड़क बिना किसी रोक-टोक के अब भी उपयोग में लाई जा रही है। अवैध रूप से बनाई गई इस पगडंडी जैसी सड़क पर रात-दिन बालू लदे ट्रकों का बेखौफ परिचालन हो रहा है। 

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    खतरे में उलाई नदी का अस्तित्व

    ग्रामीणों और किसानों का कहना है कि लगातार दखल के कारण उलाई नदी का अस्तित्व खतरे में पड़ गया है। नदी की मुख्य धारा में ईंट-पत्थर डालकर सड़क तैयार किए जाने से आसपास के गांवों में भू-जल स्तर पर गंभीर असर पड़ा है। खेतों तक सिंचाई बाधित होने से दर्जनों गांवों में इस वर्ष गेहूं की खेती पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की आशंका जताई जा रही है। 

    ग्रामीण बताते हैं कि थाना क्षेत्र के कोल्हुआ और दाबिल में संवेदकों ने आधा दर्जन से अधिक बालू डंप यार्ड बना रखे हैं। नो-एंट्री के दौरान भी ट्रकों को इसी अवैध सड़क से गुजारा जा रहा है। सिंचाई बाधित होने के कारण सैकड़ों एकड़ खेतों में इस बार बोवाई प्रभावित हो सकती है।

    संवेदक हर महीने भरते हैं डीएसआर टैक्स

    ग्रामीणों का आरोप है कि संवेदकों और प्रशासन के बीच सांठगांठ के कारण कार्रवाई नहीं हो पा रही है। उनका कहना है कि संवेदक हर महीने लगभग चार लाख रुपये डीएसआर टैक्स के रूप में भुगतान करते हैं। 

    इसी वजह से अवैध सड़क निर्माण पर कोई रोक-टोक नहीं है और ट्रकों का परिचालन मुख्य मार्ग की तरह जारी है। ग्रामीणों का आरोप है कि संवेदक डीएसआर टैक्स तो भरते हैं, लेकिन उनकी मनमानी से दर्जनों गांवों के किसानों की खेती बाधित हो गई है।

    कई महीनों से प्रशासन केवल जांच का आश्वासन दे रहा है, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।

    कुमरडीह और दाबिल में बड़े पैमाने पर बालू का स्टॉक

    थाना क्षेत्र के कुमरडीह गांव में एक ही मौजा संख्या पर दो अलग-अलग स्थानों पर भारी मात्रा में बालू का स्टॉक पाया गया। सूचना बोर्ड के अनुसार मौजा संख्या 133, ग्राम कुमरडीह स्टाकिस्ट संजीत कुमार तथा मौजा संख्या 133, ग्राम कुमरडीह (अन्य स्थान) पर स्टॉकिस्ट श्याम इंटरप्राइजेज (संजीव कुमार) का अंकित है। 

    वहीं, दाबिल स्थित स्टॉक प्वाइंट पर सूचना बोर्ड में शंभूनाथ चौधरी (क्लस्टर नं. 16, बरनार नदी) का नाम दर्ज है। यहां संवेदकों द्वारा खुलेआम बालू की बिक्री और ट्रकों को उलाई नदी में बनी अवैध सड़क से ही पास कराए जाने की पुष्टि स्थानीय लोगों ने की।