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    महावीर की धरती पर एनडीए में 'नो वैकेंसी', कांग्रेस में ज्यादा भीड़; जनसुराज से गायक आलोक राज भी ठोक रहे दावेदारी

    Updated: Sun, 14 Sep 2025 06:25 AM (IST)

    बिहार की सिकंदरा (सुरक्षित) विधानसभा क्षेत्र में चुनावी हलचल आहिस्ता-आहिस्ता गतिमान है। संभावित उम्मीदवार क्षेत्र में चहलकदमी भी कर रहे हैं और दिल्ली दरबार से लेकर पटना तक की दौड़ भी लगा रहे हैं। इस बार कांग्रेस में प्रत्याशियों की ज्यादा भीड़ है। वहीं 2020 विधानसभा चुनाव में इस सीट पर हम पार्टी के प्रफुल्ल मांझी का कब्जा है।

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    महावीर की धरती पर एनडीए में 'नो वैकेंसी'। (जागरण)

    अरविंद कुमार सिंह, जमुई। महावीर की धरती सिकंदरा (सुरक्षित) विधानसभा क्षेत्र में चुनावी हलचल आहिस्ता-आहिस्ता गतिमान है। संभावित उम्मीदवार क्षेत्र में चहलकदमी भी कर रहे हैं और दिल्ली दरबार से लेकर पटना तक की दौड़ लगा रहे हैं।

    सबसे ज्यादा भीड़ कांग्रेस में है। यूं तो गठबंधन की गांठ खुलने के बाद टिकट की टिक टिक होनी चाहिए, लेकिन ऐसा है नहीं। दलों के अंदरखाने से यह स्पष्ट है कि एनडीए में कोई वैकेंसी नहीं है और महागठबंधन में यह सीट कांग्रेस के खाते में जाएगी, लिहाजा टिकट की टिक-टिक भी तेज हो गई है।

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    फिलहाल, लगभग एक दर्जन नाम कांग्रेस से टिकट की दावेदारी करने वालों में शुमार है। इस सीट पर हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के प्रफुल्ल मांझी का कब्जा है।

    राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के बड़े नेताओं की ओर से यह स्पष्ट कर दिया गया है कि सिकंदरा सीट हम के खाते में ही रहेगा। इधर, जन सुराज में भी 'ये प्रयागराज है..' गीत गाने वाले आलोक राज सहित आधा दर्जन टिकटार्थियों की भीड़ है।

    कांग्रेस से टिकट की दावेदारी करने वालों में विधायक सुधीर कुमार उर्फ बंटी चौधरी तथा विनोद चौधरी के बीच कड़ा मुकाबला है। पिछली बार एड़ी-चोटी एक करने वाले धर्मेंद्र पासवान भी कतार में हैं।

    कांग्रेस की नीतियों के साथ जिंदगी गुजार देने वाले अखिलेश पासवान की बेटी रेणुका पासवान के अलावा धर्मेंद्र पासवान, राजकुमार पासवान सहित अन्य कई नाम टिकट के लिए दौड़ लगाने वालों में है।

    राष्ट्रीय जनता दल में पिछले कुछ वर्षों से सक्रिय गोल्डन आंबेडकर भी लगातार राजद के बैनर तले क्षेत्र भ्रमण कर रहे हैं। उनका भी अपना तर्क और दावा है। जदयू और लोजपा में भी दावेदारी है, लेकिन परिस्थितियां अनुकूल बने तब।

    पिछली बार निर्दलीय चुनाव लड़कर बंटी चौधरी की लुटिया डुबोने में अहम भूमिका निभाने वाले सुभाष चंद्र बोस लोजपा से जुड़े हैं, लेकिन अंदरखाने से राजद से भी बातचीत चलने की चर्चा क्षेत्र में चल रही है।

    जदयू में सिंधु कुमार पासवान ने भी अपनी उम्मीदवारी का दावा जदयू के कद्दावर नेता राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह के समक्ष पेश कर दिया है। वैसे चर्चा है कि सिंधु पासवान को जन सुराज से भी पेशकश मिली है, लेकिन वे केंद्रीय मंत्री ललन सिंह का साथ छोड़ेंगे, इसकी संभावना कम ही दिखती है।

    जन सुराज में आलोक राज के अलावा पूर्व जिला पार्षद पति महादेव मांझी तथा पूर्व प्रमुख प्रदीप चौधरी का भी नाम जोर-शोर से चल रहा है। प्रचार-प्रसार तथा पार्टी के कार्यक्रम में भी इन दोनों नेताओं की भागीदारी दिख रही है।

    वर्ष विजेता निकटतम प्रतिद्वंदी
    1962 शाह मुस्ताक गीतानंदन सिंह
    1967 विवेकानंद जे लाल
    1969 रामेश्वर पासवान भोला मांझी
    1972 रामेश्वर पासवान नगीना चौधरी
    1977 नगीना चौधरी शैल रानी
    1980 रामेश्वर पासवान लोकनाथ आजाद
    1985 रामेश्वर पासवान भोला मांझी
    1990 प्रयाग चौधरी रामेश्वर पासवान
    1995 प्रयाग चौधरी रामेश्वर पासवान
    2000 प्रयाग चौधरी जनक देवराम
    2005 (फरवरी) रामेश्वर पासवान प्रयाग चौधरी
    2005 (अक्टूबर) रामेश्वर पासवान प्रयाग चौधरी
    2010 रामेश्वर पासवान सुभाष चंद्र बोस
    2015 सुधीर कुमार उर्फ बंटी चौधरी सुभाष चंद्र बोस
    2020 प्रफुल्ल कुमार मांझी सुधीर कुमार उर्फ बंटी चौधरी