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    बिहार का बदहाल स्कूल: 3 कमरों में 328 बच्चों की पढ़ाई, मूलभूत सुविधा का अभाव

    Updated: Mon, 15 Dec 2025 03:56 PM (IST)

    बिहार के जमुई जिले में एक स्कूल की हालत चिंताजनक है। यहां तीन कमरों में 328 बच्चे पढ़ने को मजबूर हैं। स्कूल में मूलभूत सुविधाओं का अभाव है, जिससे छात् ...और पढ़ें

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     उत्क्रमित मध्य विद्यालय, बंदरमारा

    संवाद सहयोगी, जमुई। सोनो प्रखंड मुख्यालय से करीब 15 किलोमीटर दूर स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय, बंदरमारा में स्कूली बच्चों को पढ़ाई करने में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। विद्यालय में मात्र तीन कमरे उपलब्ध हैं, जबकि यहां कक्षा एक से आठवीं तक की पढ़ाई संचालित होती है।

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    कुल नामांकित छात्रों की संख्या 328 है और उनके लिए केवल चार शिक्षक-शिक्षिकाएं कार्यरत हैं। कमरों की कमी के कारण तीन ही कमरे में कक्षा एक से लेकर आठवीं तक के बच्चे को बैठाकर पढ़ाना पड़ता है, जिससे न तो बच्चों को पढ़ाई का अनुकूल माहौल मिल पाता है और न ही शिक्षक बेहतर तरीके से अध्यापन करा पा रहे हैं।

    जर्जर भवन और बुनियादी सुविधाओं का अभाव

    विद्यालय का भवन कई जगहों से जर्जर हो चुका है, जिससे हमेशा दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। शौचालय की स्थिति भी चिंताजनक है। कुल तीन शौचालयों में से एक पूरी तरह जर्जर हालत में है।

    वहीं, विद्यालय परिसर में लगा चापाकल भी खराब पड़ा है, जिससे बच्चों और शिक्षकों को पीने के पानी की समस्या झेलनी पड़ रही है। ग्रामीणों ने बताया कि विद्यालय में खेल मैदान तक उपलब्ध नहीं है, जिससे बच्चों का शारीरिक विकास भी बाधित हो रहा है।

    नेटवर्क की समस्या से बढ़ी परेशानी

    विद्यालय के एचएम छोटेलाल ने बताया कि इस क्षेत्र में नेटवर्क की भी गंभीर समस्या है। इंटरनेट सुविधा के अभाव में शिक्षा कोष और यू-डाइस प्लस पर बच्चों के नामांकन व अन्य जरूरी प्रविष्टियां करने के लिए उन्हें 15 किलोमीटर दूर बीआरसी जाना पड़ता है। इससे समय और संसाधनों की बर्बादी होती है।

    साथ ही प्रशासनिक कार्य भी प्रभावित होते हैं। ग्रामीण हेमराज राय, मनोज आदि ने बताया कि विद्यालय का निर्माण वर्ष 1985 में हुआ था। उस समय छात्रों की संख्या कम थी, लेकिन अब नामांकन बढ़ने के बावजूद अतिरिक्त कमरों का निर्माण नहीं कराया गया।

    विभाग की चुप्पी से ग्रामीणों में रोष है। कहा की यदि जल्द ही नए भवन और बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराई गई तो बच्चों का भविष्य अंधकारमय हो सकता है। ग्रामीणों ने विभाग से शीघ्र अतिरिक्त कक्ष निर्माण कर पढ़ाई को सुचारू रखने की मांग की है।

    शिक्षक की कमी रहने पर वरीय पदाधिकारी को सूचित किया है। जमीन की अनुपब्धता के कारण भवन का निर्माण नहीं हो सका है। -श्याम कुमार, प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी, सोनो