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जमुई की नक्सल प्रभावित आदिवासी बस्तियों में पुष्पा ने लाया नया सवेरा, बैंक मित्र बनकर कई महिलाओं का बदला जीवन

Jamui News सुदूरवर्ती बामदह पंचायत के चीड़पत्थर गांव की आदिवासी महिला व बैंक मित्र पुष्पा हेंब्रम इलाके के लोगों के लिए संघर्ष का दूसरा नाम है। इन्होंने अपनी जिंदगी बेहतर करने के साथ ही दूसरों के लिए नया सवेरा लाया है।

By Arvind KumarEdited By: Prateek JainPublished: Sun, 05 Feb 2023 10:30 PM (IST)Updated: Sun, 05 Feb 2023 10:30 PM (IST)
जमुई की नक्सल प्रभावित आदिवासी बस्तियों में पुष्पा ने लाया नया सवेरा, बैंक मित्र बनकर कई महिलाओं का बदला जीवन
साइकिल से क्षेत्र में घूमकर लोगों को जागरूक करती बैंक मित्र पुष्पा हेमब्रम।

चंद्रमंडी (जमुई), अमित कुमार राय: सुदूरवर्ती बामदह पंचायत के चीड़पत्थर गांव की आदिवासी महिला व बैंक मित्र पुष्पा हेंब्रम इलाके के लोगों के लिए संघर्ष का दूसरा नाम है। इन्होंने अपनी जिंदगी बेहतर करने के साथ ही दूसरों के लिए नया सवेरा लाया है।

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2008 में पति की बीमारी से मौत और पांच छोटे-छोटे बच्चों की परवरिश बड़ी चुनौती बनी। कठिन परिस्थितियों के बीच न केवल चारों बच्चों को पढ़ाया, बल्कि खुद भी अपनी जिंदगी संभाली। जीविका के माध्यम से बैंक मित्र बनकर उन्होंने गांव की गरीब महिलाओं का बैंक में खाता खुलवाया। इसके बाद उन्हें सरकारी योजनाओं से जोड़ने की भी पहल की।

साइकिल से घूम-घूम कर महिलाओं को किया जागरूक

पुष्पा ने अब तक बामदह, चौफला व ठाडी पंचायत में 152 ग्रुप बनाकर उनसे जुड़ी महिलाओं का खाता बैंक में खुलवाएं है। कई ग्रुपों को लोन भी दिलवाने का काम किया है। पुष्पा बताती हैं कि ग्रामीण महिलाओं को समझाना आसान नहीं था। दिन-दिन भर साइकिल से गांवों में घूमना पड़ा। इसके बावजूद पुष्पा ने हार नहीं मानी और लगातार लोगों को जागरूक किया। इसका असर हुआ कि महिलाओं ने बैंक में खाता खुलवाया। इसके बाद उन्हें जीविका के माध्यम से 30-30 हजार का लोन दिया गया, जिससे महिलाओं ने खेती-बाड़ी रोजगार सूअर पालन मुर्गी पालन और किराना दुकान, मछली दुकान खोलकर अपना जीविकोपार्जन कर रही हैं।

पुष्‍पा ने पहले खुद अपनी जिंदगी बदली फिर अब दूसरों की भी जिंदगी में रंग भर रही हैं। जीविका के माध्यम से बैंक मित्र बनकर गांव की गरीब महिलाओं को बैंकिंग सेवा से जोड़कर बैंकों में उनका खाता खुलवा कर सीधे उन्हें सरकारी योजनाओं के लाभ से जोड़ रही है। इतना ही नहीं, जिन महिलाओं को पुष्पा ने बैंक से जोड़ा है। उन महिलाओं आर्थिक आमदनी के लिए भी प्रेरित कर रही है।

इन मह‍िलाओं की बदल गई जिंदगी 

महिलाओं के कार्यों को देखकर ग्रामीण बैंक से संपर्क कर पुष्पा ने लगभग 50 ग्रुप की महिलाओं को एक लाख से लेकर दो लाख तक का लोन भी दिलाया है। केलुवाडीह की कमली देवी, सर्बिया देवी किराना दुकान चला रही हैं, जबकि रीना देवी मछली की दुकान चला रही हैं। पिपरासोल की अंजलीना मरांडी, ग्रेसी हसदा, बीडी गोदाम खोलकर अपना जीविकोपार्जन कर रही है। सुबह 10 बजे से देर शाम 5 बजे तक गांव गांव में साइकिल से घूमकर पुष्पा लोगों की जिंदगी में रंग भर रही है।


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