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    बिहार के रोजगार सेवक का काला कारनामा, डिजिटल पेमेंट से लाखों रुपये लिया कमीशन, अब गिरी कार्रवाई की गाज

    Updated: Thu, 18 Sep 2025 01:02 AM (IST)

    Bihar News बिहार के जमुई में एक पंचायत रोजगार सेवक पर कार्रवाई की गाज गिरी है। तत्काल प्रभाव से सरकार ने उसका अनुबंध रद कर दिया है। रोजगार सेवक पर झुंडो पंचायत में मनरेगा के क्रियान्वयन में गड़बड़ी करने और डिजिटल माध्यम से कमीशन की राशि वसूलने का आरोप सत्य पाया गया है। उसने कई योजनाओं में काम किए बगैर राशि निकाल ली थी।

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    Bihar News: बिहार के जमुई में सरकारी राशि हड़पने वाले एक पंचायत रोजगार सेवक पर कार्रवाई की गाज गिरी है।

    संवाद सहयोगी, जमुई। Bihar News आखिरकार जमुई जिले के खैरा प्रखंड के झुंडो ग्राम पंचायत के तत्कालीन रोजगार सेवक सुनील कुमार सुमन पर बुधवार को कार्रवाई की गाज गिर गई। उप विकास आयुक्त सुभाष चंद्र मंडल ने बिहार रूरल डेवलपमेंट सोसाइटी तथा मनरेगा की नियमावली का हवाला देते हुए रोजगार सेवक का अनुबंध रद कर दिया है। उप विकास आयुक्त के निर्णय के खिलाफ उसे 30 दिनों के भीतर जिला पदाधिकारी के न्यायालय में अपील दायर करना होगा।

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    रोजगार सेवक सुमन पर आरोप डिजिटल माध्यम से कमीशन वसूलने तथा धरातल पर योजनाओं के क्रियान्वयन के बगैर ही राशि निकाल लेने का है। इस संदर्भ में दैनिक जागरण ने प्रमुखता से खबरें प्रकाशित की थी। उन्हीं खबरों का हवाला देते हुए उप विकास आयुक्त ने कार्रवाई की है। रोजगार सेवक के खिलाफ उक्त कार्रवाई के पश्चात जिले भर में मनरेगा कर्मियों खासकर रोजगार सेवकों के बीच हड़कंप मच गया है।

    रोजगार सेवक पर कार्रवाई, बाकी को राहत !

    झुंडो पंचायत की योजनाओं की गड़बड़ी के मामले में सिर्फ रोजगार सेवक पर कार्रवाई हुई है। इसको लेकर कई तरह की चर्चाएं भी होने लगी है। वहां जलेबिया तालाब, काली मंदिर तालाब सहित अन्य कई योजनाओं में बगैर काम किए राशि निकाले जाने की शिकायत थी। शिकायत से संबंधित खबरें भी प्रकाशित हुई।

    प्रकाशित खबर के आलोक में कार्यक्रम पदाधिकारी से लेकर कनीय अभियंता, पंचायत तकनीकी सहायक सहित अन्य के विरुद्ध स्पष्टीकरण का नोटिस जारी भी हुआ लेकिन उन अन्य कर्मियों, अधिकारियों व अभियंताओं के विरुद्ध कार्रवाई नहीं हो पाई है। जबकि मनरेगा के जानकार बताते हैं कि पौधारोपण की योजना में कार्यक्रम पदाधिकारी की भूमिका सीधे-सीधी होती है। इसके अलावा अन्य योजनाओं के अनुश्रवण की भी जवाबदेही कार्यक्रम पदाधिकारी से लेकर कनीय अभियंता और तकनीकी सहायक की होती है।

    ऐसे में इन लोगों की मर्जी के बगैर फर्जी तरीके से राशि निकासी अकेले रोजगार सेवक के वश की बात नहीं हो सकती है। परिवादी सनोज सिंह भी कहते हैं कि इस मामले में अन्य लोगों के विरुद्ध भी कार्रवाई होनी चाहिए थी। सभी संबंधित कर्मियों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग को लेकर वह जिला पदाधिकारी से एक बार फिर शिकायत करेंगे।

    झुंडो पंचायत में डिजिटल लेनदेन की जांच में तथ्य प्रमाणित होने के उपरांत रोजगार सेवक के विरुद्ध अनुबंध रद करने की कार्रवाई की गई है। अन्य बिंदुओं पर भी जांच जारी है। शीघ्र ही आगे भी शिकायत प्रमाणित होने पर विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी। सुभाष चंद्र मंडल, उप विकास आयुक्त, जमुई