Bihar Highway News: 5 जिलों की 2 महत्वपूर्ण सड़कों की चौड़ाई होगी कम, फोरलेन परियोजना भी प्रभावित
बिहार में पांच जिलों की दो महत्वपूर्ण सड़कों की चौड़ाई कम की जाएगी, जिससे फोरलेन परियोजना प्रभावित होगी। इस निर्णय से सड़क निर्माण कार्य में देरी हो स ...और पढ़ें

अरविंद कुमार सिंह, जमुई। भूमि अधिग्रहण की चौड़ाई 30 मीटर से घटाकर 24 मीटर करने के केंद्रीय परिवहन मंत्रालय के एक फैसले से पांच जिलों की दो महत्वपूर्ण सड़कों की चौड़ाई कम हो जाएगी। विभागीय अभियंता परियोजना में प्रस्तावित पक्की सड़क की चौड़ाई पर इसका कोई असर नहीं पड़ने की बात कह रहे हैं। यह फैसला मंत्रालय ने जमीन की अत्यधिक कीमत होने का हवाला देकर किया है।
इसी फैसले के साथ नेशनल हाईवे 333 ए के एक महत्वपूर्ण जमुई बाईपास पर रोक लगाने का भी निर्णय शामिल है। वैसे विभाग की चिठ्ठी में एनएच 133 ई को लेकर यह स्पष्ट किया गया है कि इस निर्णय से पक्की सड़क के साथ प्रस्तावित पक्का किनारा (पेव्ड शोल्डर) डेढ़ से दो मीटर कम हो सकता है। साथ ही सर्विस रोड की चौड़ाई भी कम करने की बात कही गई है।
भविष्य में चुकानी पड़ सकती है सरकार को बड़ी कीमत:
नेशनल हाईवे 333 ए के फेज वन और टू के लिए सरकार को बरबीघा से पंजवारा तक 193 किलोमीटर दो लेन के साथ पक्के किनारे की चौड़ाई के लिए 106.3 हेक्टेयर जमीन की आवश्यकता थी। इसके लिए सरकार ने 193.30 करोड़ रुपए मंजूर किए थे। अब भू अर्जन समितियों की थ्री जी रिपोर्ट के मुताबिक यह राशि 239 करोड़ रुपए पर पहुंच जाती है।
स्वीकृत राशि से 46 करोड़ अधिक की लागत आनी मंत्रालय को भारी पड़ी। जानकार बताते हैं कि थोड़ा दिन भी भू-अर्जन टल गया तो यह 239 करोड़ सीधा 500 करोड़ को छू जाएगा। इसकी वजह बिहार में जमीन के न्यूनतम मूल्य का पुनर्निर्धारण है।
फैसले से फोरलेन परियोजना भी होगी प्रभावित:
भागलपुर-खरहरा से ढाका मोड़ के रास्ते हंसडीहा रोड भलजोर तक प्रस्तावित 63.63 किलोमीटर 133 ई फोरलेन सड़क निर्माण की योजना 2025-26 में मंजूरी के लिए प्रस्तावित है। उक्त फोरलेन परियोजना के लिए भागलपुर जिले में 2.126 हेक्टेयर तथा बांका में 16 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहित की जानी थी। कीमत ज्यादा होने की वजह से इसके टीसीएस में बदलाव का प्रस्ताव दिया गया।
इसके तहत पक्की सड़क की चौड़ाई दो से डेढ़ मीटर तक कम की गई और उपलब्ध सरकारी जमीन के अनुसार सर्विस रोड की चौड़ाई साढ़े पांच मीटर बाय साढ़े तीन मीटर की नीति अपनाई गई। नतीजतन भू अर्जन मद में लागत पर 100 करोड़ की कमी आ गई। इसे मंत्रालय ने स्वीकार कर लिया है।
भू अर्जन पर अत्यधिक लागत आने के कारण अब 30 की जगह 24 मीटर चौड़ाई में आवश्यकतानुसार जमीन अधिग्रहित किए जाने का फैसला मंत्रालय ने किया है। इससे परियोजना में प्रस्तावित पक्की सड़क की चौड़ाई पर कोई असर नहीं होगा। जमुई बाईपास को रोक कर कम लागत में नई संभावनाओं की तलाश का निर्देश प्राप्त हुआ है। - रंजीत कुमार, कार्यपालक अभियंता, एनएच प्रमंडल, बिहार शरीफ
वर्तमान सड़क की तीन मीटर ही बढ़ पाएगी चौड़ाई
नेशनल हाईवे 333 ए बरबीघा से पंजवारा तक का अधिकांश हिस्सा फिलहाल सात मीटर पक्की सड़क है। अब 24 मीटर भू अर्जन के पश्चात पक्की सड़क की चौड़ाई 10 मीटर होगी। इसके साथ पक्का किनारा भी होगा। क्षेत्रवासियों के बीच फोरलेन की उम्मीद पर पानी फिरता नजर आ रहा है।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।