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    पर्यावरण को बढ़ावा देने के लिए लगाएं बगीचा

    जमुई। पेशे से सरकारी शिक्षक कोराने गांव निवासी हरि कुमार उर्फ अरिसुदन शर्मा अपने परती जमीन में बागवानी कर लोगों को पर्यावरण के प्रति प्रेरित कर रहे हैं।

    By JagranEdited By: Updated: Tue, 01 Dec 2020 07:08 PM (IST)
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    पर्यावरण को बढ़ावा देने के लिए लगाएं बगीचा

    जमुई। पेशे से सरकारी शिक्षक कोराने गांव निवासी हरि कुमार उर्फ अरिसुदन शर्मा अपने परती जमीन में बागवानी कर लोगों को पर्यावरण के प्रति प्रेरित कर रहे हैं। सरकारी स्कूल में शिक्षक होने के बावजूद हरि समय निकाल कर अपनी जमीन पर आम सहित अन्य प्रजातियों के पौधे लगा एक मिसाल कायम की है।

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    शिक्षक अरिसुदन बताते हैं कि जब भी वह देवघर जाते थे तो पत्नी अनुपमा उन्हें एक पौधा खरीद कर घर लाने के लिए जरूर कहती थी। पत्नी की बात मानकर पौधा लाने लगे। उस पौधे को घर के सामने लगा देते थे। इसी बीच उनके मन में इच्छा जगी कि क्यों न एक एक बगीचा लगाया जाए। जिसके बाद हरि ने बगीचा लगाने की ठानी और अपने घर के सामने खाली पड़े तीन एकड़ जमीन में बांस का घेरा बना कम लागत के साथ 500 आम के पौधे लगाए और उसकी देखभाल में जुट गए। सुबह और स्कूल से लौटने के बाद शाम से देर रात तक पौधों की सेवा में जुटे रहते। उनकी मेहनत रंग लाई और आम के पौधे लहलहाने लगे। इस वर्ष उनके बगीचे में लगभग पांच क्विंटल आम का उत्पादन हुआ। इसे अपने सगे-संबंधियों और मित्रों के बीच बांटकर उनसे भी पर्यावरण को बढ़ावा देने के लिए पौधा लगाने की अपील की। हरि के बगीचे की खासियत यह है कि उसके बगीचे में खाद का इस्तेमाल नहीं होता है। जैविक खाद और गोबर ही आम के पौधों में डाला जाता है। हरि ने बताया कि आज उनके बगीचे में लगभग 500 आम के पेड़, एक सौ महोगनी, एक सौ मलेशिया साल, लीची, कटहल, नींबू, अनार, पपीता, जामुन, अमरूद तैयार होकर फल देने लगे हैं। उन्होंने बताया कि इस काम में उन्हें जिला कृषि पुरस्कार से सम्मानित किसान देवनंदन सिंह का भरपूर सहयोग और प्रशिक्षण मिला। जिनके दम पर आज उनका बगीचा लहलहा रहा है। हरि के इस मुहिम में उनकी पत्नी अनुपमा और बेटी अकचिता ने भी भरपूर सहयोग किया। जब भी पत्नी और बेटी को समय मिलता पर्यावरण जागरुकता की इस मुहिम में हरि का भरपूर साथ देती है। हरि कहते हैं कि पहले तो आसपास के लोग उनका मजाक उड़ते थे, लेकिन अब वही उनके इस कार्य की प्रशंसा कर रहे हैं। इतना ही नहीं, हरि के बगीचे को देखकर गांव के कई लोग बगीचा लगा रहे हैं। हरि ने बताया कि वह आने वाले समय में भी लोगों को पर्यावरण के प्रति प्रेरित करने को लेकर पौधारोपण अभियान जारी रखेंगे। हरि के पर्यावरण के प्रति प्रेम की चर्चा इलाके में लोगों के जुबान पर है।

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    हरि के बगीचे में पतरज से लेकर मरीच तक के पौधे

    उनके बगीचे में सिर्फ आम ही नहीं, बल्कि बड़े पैमाने पर सब्जी और मसाले की खेती हो रही है। आम के बगीचे से अलग इस सीजन में अलग से एक बगीचा लगाया है, जिसमें सभी प्रकार की सब्जियां और मसाले की भी खेती हो रही है। हरिसुदन ने बताया कि उनके बगीचे में आलू, बैंगन, फूलगोभी, लहसुन, प्याज, करेली, टमाटर, धनिया सहित इलायची, गर्म मसाला, अंजीर, लॉन्ग कपूर, चेरी, जीरा, मरीच पतरज, केला, शरीफा, बेल, सुपारी नारियल की भी खेती की जा रही है ताकि कोई भी सामान बाजार से खरीदने की जरूरत न पड़े। उन्होंने सभी लोगों से अपील की कि वे इस तरह का बगीचा जरूर लगाएं ताकि बाजार से सब्जी और मसाले खरीदने की जरूरत न पड़े। उन्होंने बताया कि इस तरह का बगीचा लगाकर अन्य लोग भी अपने पैसे की बचत कर सकते हैं और उन्हें शुद्ध रूप से सब्जी और मसाले मिल सकेंगे।