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    Bridge Collapse: बिहार में पुल धंसा, दो दर्जन गांव प्रभावित; ग्रामीणों ने नीतीश सरकार पर लगाए ये गंभीर आरोप

    By Sanjay Kumar SinghEdited By: Monu Kumar Jha
    Updated: Sat, 23 Sep 2023 10:59 AM (IST)

    Bihar जमुई में बारिश के बाद एक और पुल धंस गया। जिससे सरकार(Nitish Kumar) और प्रशासन पर गंभीर सवाल खड़े हो गए। पुल धंसने से आवागमन की समस्या प्रभावित हो गई। दो दर्जन गांव के लोग प्रभावित हो गए। ग्रामीणों के विरोध को अनसुना कर दिया गया। इसके लिए आंदोलन भी चला लेकिन ये आवाज नक्कारखाने की तूती बनकर रह गई थी। पुल टूटने के बाद लोगों की भीड़ लग गई।

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    बिहार में नीतीश सरकार का एक और पुल धंसा

    संवाद सहयोगी, जमुई (Bihar Bridge Collapse): जमुई के सोनो में वर्षा के बाद बरनार कजवे क्षतिग्रस्त हो गया है। इस पुल के दस पिलर दब गए हैं। लिहाजा, पुल एक ओर झुक गई है। प्रशासन ने बेरिकेटिंग लगाकर आवागमन पर रोक लगा दी है। जिले में बीते दो दिनों से लगातार जोरदार वर्षा हो रही थी।

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    बरनार नदी में बाढ़ आई और पानी के तेज बहाव से इसके दस पिलर दब गए। बरनार नदी कजवे के क्षतिग्रस्त होने से प्रखंड मुख्यालय का पश्चिम क्षेत्र संपर्क टूट गया है। पुल की इस दुर्दशा होने के पीछे ग्रामीण कई और कारण भी बताते हैं।

    बालू उठाव में मनमानी पर जिम्मेदारों की चुप्पी बनी आफत

    ग्रामीण कामदेव सिंह, बमबम राय, निरंजन सिंह, निरंजन वर्णवाल, एकरामुक हक, ओमकार शर्मा बताते हैं कि बालू उठाव में संवेदकों की मनमानी पर जिम्मेदारों की चुप्पी ग्रामीणों के लिए आफत बनकर सामने आ गई है। पहले भी बाढ़ आता था लेकिन पुल को कुछ नहीं हुआ।

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    इस साल पुल के पिलर के पास से भी बालू का उठाव किया गया। ग्रामीणों के विरोध को अनसुना कर दिया गया। इसके लिए आंदोलन भी चला लेकिन ये आवाज नक्कारखाने की तूती बनकर रह गई थी।

    डेढ़ लाख से अधिक की आबादी और दो दर्जन गांव प्रभावित

    पुल के क्षतिग्रस्त(Bihar Bridge Collapse) होने से दो दर्जन से अधिक गांव और डेढ़ लाख से अधिक की आबादी का संपर्क टूट गया। अब इन गावों के लोगों को लगभग 15 किलोमीटर घूमकर प्रखंड मुख्यालय पहुंचना होगा।

    लोगों की लगी रही भीड़

    पुल क्षतिग्रस्त(Bihar Bridge Collapse) होने की सूचना पर ग्रामीणों की भीड़ पुल के पास लग गई। लोग तरह-तरह की बात कर रहे थे और इसके लिए जिम्मेदारों को कोस भी रहे थे। बताया कि वक्त पर अगर सतर्कता बरती जाती तो यह दिन नहीं देखना पड़ता।

    ग्रामीणों की बहुत वर्षों की मांग के बाद वर्ष 2010 में यह पुल बनाया गया था। अब आगे कब बनेगा कहा नहीं जा सकता है। ग्रामीणों के लिए बहुत बड़ी परेशानी खड़ी हो गई है। नदी के पार रहने वाले किसानों को भी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ेगा।

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    बैरिकेट लगा आवागमन किया गया बंद

    जानकारी मिलने पर अंचलाधिकारी राजेश कुमार, थानाध्यक्ष चितरंजन कुमार, एसआई विपिन कुमार पुलिस जवानों के साथ पुल पर पहुंचे। क्षतिग्रस्त काजवे का मुआयना किया और एहतियातन सोनो व चुरहेत के ग्रामीणों की सहायता से दोनों ओर से बेरिकेटिंग कर पुल पर परिचालन पूरी तरह बंद कर कर दिया गया।