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    पंचायत चुनाव में आचार संहिता पालन के ये हैं नियम

    By Edited By:
    Updated: Sat, 23 Apr 2016 12:30 AM (IST)

    जमुई। * किसी भी प्रत्याशी को जाति, धर्म या संप्रदाय की भावनाओं को ठेस पहुचाने, तनाव पैदा करने वाल

    जमुई।

    * किसी भी प्रत्याशी को जाति, धर्म या संप्रदाय की भावनाओं को ठेस पहुचाने, तनाव पैदा करने वाला काम नही करना है

    * मत प्राप्त करने के लिए धार्मिक, साम्प्रदायिक, जातीय या भाषायी भावनाओं का सहारा नहीं लिया जाना चाहिए।

    * पूजा स्थलों, मंदिर, मस्जिद, गुरूदारा या चर्च का निर्वाचन के लिए उपयोग नहीं करना है।

    * चुनाव के दौरान किसी प्रत्याशी के व्यक्तिगत जीवन के ऐसे पहलुओं की अलोचना नहीं की जानी चाहिए, जिनका संबंध उनके सार्वजनिक जीवन न हों ।

    * बिहार पंचायत राज्य अधिनियम 2006 के तहत सभी पोस्टर, इश्तेहार, पंपलेट या परिपत्र पर मुद्रक, प्रकाशक का नाम के साथ प्रतियों का विवरण अनिवार्य है।

    * किसी प्रत्याशी के निर्वाचन की संभावना पर प्रतिकुल प्रभाव डालने के लिए उस के व्यक्तिगत आचरण या चरित्र या प्रत्याशी के संबंध में ऐसे कथन या समाचार पत्र का प्रकाशन कराना जो मिथ्या हो या जिसके सत होने का विश्वास ना हो कानून अपराध है।

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    * किसी प्रत्याशी के चुनाव सभा में गड़बड़ी करना या विघ्न डालना पूर्णत: प्रतिबंधित है।

    * मतदाताओं को रिश्वत या किसी प्रकार का पारितोषिक देना।

    * मतदान केन्द्र के अन्दर 100 मीटर के अन्दर किसी प्रकार का चुनाव प्रचार करना या मत मांगना।

    . मतदाताओं को मतदान केन्द्र तक लाने या ले जाने के लिए वहनों को उपयोग करना

    . मतदान,मतगणना केन्द्र में या उस के आस पास आपत्तिजनक या विश्रृखल आचरण करना या फिर अधिकारियों के कार्य में बाधा डालना या फिर उन से अभद्र व्यवहार करना

    . मतदाताओं का प्रति रूपण करना अर्थात अपने पक्ष में गलत नाम से मतदान कराने का प्रयाश करना आचार संहिता का उल्लंधन माना जाएगा।