Arwal News: अरवल सब्जियों के पौधों का वितरण शुरू, आलू बीज पर क्या है अपडेट?
अरवल जिले में किसान आलू की बुआई की तैयारी में जुटे हैं। उन्हें उम्मीद है कि इस बार आलू और अन्य सब्जियों की अच्छी पैदावार होगी। किसानों का कहना है कि उन्हें आलू की खेती के लिए सरकारी मदद नहीं मिलती और कोल्ड स्टोर की कमी के कारण कम दाम पर आलू बेचना पड़ता है। उद्यान विभाग ने किसानों के बीच टमाटर और शिमला मिर्च के पौधों का वितरण किया है।

सब्जियों के पौधों का वितरण शुरू
जागरण संवाददाता, अरवल। किसान आलू बुआई के लिए खेतों को तैयार करने में जुट गए हैं। खेत में लगी मक्का, बरसाती सब्जी आदि फसलों को खाली किया जा रहा है।
जिले के 2 हजार हेक्टेयर में आलू की खेती किसान करते हैं। मौसम सही रहने के कारण किसानों को उम्मीद है इस बार आलू के अलावा टमाटर, लौकी, नेनुआ समेत अन्य सभी सब्जी की फसल अच्छी रहेगी।
मक्का व हरे चारे से खाली खेतों की जुताई कर गोबर खाद डाला जा रहा है।सदर प्रखण्ड के किसान रामबाबू सिंह, परमेश्वर सिंह, सोनू कुमार ने कहा कि आलू उत्पादक किसानों को कृषि विभाग से कोई भी सुविधा नहीं मिलती है।
जिस कारण अपने दम पर आलू की खेती करनी पड़ती है।कम दाम पर आलू बेचना यहां के किसानों की मजबूरी है। एक भी कोल्ड स्टोर उपलब्ध नहीं है।
अन्य जिलों में कृषि विभाग की तरफ से आलू का बीज सब्सिडी पर उपलब्ध कराया जाता है लेकिन यहां 1200 से 1500 रुपए प्रति क्विंटल तक बीज खरीद करना पड़ता है।
टमाटर और शिमला मिर्च के पौधों का हुआ वितरण
उद्यान विभाग की तरफ से टमाटर का 4000 और शिमला मिर्च का 6000 पौधा का वितरण 11 किसानों के बीच हुआ है, जिसमें कुर्था प्रखंड के निघमा, सिकरिया और लारी के किसान शामिल हैं।
उद्यान विभाग के अनुसार फूलगोभी के 4 हजार, बंदागोभी के 4 हजार और ब्रोकली के 4 हजार पौधा नालंदा जिला के चंडी नर्सरी में तैयार हो रहा है। जल्द ही किसानों के बीच वितरण किया जाएगा।
क्या कहते हैं पदाधिकारी
आलू उत्पादक किसानों के लिए विभाग से बीज नहीं आता है। केवल पांच प्रकार की सब्जी का पौधा किसानों को वितरण करना है । सब्जी का एक पौधा 3 रुपया में आता है। जिस पर किसानों को 75 प्रतिशत अनुदान मिलता है। एक किसान को कम से कम 1000 पौधा लगाना होता है। -राहुल रंजन, जिला उद्यान पदाधिकारी
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