Arwal News: बिना रजिस्ट्रेशन के चल रहे सैकड़ों कोचिंग संस्थान, शिक्षा विभाग जल्द लेगा एक्शन
अरवल में बिना रजिस्ट्रेशन के सैकड़ों कोचिंग सेंटर चल रहे हैं। शिक्षा विभाग के पास किसी भी कोचिंग संस्थान का रिकॉर्ड नहीं है। शहर से गांव तक कोचिंग का कारोबार खूब फलफूल रहा है। जिला कार्यक्रम पदाधिकारी का कहना है कि कोचिंग संस्थानों का निबंधन कराने के लिए कहा गया था लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। अब बिना रजिस्ट्रेशन वाले संस्थानों पर कार्रवाई होगी।
जागरण संवाददाता, अरवल। जिले में सैकड़ों कोचिंग सेंटर खुले हैं, जो बिना रजिस्ट्रेशन के संचालित हैं। एक भी कोचिंग संस्थान का शिक्षा विभाग से रजिस्ट्रेशन नहीं है। शहर से लेकर गांव तक यह धंधा खूब फल-फूल रहा है।
जिला मुख्यालय में ही तीन दर्जन कोचिंग संस्थान बिना रजिस्ट्रेशन के संचालित हैं। एक बैच में सैकड़ों छात्र-छात्राओं को एक साथ पढ़ाया जाता है। शिक्षा विभाग कार्यालय के आसपास भी कोचिंग संस्थान खुले हैं।
संचालकों पर होगी कार्रवाई
अब ऐसे संचालकों पर कार्रवाई शुरू होगी। जिला कार्यक्रम पदाधिकारी सर्व शिक्षा नीरज कुमार ने बताया कि जिले में एक भी कोचिंग संस्थान का निबंधन नहीं हुआ है।
विभाग द्वारा पिछले साल ही कोचिंग संस्थान चलाने वाले संचालकों को निबंधन कराने के लिए कहा गया था, लेकिन एक भी संचालक निबंधन कराने नहीं पहुंचे। कोचिंग संस्थानों की जांच कराकर निबंधन नहीं करवाने वाले संचालकों पर अब कार्रवाई की जाएगी।
इधर, कोचिंग संचालकों का कहना था कि कई सरकारी अधिकारी, शिक्षक एवं कर्मियों के बच्चे भी कोचिंग में पढ़ाई करते हैं। लेकिन किसी अधिकारी ने कोचिंग संस्थान के रजिस्ट्रेशन की बात नहीं कही।
शिक्षा विभाग के किसी भी अधिकारी ने कभी संस्थान की जांच नहीं की और ना ही कोई निर्देश दिया। दो साल पहले कोचिंग के रजिस्ट्रेशन करने की बात सामने आई थी, लेकिन रजिस्ट्रेशन के लिए ऐसे मानक बनाए गए थे कि कोई भी कोचिंग पूरा नहीं कर पाया, जिससे रजिस्ट्रेशन नहीं हो सका।
शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जिले में कितने कोचिंग का संचालन हो रहा है और किस स्थिति में हो रहा है, इसकी जानकारी नहीं है। जांच कराकर इनमें छात्रों के नामांकन, शिक्षण कार्य, संसाधन, शिक्षण शुल्क की जानकारी ली जाएगी।
विद्यालयों में नियमित उपस्थिति का नियम बेअसर
जिले के विद्यालयों में पहले की अपेक्षा शैक्षणिक माहौल बेहतर हुआ है। शिक्षा विभाग ने विद्यालयों में छात्रों की नियमित उपस्थिति का प्रावधान बनाया है। शिक्षकों की नियुक्ति हुई है। लेकिन कोचिंग का संचालन पहले की तरह ही हो रहा है।
कोचिंग संस्थानों में हाई स्कूल एवं प्लस टू स्कूल में पढ़ने वाले अधिकतर छात्र नामांकन कराकर पढ़ाई कर रहे हैं। ऐसे में विद्यालयों में छात्रों की नियमित उपस्थिति कैसे दर्ज होती होगी, यह सोचने वाली बात है।
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