Bihar Government: 10 हजार पाने वाली 80% महिलाओं ने शुरू किया स्टार्टअप, कब मिलेगी अगली किस्त?
जहानाबाद में एक उल्लेखनीय प्रवृत्ति देखी गई है जहां 10 हजार रुपये कमाने वाली 80 प्रतिशत महिलाओं ने अपना स्टार्टअप शुरू किया है। यह दर्शाता है कि कैसे ...और पढ़ें

राकेश कुमार, जहानाबाद। मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना (Mukhyamantri Mahila Rojgar Yojana) के तहत जिले की एक लाख 71 हजार जीविका दीदियों के बैंक खातों में 10-10 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि भेजी गई थी, जिसमें 80 प्रतिशत महिलाओं ने अपना स्टार्टअप शुरू कर दिया है।
महिलाओं ने पूंजी निवेश कर किराना व सब्जी दुकान, चाय-नाश्ते का स्टॉल, सिलाई-कढ़ाई केंद्र, ब्यूटी पार्लर, अगरबत्ती निर्माण, मशरूम उत्पादन, अंडा दुकान जैसे उद्यम शुरू किए हैं। इसके लिए 30 प्रतिशत महिलाओं ने प्रोत्साहन राशि के अलावा स्वयं सहायता समूहों से ऋण भी लिया है।
मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना का उद्देश्य महिलाओं को स्वरोजगार शुरू करने के लिए प्रारंभिक पूंजी उपलब्ध कराना था, ताकि वे अपने पैरों पर खड़ी हो सकें और परिवार की आय में योगदान दे सकें। छह माह बाद जीविका ग्राम समूह महिलाओं के स्टार्टअप का अवलोकन करेगी, उसके बाद जरूरत के हिसाब से आगे भी प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
सरकार की ओर से दो लाख रुपये तक की अतिरिक्त सहायता देने की योजना है। महिलाओं को दुकान संचालन, सिलाई-कढ़ाई, पार्लर, लघु उद्योग और अन्य उद्यमों से संबंधित प्रशिक्षण भी दिया गया है, जिससे वे अपने व्यवसाय को पेशेवर तरीके से चला सकें।
जीविका के जिला परियोजना प्रबंधक विनय कुमार सिंह ने बताया कि जीविका ग्राम संगठन के माध्यम से छह माह के बाद महिलाओं द्वारा शुरू किए गए स्टार्टअप का निरीक्षण किया जाएगा। इस निरीक्षण में संबंधित विभागों के अधिकारी भी शामिल होंगे।
निरीक्षण का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना होगा कि महिलाओं द्वारा शुरू किए गए रोजगार कितने सफल हैं और उन्हें आगे बढ़ाने के लिए किस प्रकार की अतिरिक्त सहायता की आवश्यकता है।
निरीक्षण के बाद सरकार की ओर से महिलाओं को आगे बढ़ाने के लिए दो लाख रुपये तक की अतिरिक्त सहायता देने की योजना है। यह सहायता व्यवसाय के विस्तार, संसाधनों की खरीद,कच्चे माल की उपलब्धता और बाजार से जुड़ाव के लिए दी जाएगी।
निरीक्षण में स्टार्टअप नहीं मिलने पर अगली किस्त से हो जाएंगी वंचित
मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के तहत आगे आगे की राशि के लिए स्टार्टअप का शुरू होना जरूरी है। जीविका समूह के साथ-साथ विभाग के अधिकारी के निरीक्षण में जिनका स्टार्टअप नहीं रहेगा उन्हें अगली किस्त की राशि नहीं दी जाएगी। स्टार्टअप शुरू करने के लिए छह माह का समय दिया गया है।
महिलाओं को विभिन्न प्रकार के स्टार्टअप के प्रति प्रेरित करते हुए आवश्यक जानकारी भी विभाग द्वारा उपलब्ध कराई जा रही है। छह माह बाद यह स्पष्ट होगा कि महिलाओं को रोजगार से जोड़ने की यह सरकारी योजना जमीन पर कितनी सफल हुई है।

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