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    Snake Bite: मानसून में बढ़ रही सांपों के काटने की घटना, ऐसे बरतें सावधानियां

    Updated: Sun, 13 Jul 2025 04:28 PM (IST)

    उमस और खेतों की सफाई के कारण सांप बिलों से निकलकर गांवों में आ रहे हैं जिससे सांप काटने की घटनाएं बढ़ रही हैं। जुलाई में सदर अस्पताल में दस मामले दर्ज हुए। विशेषज्ञ बताते हैं कि यह सांपों का प्रजनन काल है इसलिए वे अधिक आक्रामक हैं। कोबरा और करैत जैसे जहरीले सांप खतरनाक हैं इसलिए अंधेरे में चलने और सोते समय सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है।

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    प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर। (जागरण)

    जागरण संवाददाता, अरवल। उमस भरी गर्मी और खेतों की साफ-सफाई के साथ बिलों में पानी भर जाने के बाद सांप सुरक्षित ठिकाने की तलाश में मैदान छोड़कर गांव की तरफ आ गए हैं।

    उनके संपर्क में जो भी आ रहा है उसे डंसने से नहीं चूक रहे हैं। सदर अस्पताल प्रबंधक ने बताया कि जुलाई महीने अबतक 10 लोगों को सांप काटने की शिकायत लेकर सदर अस्पताल में पहुंचे सभी लोग उपचार के बाद ठीक हुए।

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    अस्पताल में सांप के काटने पर बचाव के लिए दवा उपलब्ध है। जंतु विज्ञान के अवकाश प्राप्त प्रो. राजीव रंजन ने बताया कि आषाढ़-सावन सांप के प्रजनन का समय भी होता है।

    वहीं, बिलों में पानी भरने से सांप और भी आक्रामक हो जाते हैं। इंसान या जानवर का संपर्क होते ही वे डंस लेते है। इस क्षेत्र में कोबरा और करैत यहां पाए जाने वाले विषैले सांपों में सबसे ज्यादा है। यह सांप सबसे अधिक खतरनाक होते हैं। अगर समय पर इलाज न मिले तो मरीज की जान जा सकती है।

    ऐसे करें बचाव

    • अंधेरे में कतई कदम न रखें न हाथ डालें।
    • नंगे पैर झाड़ी या घास में न जाएं।
    • काफी दिनों से रखी बोरी, लकड़ी आदि को हटाते समय सजग रहें।
    • खेत में जाने से पहले जूते पहनें और रात में टार्च लेकर निकलें।
    • घर में कुछ ढूंढते समय नजर केंद्रित रखें, बरसात में जमीन पर न सोएं।

    क्या कहते हैं चिकित्सक

    कुछ सांपों के काटने के स्थान पर निशान काफी हल्के होते हैं। देखने से पता नहीं चलता कि सांप ने डसा है अथवा नहीं। ऐसे में लक्षण देखकर इसका पता लगाया जाता है। दंश स्थान पर तीव्र जलन, तंद्रा, अवसाद, मिचली, वमन, अनैच्छिक मल-मूत्र-त्याग, अंगघात, पलकों का गिरना, किसी वस्तु का एक स्थान पर दो दिखाई देना और पुतलियों का विस्फारित होना प्रमुख लक्षण हैं। अंतिम अवस्था में बेहोशी तथा मांसपेशियों में ऐंठन शुरू हो जाती है। - डॉ. पंकज कुमार, चिकित्सा पदाधिकारी सदर अस्पताल