मगध में NDA के वोट बैंक में लगेगी सेंध? जहानाबाद से राजद ने इस नेता को बनाया प्रत्याशी
जहानाबाद सीट पर राजद ने राहुल शर्मा को अपना उम्मीदवार घोषित किया है, जिससे राजनीतिक समीकरण बदल गए हैं। पहली बार राजद ने किसी सवर्ण को टिकट दिया है, जबकि पूर्व में यदुवंशी उम्मीदवार उतारे जाते थे। राहुल शर्मा के आने से एनडीए के वोटों को साधने की कोशिश की जा रही है। मुकाबला त्रिकोणीय होने की संभावना है।

जहानाबाद से राहुल शर्मा को राजद का टिकट
जागरण संवाददाता, जहानाबाद। जहानाबाद सीट पर राजद प्रत्याशी के चयन को लेकर चल रही उठापटक शुक्रवार को समाप्त हो गई। राजद ने यहां से राहुल शर्मा को अपना सिंबल दे दिया। यह पहला मौका है, जब जहानाबाद जिले से राजद ने सवर्ण को अपना उम्मीदवार बनाया है, वह भी मौजूदा विधायक सुदय यादव का टिकट काटकर।
यह राजद की बड़ी चुनावी रणनीति है। 1990 से जहानाबाद सीट पर राजद का लगातार कब्जा रहा है और यदुवंशी को चुनाव मैदान में उतरा जाता रहा है। राहुल शर्मा 20 अक्टूबर को जहानाबाद से अपना नामांकन करेंगे।
इनके सामने जदयू प्रत्याशी पूर्व सांसद चंदेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी और जन सुराज पार्टी के अभिराम शर्मा होंगे। मखदुमपुर आरक्षित सीट से राजद ने सूबेदार दास को अपना प्रत्याशी बनाया है। इनका मुकाबला जहानाबाद जिला परिषद अध्यक्ष लोजपा प्रत्याशी रानी कुमारी और जन सुराज पार्टी के शंकर स्वरूप से होगा।
घोसी सीट से भाकपा माले के रामबली यादव चुनावी मैदान में हैं, जिनके सामने जदयू के पूर्व सांसद अरूण कुमार के पुत्र ऋतुराज कुमार और जन सुराज पार्टी से प्रभात कुमार होंगे। मुख्य मुकाबला एनडीए व महागठबंधन के बीच होने की संभावना है, जन सुराज पार्टी की एंट्री से मुकाबला त्रिकोणीय हो सकता है।
राजनीतिक पृष्ठभूमि से हैं राहुल
राहुल शर्मा जहानाबाद के पूर्व सांसद जगदीश शर्मा के पुत्र हैं और घोसी विधानसभा के पूर्व विधायक हैं। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव व नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने राहुल शर्मा को अपना उम्मीदवार बनाकर पूरे मगध में एनडीए के वोट को साधने की सियासी चाल चली है।
मगध में पूर्व सांसद जगदीश शर्मा का प्रभाव माना जाता है, जिसका फायदा राजद को मिलने की उम्मीद है। राहुल शर्मा का परिवार लंबे समय से राजनीति से जुड़ा रहा है। पिता जगदीश शर्मा 1977 से 2009 तक घोसी विधानसभा क्षेत्र से आठ बार विधायक रहे।
वर्ष 2009 में जदयू से सांसद चुने गए, जिसके बाद हुए उपचुनाव में उनकी पत्नी शांति शर्मा निर्दलीय विधायक बनीं। राहुल शर्मा 2010 से 2015 तक घोसी से जदयू विधायक रह चुके हैं। कुछ दिन पहले ही राहुल शर्मा ने राजद का दामन थामा था।
घोसी सीट से दावेदारी थी, किंतु बात नहीं बनी, मौजूदा विधायक भाकपा माले के रामबली यादव को सीट मिल गया। तब तेजस्वी यादव ने जहानाबाद सीट से राहुल शर्मा को टिकट दिया।
राहुल की दावेदारी से बने नए समीकरण
राहुल शर्मा को टिकट मिलने के बाद जहानाबाद की राजनीति में नए समीकरण बनने शुरू हो गए हैं। राजद के इस फैसले के बाद अब देखना दिलचस्प होगा कि राहुल शर्मा अपने पिता की विरासत को कितना आगे ले जा पाते हैं और राजद को इस सीट पर जीत दिला पाते हैं या नहीं।
अब सभी की नजरें इस सीट पर होने वाले चुनाव पर टिकी हुई हैं। जहानाबाद सीट पर यदुवंशी और भूमिहार वोटों का प्रभाव है। यदुवंशी वोट बैंक राजद के साथ माना जाता है, भूमिहार वोट एनडीए की ओर झुकाव रखते हैं।
राहुल शर्मा के मैदान में आने से दोनों वोट के गठजोड़ की संभावना है, जिसे तोड़ना एनडीए प्रत्याशी चंदेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी के लिए बड़ी चुनौती होगी। वोटों का बंटवारा रोकने में सुशासन, शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, परिवहन, मुफ्त बिजली, हर परिवार को दस हजार जैसे मुद्दे चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव में जहानाबाद सीट राजद की झोली में गई थी। सुदय यादव ने जदयू प्रत्याशी कृष्णनंदन वर्मा को 33 हजार 902 मतों से शिकस्त दी थी। तब लोजपा की इंदु कश्यप ने मैदान में उतर कर जदूय प्रत्याशी का खेल बिगाड़ दिया था।
लोजपा प्रत्याशी को 24 हजार 176 मत मिले थे। अबकी जन सुराज के आने से राजद व जदयू दोनों का खेल बिगड़ता दिख रहा है।
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