जहानाबाद में बंदी की मौत, एनएच पर किया आवागमन बाधित, मुआवजा व घटना की उच्च स्तरीय जांच की मांग
अरवल के प्रमोद चौधरी की जहानाबाद जेल में मौत के बाद परिजनों और ग्रामीणों ने पटना-औरंगाबाद एनएच 139 को जाम कर दिया। वे मुआवजे और उच्च स्तरीय जांच की मांग कर रहे थे। उनका आरोप है कि पुलिस की पिटाई से मौत हुई। पुलिस ने समझा कर मामला शांत कराया। मृतक को शराब के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।

जागरण संवाददाता, अरवल(जहानाबाद)। जहानाबाद के काको मंडल कारा में बंद अरवल जिले के मदन जी टोला निवासी प्रमोद चौधरी की कल गुरुवार को हुई मौत से आक्रोशित स्वजन व ग्रामीणों ने शुक्रवार की सुबह छह बजे से सात बजे तक पटना-औरंगाबाद एनएच 139 पर यातायात बाधित कर दिया।
लोग पीड़ित परिवार को मुआवजा देने व बंदी की मौत की उच्च स्तरीय जांच करने की मांग कर रहे थे। स्वजन का कहना था कि 8 सितंबर को शराब पीने के आरोप में अरवल उत्पाद विभाग की पुलिस प्रमोद चौधरी को पकड़ कर ले गई थी गिरफ्तारी के बाद वक्त वह पूरी तरह स्वस्थ था।
तीन दिनों बाद 11 सितंबर को अचानक उसकी तबीयत खराब होने और अस्पताल में इलाज के दौरान मौत होने की सूचना मिली। स्वजन ने आरोप लगाया कि पुलिस व जेल प्रशासन की पिटाई से उसकी मौत हुई है। सड़क जाम की सूचना पर सदर थाने की पुलिस पहुंची और लोगों को समझा कर मामला शांत कराया।
जाम की सूचना पर अरवल विधायक महानंद सिंह भी आए थे। मदनजी टोला के पास शव रखकर करीब एक घंटे तक एनएच पर आवागमन बाधित किया गया, जिस कारण पटना व औरंगाबाद की तरफ से आने जाने वाली गाड़ियां जाम में फंसी रही। जाम में फंसे लोग परेशान रहे।
गुरुवार को भी बंदी की मौत की सूचना पर जहानाबाद सदर अस्पताल पहुंचे स्वजन व ग्रामीणों ने सदर अस्पताल में जमकर हंगामा किया था। पुलिस से भी नोकझोंक की थी। अरवल उत्पाद अधीक्षक का कहना था कि 13 लीटर देसी शराब के साथ उसे गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। प्रमोद चौधरी के परिवार में पत्नी के अलावा तीन छोटे-छोटे बच्चे हैं, जो उनकी मौत से गहरे सदमे में हैं।
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