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    Jahanabad News: जहानाबाद में 262 लोगों को अरेस्ट करने की तैयारी, जारी हुआ बॉडी वारंट; केवल एक गलती पड़ गई भारी

    By Dheeraj kumarEdited By: Mukul Kumar
    Updated: Mon, 03 Feb 2025 04:12 PM (IST)

    जहानाबाद जिले में 7620 लोगों ने बैंकों का 1.31 अरब रुपये डकार रखा है। बकाया वसूली के लिए राजस्व विभाग ने सख्त रुख अपनाया है। 600 लोगों को नोटिस जारी क ...और पढ़ें

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    प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर

    जागरण संवाददाता, जहानाबाद। बिहार के जहानाबाद जिले में 7620 लोग बैंक का एक अरब 31 करोड़ रुपये डकार कर बैठे हैं।

    बकायेदारों से वसूली को लेकर राजस्व विभाग ने अब सख्त रूख अख्तियार कर लिया है। बैंक, एसएफसी, खनन सहित अन्य विभागों से पैसा लेकर ससमय जमा नहीं करने वाले डिफाल्टर के विरुद्ध नोटिस जारी किया जा रहा है।

    अब तक 600 लोगों को नोटिस थमाया गया है। नोटिस का तामिला विभिन्न विभागों द्वारा किया गया है। 262 लोगों के विरुद्ध बॉडी वारंट जारी किया गया है।

    नोटिस मिलने पर 16 लोग सामने आए और संबंधित विभाग से मिलकर अपने बकाया को किस्त के रूप में जमा करने के लिए सहमति पत्र जारी किया है।

    बॉडी वारंट जारी होने पर बकायेदारों को ऋण समेत ब्याज का पैसा भी जमा करना होता है। इसके अलावा उनकी गिरफ्तारी में जो खर्च होता है उसका भी वहन ऋणी को ही करना होता है।

    40 प्रतिशत राशि जमा करने और शेष राशि किस्त के रूप मेंं चुकता करने पर ऋणी को छोड़ने का प्राविधान है। हालांकि यह नीलाम पत्र पदाधिकारी के ऊपर निर्भर है।

    बकायेदारों के स्टेटस को देख कर ही इस तरह की छूट दी जाती है। जिला प्रशासन द्वारा वारंट सप्ताह भी चलाया जा रहा है। विभिन्न प्रखंडों के अलावा सुदूरवर्ती गांवों में प्रचार प्रसार किया जा रहा है ताकि बकायेदार पैसा जमा कर दें।

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    जिले में सबसे अधिक बकाया खनन विभाग का

    • जिले में सबसे अधिक बकाया खनन विभाग का है। विभाग का लगभग 28 करोड़ रुपया बकायेदारों ने दबा रखे हैं। एसएफसी का पैसा भी अधिकांश मिलर लेकर फरार चल रहे हैं।
    • जिले के 15 मिलर के पास लगभग 20 करोड़ रुपये बकाया है।
    • इन मिलरों को 2012-13 एवं वर्ष 2014 में लगभग नौ करोड़ रुपये का धान चावल बनाने के लिए दिया गया था। मिलराें ने न चावल जमा किया और ना ही पैसा।

    कब जारी होता है बॉडी वारंट

    बकायेदारों को पैसा जमा करने के लिए नोटिस दिया जाता है। नोटिस मिलने के 30 दिन तक ऋणियों को पैसा जमा करने का समय दिया जाता है।

    समय समाप्त होने पर उनके विरुद्ध बाडी वारंट जारी कर दिया जाता है, जिसे पुलिस गिरफ्तार कर संबंधित विभाग को सौंप देती है।

    पैसा जमा नहीं करने पर जेल भेज दिया जाता है। जेल से तब तक रिहा नहीं किया जाता जब तक ऋण की राशि जमा नहीं कर दी जाती है। जेल में जितने दिन ऋणी रहते हैं उसका भी खर्चा वसूला जाता है।

    राजस्व वसूली को लेकर विभाग सख्त है। बकायेदारों को संबंधित विभाग से मिलकर ससमय ऋण जमा कर देना चाहिए। बाडी वारंट निर्गत होने पर परेशानी का सामना करना पड़ेगा। बकायेदारों से हमारी अपील है कि विभाग का पैसा जल्द से जल्द जमा कर एनओसी प्राप्त कर लें।- शशांक राज , नोडल पदाधिकारी सह भू अर्जन पदाधिकारी, जहानाबाद

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