Kisan Credit Card: अब पशुपालकों को भी मिलेगा किसान क्रेडिट कार्ड, होंगे 3 बड़े फायदे; ऐसे करें आवेदन
पशु और मत्स्य पालन को अब कृषि का दर्जा दिया गया है जिससे किसानों को किसान क्रेडिट की सुविधा मिलेगी। इससे उन्हें कम ब्याज दर पर ऋण मिलेगा और वे अपने पशुओं और मछलियों के लिए अच्छा चारा खरीद पाएंगे। इससे उनकी आमदनी बढ़ेगी और आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। केसीसी भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक योजना है जिसका उद्देश्य किसानों को आसानी से ऋण प्रदान करना है।

जागरण संवाददाता, अरवल। Bihar News: पशु व मत्स्य पालन को भी कृषि का दर्जा दिया गया है। गव्य विकास एवं मत्स्य विभाग में अब कृषि की तर्ज पर ही पशु व मत्स्य पालन के लिए किसानों को किसान क्रेडिट की सुविधा दी जायेगी। आर्थिक तंगी की वजह से कई पशु पालक मवेशियों एवं मत्स्य पालक मछलियों के चारे को सही से चारा नहीं दे पाते हैं।
जिससे उसमें समुचित विकास नहीं होने की वजह से उन्हें कम मुनाफा हो रहा है। लेकिन अब कम ब्याज दर पर ऋण की सुविधा मिलने से पशु पालकों को अपने दुधारू पशुओं सहित अन्य पशुओं एवं मत्स्य पालकों को मछलियों के चारे के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा। इससे उसकी आमदनी बढने से उसकी आर्थिक स्थिति में बदलाव होगा। गव्य व मत्स्य प्रबंधन के लिए किसान क्रेडिट कार्ड में ऋण की राशि की बाध्यता नहीं है।
कैसे मिलेगा ऋण
- इसमें 50 हजार न्यूनतम एवं यूनिट के मुतबिक ऋण दिये जाने का प्रविधान लागू किया गया है। इसके लिए उन्हें 7 फीसदी ब्याज देना होगा।
- जो लाभार्थी समय से ऋण की राशि का भुगतान करेंगे, उन्हें ब्याज दर पर तीन फीसदी का अनुदान दिया जायेगा। ऐसे में उन्हें ऋण की राशि का चार फीसदी ब्याज ही भरना होगा।
- 90 दिनों तक ऋण की राशि जमा नहीं करने पर उसे एनपीए घोषित कर दिया जायेगा। जिनसे सख्ती से ऋण की राशि वसूल की जायेगी।
कैसे कर सकते हैं योजना के लिए आवेदन
पशु व मत्स्य पालन के क्षेत्र में किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा बिहार राज्य के ग्रामीण क्षेत्र के दुधारू मवेशी, बकरी व मत्स्य पालकों को दी जायेगी। इसके लिए पशु पालक अपना आवेदन जिला गव्य विकास कार्यालय या फिर अपने निकटतम पशु चिकित्सालय में कर सकते हैं। जबकि मत्स्य पालक अपना आवेदन जिला मत्सय कार्यालय में जमा कर सकते हैं। जहां से आवेदन उनके संबंधित बैंको को भेज दिया जायेगा। इसके बाद प्रक्रिया के तहत किसानों को इसका लाभ मिलेगा। किसानों के आय में भी सुधार होगा।
पशु व मत्स्य पालन के क्षेत्र में किसानों को किसान क्रेडिट की सुविधा मवेशियों व मछलियों के प्रबंधन के लिए दिए जायेगे। दो दुधारू पशु पर 1लाख 60 हजार और इसके आगे यूनिट के अनुसार दिया जाएगा। वहीं मछली पालन करने वाले को तालाब के क्षेत्रफल के अनुसार ऋण दिया जाएगा। जयनाथ झा ,एलडीएम
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