जहानाबाद में प्राकृतिक खेती को मिलेगा बढ़ावा... 22 कृषि सखी प्रशिक्षित, जुड़ेंगे 750 किसान
जहानाबाद में खेतों में रासायनिक खाद के उपयोग से मिट्टी की उर्वरा शक्ति तेजी से घट रही है और उत्पादन क्षमता कम हो रही है। इस पर रोकथाम और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए जहानाबाद व अरवल की 22 महिलाओं को कृषि सखी के तहत प्रशिक्षित किया गया है।

जागरण संवाददाता, जहानाबाद। खेतों में रासायनिक खाद के उपयोग से मिट्टी की उर्वरा शक्ति तेजी से घट रही है और उत्पादन क्षमता कम हो रही है। इस पर रोकथाम और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए जहानाबाद व अरवल की 22 महिलाओं को कृषि सखी के तहत प्रशिक्षित किया गया है। इनमें 12 जहानाबाद व 10 महिलाएं अरवल जिले की हैं।
कृषि विज्ञान केंद्र गंधार में आठ से 12 अगस्त तक आयोजित पांच दिवसीय प्रशिक्षण शिविर में कृषि सखियों को प्राकृतिक खेती की बारिकियों से अवगत कराया गया। इन सखियों को माध्यम से किसानों को प्राकृतिक खेती से जोड़ने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। फिलहाल 750 किसानों को जोड़कर प्राकृतिक खेती शुरू की जाएगी।
जिला कृषि पदाधिकारी संभावना ने कहा कि रासायनिक खाद के प्रयोग से मिट्टी को काफी नुकसान पहुंचा रहा है। अब वैकल्पिक व्यवस्था अपनाने की जरूरत आ गई है। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती कम लागत में बेहतर उपज देगी। मृदा विभाग के सहायक निदेशक श्वेता ने कहा कि मिट्टी को संरक्षित करना सभी का दायित्व बनता है। यदि मिट्टी को संरक्षित करने को लेकर कदम नहीं उठाए गए तो काफी नुकसान हो सकता है।
कृषि वैज्ञानिक डा वाजिद हसन ने कहा कि प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले सभी कृषि सखियों को प्राकृतिक खेती की तकनीक की जानकारी दी गई है। वे अपने इस प्रशिक्षण से अन्य किसानों को लाभान्वित करेंगी, जिससे मिट्टी की उर्वरा शक्ति बनी रहेगी और फसल की उपज भी बेहतर होगी।
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