नाबार्ड योजना के 82 नलकूप तोड़ चुके दम , 32 बंद पड़े होने से किसानों में आक्रोश
बिहार के जहानाबाद जिले में लघु सिंचाई विभाग और नाबार्ड योजना के तहत लगे 82 नलकूप खराब हो गए हैं, जिससे किसान परेशान हैं। इनमें से 10 नलकूप पूरी तरह से ...और पढ़ें

नाबार्ड योजना के 82 नलकूप तोड़ चुके दम
जागरण संवाददाता, अरवल। लघु सिंचाई विभाग और नाबार्ड योजना से जिले में 82 नलकूप खेतों में सिंचाई की बेहतर व्यवस्था के लिए लगाए गए थे। अब सरकारी नलकूप दम तोड़ चुके हैं। 10 नलकूप को विभाग ने नष्ट घोषित कर दिया है, जिसमें बोरिंग से लेकर सबकुछ खराब है।
22 नलकूप यांत्रिक खराबी के चलते बंद हैं। कई जगहों पर नलकूपों से खेतों तक पानी पहुंचाने वाली नालियां ही नही हैं। बदहाल हो चुके सरकारी नलकूपों से किसानों को खेतों में पानी नहीं मिल रहे।
नलकूप डेढ़ दशक से अधिक समय से बंद
एक तरफ सरकार हर खेत तक बिजली पहुंचा रही है ताकि किसान कम लागत में बिजली से अपनी फसलों की सिंचाई कर सकें। वहीं दूसरी ओर सिंचाई के लिए गांवों में लाखों रुपये खर्च कर लगाए गए नलकूप डेढ़ दशक से अधिक समय से बंद पड़े हैं।
किसान पंप सेट के सहारे खेती करने को मजबूर हैं। हजारों एकड़ खेतों की सिंचाई किसान अपने निजी संसाधनों से करते हैं। जिले में 50 नलकूप ही चालू हैं। बाकी नलकूप के मोटर और स्टार्टर जल गए हैं। कुछ नलकूप के मोटर बोरिंग में गिर गए हैं। कहीं बिजली नहीं है तो कहीं पानी जाने के लिए नली ही नहीं है।
पानी पहुंचाने वाली नालियां भी जीर्ण-शीर्ण दशा में
दर्जनों गांवों में स्थापित यह नलकूप यांत्रिक व तकनीकी खराबी के चलते वर्षों से बंद पड़े हैं। इन नलकूपों से खेत तक पानी पहुंचाने वाली नालियां भी जीर्ण-शीर्ण दशा में पहुंच गई है।
क्षेत्रीय किसान रामजीवन सिंह, ओमप्रकाश सिंह, लक्ष्मण सिंह, अलबेला सिंह आदि ने बताया कि सरकारी नलकूप वर्षों से खराब होने से किसानों को फसलों की सिंचाई के लिए तमाम दिक्कतें उठानी पड़ रही हैं। तमाम सरकारी नलकूपों की विद्युत आपूर्ति खराब है।
नलकूप के मेंटेनेंस के लिए राशि विभाग में आई थी, जिससे 50 नलकूप को चालू करा दिया गया है। विभाग के वरीय अधिकारी को पत्र भेजा गया है राशि आते ही सभी नलकूपों को चालू करा दिया जाएगा।- अमित रंजन, कार्यपालक अभियंता, लघु सिंचाई विभाग।

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