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    Jehanabad News: पशुओं में लंपी बीमारी का प्रकोप, पशुपालकों को इन बातों का रखना होगा ख्याल

    जहानाबाद जिले में लंपी बीमारी तेजी से फैल रही है जिससे पशुपालक चिंतित हैं। गायें इस बीमारी से ज्यादा प्रभावित हो रही हैं जिससे उनका वजन घट रहा है और वे खाना छोड़ रही हैं। पशुपालन विभाग सक्रिय है और दवाइयों की कमी नहीं है। पशुपालकों को सलाह दी गई है कि वे संक्रमित पशुओं को अलग रखें और तुरंत इलाज कराएं।

    By Rakesh Kumar Kumar Edited By: Krishna Parihar Updated: Sat, 16 Aug 2025 05:05 PM (IST)
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    पशुओं में लंपी बीमारी का प्रकोप बढ़ने से पशुपालकों की चिंता बढ़ी

    जागरण संवाददाता, जहानाबाद। जिले के विभिन्न क्षेत्रों में पशुओं में लंपी बीमारी तेजी से फैल रही है, इस बिमारी से गायें ज्यादा प्रभावित हो रही हैं, जिससे पशुपालकों की चिंताएं बढ़ती जा रही हैं।

    लंपी बीमारी के प्रकोप से पशुओं का वजन तेजी से कम होने लगता है व वे खान-पान छोड़ देती हैं। मखदुमपुर प्रखंड के सुपी निवासी शामदेव चंद्रवंशी ने कहा कि कुछ गायों की मौत इस बीमारी के कारण हो चुकी है।

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    प्रभावित पशुओं के पैरों में सूजन व शरीर पर बड़े-बड़े दाने उभरने लगते हैं। सिरपत पुर, घोसी, काको, मठिया पुर सहित अन्य क्षेत्रों में यह बीमारी तेजी से फैल रही है।

    जिला पशुपालन पदाधिकारी डॉ विनय कुमार ने कहा कि इस बीमारी के प्रति काफी सक्रिय हैं और दवाइयों की कमी नहीं हैं। चिकित्सकों की टीम गांवों में जाकर पशुओं का इलाज कर रही है।

    उन्होंने कहा कि यदि किसी पशुपालक को अपनी गायों में इस बीमारी के लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत पशु चिकित्सा विभाग को सूचितकर इलाज कराए क्योंकि यह एक संक्रामक बीमारी है, इसलिए पशुपालन विभाग ने सलाह दी कि संक्रमित पशुओं को तुरंत अन्य पशुओं से अलग रखा जाए, ताकि बीमारी का फैलाव न हो सके।

    यह रोग मक्खियों, मच्छरों के काटने व कीचड़ से फैलता है। संक्रमित पशुओं में हल्का बुखार व शरीर पर गांठें उभर आती हैं। इस बीमारी से ग्रसित पशुओं की मृत्यु दर एक से पांच प्रतिशत के बीच हो सकती है।

    पशुपालकों को इन बातों का रखना है ध्यान

    यदि आपका पशु इस बीमारी से ग्रसित हो गया है, तो उसे स्वस्थ पशुओं से अलग रखें। पशुओं को मक्खियों और मच्छरों के काटने से बचाने के उपाय करें। पशुशाला की दैनिक सफाई और डिसइन्फैक्शन का स्प्रे करते रहें।

    संक्रमित पशुओं को संतुलित आहार और हरा चारा दें। यदि किसी पशु की मृत्यु हो जाती है, तो उसके शव को गहरे गड्ढे में दबा दें। लंपी संक्रमण से बचाने के लिए पशुओं को आंवला, अश्वगंधा, गिलोय और मुलेठी में से किसी एक का 20 ग्राम गुड़ के साथ लड्डू बनाकर सुबह-शाम खिलाएं।