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    Bihar Bhumi: बिहार के इस जिले में बिना जांच किए 43 मौजों की नहीं होगी जमीन रजिस्ट्री, मौके पर पहुंचेगी टीम

    Updated: Sat, 09 Aug 2025 05:08 PM (IST)

    जहानाबाद में निबंधन विभाग ने राजस्व बढ़ाने के लिए 43 मौजा चिह्नित किए हैं। अब यहां जमीन की रजिस्ट्री बिना जांच के नहीं होगी। टीम मौके पर जाकर भौतिक सत्यापन करेगी। सरकार ने इस वित्तीय वर्ष में 62.94 करोड़ रुपये राजस्व का लक्ष्य रखा है। पिछले वित्तीय वर्ष में विभाग ने 106% राजस्व वसूली का रिकॉर्ड बनाया है। जमीन की हेराफेरी करने वालों से 2.96 करोड़ रुपये वसूले गए।

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    बिना जांच जिले के 43 मौजा की नहीं होगी जमीन रजिस्ट्री। (जागरण)

    जागरण संवाददाता, जहानाबाद। निबंधन विभाग द्वारा राजस्व में वृद्धि किए जाने को लेकर जिले के 43 मौजा को चिह्नित किया गया। इन मौजा के जमीन रजिस्ट्री बिना जांच किए नहीं होगा।

    जमीन रजिस्ट्री के पूर्व विभाग द्वारा गठित टीम के सदस्य स्थल का मुआयना करेंगे। जांच के बाद ही जमीन की प्रकृति के अनुसार राजस्व का निर्धारण किया जाएगा। इसके पूर्व इन मौजा के जमीन की रजिस्ट्री वासिका नवीस एवं जमीन मालिक के कथनानुसार हो जाता था।

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    सरकार ने जहानाबाद अंचल के 13, काको के 27, मखदुमपुर के एक एवं रतनी फरीदपुर अंचल के दो मौजा के जमीन को चिह्नित किया है। सरकार ने निबंधन विभाग को इस वित्तीय वर्ष में 62 करोड़ 94 लाख राजस्व प्राप्ति को लेकर लक्ष्य निर्धारित किया है।

    जांच के लिए टीम का गठन

    लक्ष्य की प्राप्ति करने को लेकर विभाग ने नये मौजा को जांच करने का दायरा बढ़ाया है। जांच में परेशानी नहीं हो उसके लेकर निबंधन विभाग द्वारा एक टीम का गठन किया गया है। टीम के सदस्य संबंधित मौजा के जमीन रजिस्ट्री के लिए कार्यालय में आए कागजात के अनुसार भौतिक सत्यापन को लेकर स्थल पर जाएंगे।

    सरकार द्वारा निर्धारित राजस्व पैमाना के अनुसार जमीन की भौगोलिक स्थिति को टीम के सदस्य परखेंगे। भौतिक सत्यापन का रिपोर्ट कार्यालय को सौंपेंगे, इसके बाद जमीन की रजिस्ट्री की जाएगी।

    सरकार द्वारा 10 डिसमिल जमीन को आवासीय माना गया है। लेकिन ग्रामीण इलाके में ऐसा देखा गया है कि इससे अधिक रकवा वाले जमीन भी आवासीय क्षेत्र में आता है, लेकिन उसमें कृषि योग्य कार्य किया जा रहा है। आवासीय जमीन की रजिस्ट्री में अधिक स्टांप शुल्क देना पड़ता है।

    स्टांप शुल्क विभाग द्वारा पूर्व में ही निर्धारित कर दिया गया है। प्रत्येक मौजा के लिए अलग-अलग स्टांप शुल्क निर्धारित है। नये मौजा को चिह्नित करने के पूर्व जिले के अधिकांश मौजा में जमीन जांच की प्रक्रिया शुरू है। जमीन जांच निबंधन अधिकारी के उपर निर्भर करता है।

    यदि अधिकारी को किसी जमीन के दस्तावेज में रजिस्ट्री के समय शक हुआ तो उस कागजात को जांच के लिए टीम को सौंप देते हैं या स्वयं स्थल निरीक्षण करते हैं।

    106 प्रतिशत लक्ष्य हुआ हासिल

    वित्तीय वर्ष 2024-25 में राजस्व वसूली के मामले में निबंधन कार्यालय ने अपने पिछले पांच साल का रिकॉर्ड तोड़ते हुए 106 प्रतिशत लक्ष्य हासिल कर चुका है। विभाग द्वारा निबंधन कार्यालय को 57.22 करोड़ का लक्ष्य दिया गया था।

    निबंधन विभाग के अधिकारियों ने लक्ष्य प्राप्ति के लिए एक रणनीति के तहत कार्य करते हुए 61 करोड़ 14 लाख 44 हजार रुपये राजस्व की वसूली की थी। पिछले तीन वित्तीय वर्ष में लक्ष्य के अनुरूप राजस्व की प्राप्ति नहीं हो रही थी।

    वित्तीय वर्ष 2024-25 में निबंधन पदाधिकारी ऋषि कुमार सिन्हा एवं कार्यालय अधीक्षक नवीन रंजन के नेतृत्व में गठित टीम द्वारा खरीद बिक्री वाले जमीनों के भौतिक सत्यापन पर जोर दिया गया। जिला निबंधन कार्यालय ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में जमीन रजिस्ट्री में हेराफेरी करने की चोरी पकड़ी थी।

    राजस्व को पहुंचाया गया नुकसान

    आवासीय जमीन को खेतिहर, व्यवसायिक, आवासीय बताकर रजिस्ट्री के समय राजस्व चोरी करने वाले 122 जमीन खरीदने वाले मालिकों से विभाग ने 2 करोड़ 96 लाख रुपये राजस्व की वसूली कर चुका है। दो या तीन मंजिला मकान को एक मंजिला बताकर भी राजस्व को नुकसान पहुंचाया गया था।

    जमीन रजिस्ट्री दस्तावेजों की संदेह होने पर विभाग ने स्थल की जांच कराई, मामला पकड़ में आने पर विभाग का राजस्व बूम कर गया था। जमीन रजिस्ट्री में राजस्व की चोरी पकड़े जाने पर जुर्माने का 10 प्रतिशत अधिक दंड वसूलने का प्रविधान है।